Last Updated:September 08, 2025, 18:26 IST
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की मेहनत अब रंग ला रही है. बिहार में उनकी पैदल यात्रा ने सियासी तूफान ला दिया है. खासकर तेजस्वी यादव और आरजेडी की नींद उड़ गई है. सवाल यह है कि पीके किस पार्टी को सबसे ज्यादा ...और पढ़ें

पटना. जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की दो साल की मेहनत अब रंग लाती नजर आ रही है. बिहार में हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा का फल वैसे तो नवंबर में मिलेगा, लेकिन परिणाम से मिल रही झलकियां एनडीए के साथ-साथ महागठबंधन के लिए भी खतरे की घंटी है. खासकर आरजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव की रातों की नींद पीके के एक फैसले से होने जा रहा है. प्रशांत किशोर की राजनीति बिहार में किस पार्टी की जमीन दरकाने का काम करेगी यह तो नतीजे के बाद ही पता चलेगा. लेकिन पीके के पीछे जन सैलाब बता रहा है कि वह किसी एक जाति या वर्ग का नहीं पूरे बिहार के नायक के तौर पर उभर रहे हैं?
बिहार की राजनीति में अब एक नया अध्याय शुरू हो चुका है और इस अध्याय के नायक बनकर उभरे हैं जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर. पिछले दो साल से बिहार के गांव-गांव और गली-गली में उनकी पदयात्रा और सभाओं ने काफी हद तक बिहारियों के दिल से जातिवाद के बीज को खत्म करने का काम किया है. प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2022 को पश्चिम चंपारण से अपनी ‘जन सुराज’ पदयात्रा की शुरुआत की थी. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य बिहार की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को समझना और एक वैकल्पिक राजनीतिक मंच तैयार करना था. हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने आम लोगों से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें राजनीति में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया. इस यात्रा का असर अब दिखने लगा है.
प्रशांत किशोर किस पार्टी का बिहार में बिगाडेंगे खेल?
किस वर्ग का मिल रहा है सबसे ज्यादा समर्थन?
प्रशांत किशोर की यात्रा को हर वर्ग से समर्थन मिल रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा समर्थन उन्हें युवाओं और उन लोगों से मिल रहा है जो बिहार की पारंपरिक जातिवादी राजनीति से ऊब चुके हैं. प्रशांत किशोर अपनी रैलियों में साफ कहते हैं कि बिहार को जाति के बजाय विकास और शिक्षा की राजनीति की जरूरत है. उनकी इस बात से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में युवा, खासकर गैरयादव ओबीसी, भूमिहार और ब्राह्मण समाज के लोग उनके साथ जुड़ रहे हैं. प्रवासी बिहारी भी प्रशांत किशोर के साथ खुलकर सामने आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि प्रशांत किशोर बिहार की छवि को बदल सकते हैं.
किसकी जमीन खिसकेगी?
अप्रवासी बिहारी हमेशा से बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं, लेकिन अब तक उनका प्रभाव सीमित था. प्रशांत किशोर की यात्रा ने इन अप्रवासी बिहारियों में एक नई चेतना जगाई है. सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से प्रशांत किशोर की बातें उन तक पहुंच रही हैं और वे भी बिहार में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं. 2025 के चुनाव में अप्रवासी बिहारी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को प्रभावित करके वोट डालने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जो चुनाव का रुख बदल सकता है.
चिराग के गढ़ में पीके ने कर दिया बड़ा ऐलान.
2025 या 2030 की तैयारी?
प्रशांत किशोर की राजनीति से सबसे ज्यादा नुकसान महागठबंधन, खासकर आरजेडी को हो सकता है. आरजेडी का मुख्य वोट बैंक यादव और मुस्लिम हैं, लेकिन प्रशांत किशोर ने गैरयादव ओबीसी और अन्य जातियों को अपनी ओर खींचकर आरजेडी के वोट बैंक में सेंध लगाई है. इसके अलावा वह नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार पर भी लगातार सवाल उठा रहे हैं, जिससे एनडीए को भी नुकसान हो सकता है. प्रशांत किशोर की राजनीति किसी एक पार्टी के खिलाफ नहीं है, बल्कि वह बिहार की पूरी राजनीति को बदलने का दावा कर रहे हैं.
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प्रशांत किशोर का कहना है कि उनकी यात्रा का उद्देश्य 2025 के चुनाव में किसी पार्टी को हराना या जिताना नहीं है, बल्कि बिहार में एक नए तरह की राजनीति की शुरुआत करना है. उनका कहना है कि जन सुराज एक दीर्घकालिक परियोजना है, जिसके परिणाम 2030 तक भी देखने को मिल सकते हैं. हालांकि, जिस तरह से उनकी रैलियों में भीड़ उमड़ रही है और जिस तरह से उन्हें हर वर्ग से समर्थन मिल रहा है, उससे यह लगता है कि 2025 के चुनाव में ही वह एक बड़ा खेल कर सकते हैं.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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Location :
Patna,Patna,Bihar
First Published :
September 08, 2025, 18:26 IST