Last Updated:November 08, 2025, 17:45 IST
ED Attack PFI Property: ईडी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की 67.03 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त कीं. एजेंसी के अनुसार यह फंडिंग गल्फ देशों से हवाला और चंदे के जरिए आई थी. पैसा देश में आतंकी और हिंसक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हुआ. अब तक 129 करोड़ की संपत्तियां अटैच और 28 नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है.
ईडी ने PFI की 67 करोड़ की संपत्तियां अटैच कीं.नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की बड़ी कार्रवाई में 67.03 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच कर ली हैं. जांच एजेंसी का दावा है कि यह संपत्तियां PFI और उसके राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़ी हैं. इन्हें अलग-अलग ट्रस्टों के नाम पर छिपाया गया था.
ED के अनुसार PFI और SDPI ने देश और विदेश, खासकर गल्फ देशों से फंडिंग, हवाला और दान के ज़रिए पैसे जुटाए, जिनका इस्तेमाल भारत में हिंसक और आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए किया गया. अब तक की जांच में एजेंसी को लगभग 131 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का पता चला है.
8 संपत्तियां जब्त, कीमत करीब 67 करोड़ रुपए
ED ने बताया कि जिन 8 अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है, वे अलग-अलग राज्यों में फैली हुई हैं और विभिन्न ट्रस्टों व संगठनों के नाम पर दर्ज थीं. इन संपत्तियों की कुल कीमत करीब ₹67.03 करोड़ है. इससे पहले भी ईडी ने PFI की ₹62 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थीं. अब तक कुल जब्त संपत्तियों की कीमत ₹129 करोड़ पहुंच गई है.
फंडिंग का नेटवर्क – गल्फ देशों से हवाला के ज़रिए पैसा
ED की जांच में सामने आया है कि PFI और उससे जुड़े संगठनों ने खाड़ी देशों (Gulf Nations) से फंडिंग प्राप्त की. ये फंड हवाला नेटवर्क के ज़रिए भारत लाया गया और कई बार इसे चैरिटी व एजुकेशनल ट्रस्ट्स के नाम पर दिखाया गया. जांच में यह भी पाया गया कि इन पैसों का इस्तेमाल युवाओं को उकसाने और हथियार प्रशिक्षण के लिए किया गया.
‘जिहादी एजेंडा’ के लिए फिजिकल ट्रेनिंग की साजिश
ED ने आरोप लगाया है कि PFI अपने सदस्यों को हथियार चलाने और फिजिकल ट्रेनिंग के जरिए कट्टर विचारधारा के लिए तैयार कर रहा था. कई युवाओं को “संगठित अभियान” के तहत भर्ती किया गया. एजेंसी ने अब तक PFI और SDPI के 28 नेताओं व सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.के. फैज़ी भी शामिल हैं.
ED की कार्रवाई और अब तक की जांच
ED ने कहा है कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है. एजेंसी का कहना है कि फंड जुटाने की यह प्रक्रिया योजनाबद्ध और संगठित थी. इसका उद्देश्य देश विरोधी गतिविधियों को समर्थन देना था. ईडी अब इन संपत्तियों की खरीद में शामिल फर्जी लेनदेन और शैल कंपनियां (Shell Entities) की भी जांच कर रही है.
PFI और SDPI पर पहले से लगे हैं गंभीर आरोप
PFI और SDPI पर पहले भी अवैध फंडिंग, दंगा भड़काने, और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं. गृह मंत्रालय ने 2022 में PFI पर 5 साल का बैन लगाया था. इसमें कहा गया था कि संगठन भारत की सुरक्षा और एकता के लिए खतरा है. ED की यह कार्रवाई उसी क्रम में एक और बड़ा कदम मानी जा रही है.
क्या है आगे की कार्रवाई?
एजेंसी ने बताया कि आगे की जांच में PFI की फंडिंग से जुड़े विदेशी लिंक और संपत्ति निवेश के स्रोतों का पता लगाया जा रहा है. ईडी अब उन ट्रस्टों और एनजीओ पर भी नजर रख रही है जिनके माध्यम से यह पैसा भारत लाया गया. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में एजेंसी और संपत्तियां जब्त कर सकती है.
ED की जांच में सामने आए अहम फैक्ट
अब तक गिरफ्तारियां: कुल 28 लोगों की गिरफ्तारी, जिनमें PFI के चेयरमैन, महासचिव, नेशनल व स्टेट एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य, SDPI के राष्ट्रीय अध्यक्ष और Physical Education ट्रेनर शामिल हैं. अवैध कमाई : अब तक ₹131 करोड़ की अवैध कमाई की पहचान की गई है. संपत्तियों की कुल अटैचमेंट: कुल ₹129 करोड़ की संपत्तियां जब्त, जिनमें ₹2.41 करोड़ की मूवेबल और ₹126.6 करोड़ की इमूवेबल संपत्तियां (मुख्यतः केरल में 61 प्रॉपर्टी) शामिल हैं.हवाला और नकद लेन-देन का तरीका:
2009 से 2022 के बीच PFI खातों में ₹62 करोड़ जमा हुए, जिनमें ₹32 करोड़ नकद थे. SDPI खातों में ₹32 करोड़ आए, जिनमें ₹22 करोड़ नकद जमा. फर्जी डोनर, नकली दान रसीदें, और कॉनड्यूट अकाउंट्स के जरिए धन शोधन किया गया. गल्फ देशों में फंडरेजिंग टारगेट तय किए गए और पैसा हवाला से भारत लाया गया. बड़ी मात्रा में नकद राशि बैंक में जमा नहीं की गई ताकि वित्तीय ट्रेल छिपाया जा सके.Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...
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First Published :
November 08, 2025, 17:45 IST

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