Last Updated:August 20, 2025, 07:55 IST
Constitution 130th Amendment Explained: गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में तीन अहम बिल पेश करेंगे. इनमें से एक बिल पर सबकी नजरें टिकी हैं. इसके तहत पीएम, सीएम, मंत्री अगर 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें पद ...और पढ़ें

संसद के मानसून सत्र में आज का दिन बेहद अहम रहने वाला है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में तीन अहम बिल पेश करने जा रहे हैं. इनमें से एक विधेयक पर सबकी नजरें टिकीं और हों भी क्यों न… इस बिल में ऐसा प्रावधान है कि कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री भी अगर किसी अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है तो उसे पद से हटना पड़ेगा. ये प्रस्तावित कानून केवल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों पर ही नहीं, बल्कि केंद्र के मंत्रियों और प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा.
सरकार बुधवार को लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक पेश करने वाली है. इन बिलों को पेश करने के बाद संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने पर भी विचार किया जाएगा.
पीएम, सीएम, मंत्री… सब पर लागू कानून
संविधान संशोधन विधेयक में धारा 75 में नया क्लॉज़ 5(ए) जोड़ने का प्रस्ताव है. इसके अनुसार यदि कोई मंत्री 30 दिन लगातार गिरफ्तार रहकर हिरासत में रहता है और उस पर ऐसा आरोप है जिसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है, तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन उसे पद से हटा देंगे. अगर प्रधानमंत्री 31वें दिन तक यह सलाह नहीं देते तो भी वह मंत्री अपने आप पद से मुक्त हो जाएगा.
इसी तरह प्रधानमंत्री पर भी नियम और कड़े होंगे. अगर पीएम लगातार 30 दिन हिरासत में रहते हैं तो उन्हें 31वें दिन इस्तीफा देना होगा. अगर इस्तीफा नहीं देते तो वे अपने आप प्रधानमंत्री पद से हट जाएंगे. हालांकि, ऐसे मंत्री या प्रधानमंत्री रिहाई के बाद दोबारा नियुक्त हो सकते हैं. यही प्रावधान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर भी लागू होगा.
संविधान में बदलाव
इस बिल के तहत संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन करने का प्रस्ताव है.
क्यों लाया गया यह बिल?
इस बिल लाने के पीछे मकसद और कारणों के बारे में भी साफ-साफ बताया गया है…
क्यों अहम है यह कदम?
इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपराधिक मामलों में फंसे और जेल में रहने वाले लोग सत्ता में बने न रहें.
सरकार और लोकतांत्रिक संस्थाओं की पारदर्शिता और नैतिकता बनी रहे.
जनता का विश्वास बढ़ेगा कि उनके प्रतिनिधि दोषमुक्त और स्वच्छ छवि वाले होने चाहिए.
अभिषेक मनु सिंघवी ने उठा दिए सवाल
हालांकि विपक्ष ने इस पर कड़ा विरोध जताया है. कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे ‘विपक्ष को अस्थिर करने की साजिश’ बताया. उन्होंने कहा कि बिना दिशानिर्देशों के मनमाने तरीके से विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारियां की जा रही हैं. ऐसे कानून से किसी भी विपक्षी मुख्यमंत्री को केवल गिरफ्तारी के जरिये पद से हटाया जा सकता है, जबकि सत्ता पक्ष के नेताओं को छुआ भी नहीं जाता.
इससे पहले भी कई मंत्री और मुख्यमंत्री गिरफ्तारी के बावजूद पद पर बने रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष ने केंद्र पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया था. अब इस नए प्रस्ताव ने संसद में राजनीतिक टकराव और तेज कर दिया है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 20, 2025, 07:53 IST