Last Updated:August 20, 2025, 08:20 IST
Sudarshan Reddy News: कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया है. यह वही रेड्डी हैं जिनकी 2013 में गोवा के लोकायुक्त के रूप में नियुक्ति का कांग्रेस ने जमकर व...और पढ़ें

Sudarshan Reddy News: कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया. यह घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद की. लेकिन, नामांकन की घोषणा के साथ ही पूर्व जस्टिस सुदर्शन रेड्डी से जुड़े किस्से मीडिया में तैरने लगे. यह वही सुदर्शन रेड्डी हैं जिन्हें 2013 में गोवा का लोकायुक्त बनाया गया था. रेड्डी की इस नियुक्ति का कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने जमकर विरोध किया था. तब इन दलों ने रेड्डी को बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का यस मैन करार दिया था. कांग्रेस और एनसीपी ने उनकी नियुक्ति को गैरकानूनी बताया था.
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के अकुला माइलारम गांव में हुआ था. उन्होंने 1971 में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकरण कराया था. उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में रिट और सिविल मामलों में प्रैक्टिस की और 1988-90 तक हाईकोर्ट में सरकारी वकील रहे. 1995 में वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी जज बने, 2005 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और 2007 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए. 2011 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद 2013 में उन्हें गोवा का पहला लोकायुक्त नियुक्त किया गया. इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस ने एक विस्तृत रिपोर्ट छापी है.
2013 में गोवा के लोकायुक्त बने थे रेड्डी
रेड्डी की लोकायुक्त के रूप में नियुक्ति 16 मार्च 2013 को गोवा के राज्यपाल बी.वी. वांचू द्वारा शपथ दिलाए जाने के साथ हुई. लेकिन इस समारोह में विपक्षी दलों के विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया. कांग्रेस और एनसीपी कार्यकर्ताओं ने राजभवन के पास काले झंडे लहराकर विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप था कि रेड्डी को पर्रिकर ने अपने खास व्यक्ति के रूप में चुना था. सामाजिक कार्यकर्ता और वकील एयर्स रोड्रिग्स ने रेड्डी की नियुक्ति को बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच में चुनौती दी.
रोड्रिग्स ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मैंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी क्योंकि रेड्डी की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से या कानून के अनुसार नहीं हुई थी. उनके गोवा छोड़ने का तरीका यह साबित करता है कि उनमें सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और जवाबदेही की कमी थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में कोई खामी नहीं थी.
सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के बाद गोवा के लोकायुक्त बने थे.
निजी कारणों से छोड़ दिया था पद
जस्टिस रेड्डी ने शपथ लेने के बाद कहा था कि मैं गोवा के लोगों की सेवा अपनी 42 साल की न्यायिक प्रक्रिया के अनुभव के साथ करूंगा. इसमें कोई भय, पक्षपात या दुर्भावना नहीं होगी. उन्होंने भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा किया. लेकिन उनकी यह पारी केवल सात महीने तक चली. अक्टूबर 2013 में निजी कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इस दौरान लोकायुक्त ने गोवा में 2007-2012 के बीच कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से जुड़े अवैध खनन घोटाले की शिकायतों की जांच शुरू की थी. जस्टिस एमबी शाह की अध्यक्षता वाली केंद्र सरकार की जांच समिति ने इस घोटाले में कई नौकरशाहों और खनन कंपनियों के अधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा किया था. पर्रिकर सरकार ने इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया था. इसके अलावा रेड्डी के कार्यकाल में स्वास्थ्य विभाग में भर्ती से जुड़े एक घोटाले की भी जांच चल रही थी.
अब 2025 में इंडिया गठबंधन ने उसी रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना है. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने इसे वैचारिक लड़ाई करार दिया. खड़गे ने रेड्डी को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का सच्चा समर्थक बताया, जो गरीबों के हित में फैसले लेते रहे हैं. रेड्डी की सुप्रीम कोर्ट में कार्यावधि के दौरान सलवा जुदुम मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की नीति को असंवैधानिक ठहराना और काले धन की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने जैसे फैसले उल्लेखनीय रहे.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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First Published :
August 20, 2025, 08:20 IST