PM मोदी की डिग्री पर आ गया दिल्‍ली हाईकोर्ट का फैसला, जानें क्‍या है आदेश?

7 hours ago

Last Updated:August 25, 2025, 16:39 IST

PM Narendra Modi News: दिल्ली हाईकोर्ट ने DU को पीएम नरेंद्र मोदी की बैचलर डिग्री सार्वजनिक करने से रोका, निजी जानकारी RTI एक्ट के तहत संरक्षित बताई, राजनीतिक विवाद के लिए जानकारी नहीं दी जाएगी.

PM मोदी की डिग्री पर आ गया दिल्‍ली हाईकोर्ट का फैसला, जानें क्‍या है आदेश?कोर्ट ने पीएम की डिग्री पर फैसला सुनाया. (File Photo)

पीएम नरेंद्र मोदी की बैचलर डिग्री को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. दिल्‍ली हाईकोर्ट ने सोमवार को साफ शब्‍दों में कहा कि किसी व्‍यक्ति की निजी जानकारी को शेयर नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) को इस मामले में बड़ी राहत दे दी है. केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने इससे पहले डीयू को आदेश दिया था कि वो प्रधानमंत्री की बैचलर डिग्री को सार्वजनिक करें. इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई.

व्यक्तिगत सूचना RTI एक्‍ट से बाहर
जस्टिस सचिन दत्ता की सिंगल बेंच ने स्पष्ट कहा कि किसी भी व्यक्ति की शैक्षणिक योग्यता, डिग्री या मार्कशीट से जुड़ी जानकारी “व्यक्तिगत सूचना” की श्रेणी में आती है और यह आरटीआई एक्ट की धारा 8(1)(j) के तहत संरक्षित है. हाईकोर्ट के इस फैसले के साथ प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री को लेकर चल रहा पुराना विवाद एक बार फिर चर्चा में आ गया. दरअसल, 2016 में एक आरटीआई आवेदनकर्ता नीरज ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन सभी छात्रों के रिकॉर्ड देखने की अनुमति मांगी थी जिन्होंने साल 1978 में बीए की परीक्षा पास की थी. बताया जाता है कि इसी साल पीएम मोदी ने भी बीए पास किया था. केंद्रीय सूचना आयोग ने दिसंबर 2016 में इस आवेदन को मंजूरी देते हुए रिकॉर्ड की जांच की इजाज़त दी थी. लेकिन जनवरी 2017 में दिल्ली हाईकोर्ट ने CIC के आदेश पर रोक लगा दी थी.

राजनीतिक विवाद के लिए जानकारी नहीं दी सकती
सोलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में दिल्ली यूनिवर्सिटी का पक्ष रखते हुए दलील दी कि “राइट टू प्राइवेसी (गोपनीयता का अधिकार), राइट टू नो (जानने के अधिकार) से ऊपर है.” उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी अदालत को पीएम मोदी की डिग्री का रिकॉर्ड दिखाने को तैयार है, लेकिन किसी “अनजान व्यक्ति” को इसकी जांच की अनुमति नहीं दी जा सकती. DU ने यह भी तर्क रखा कि विश्वविद्यालय छात्रों के रिकॉर्ड को फिड्यूशियरी क्षमता में संभालता है और महज किसी की जिज्ञासा या राजनीतिक विवाद के चलते यह जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती.

जनहित के नाम पर निजी जानकारी नहीं
वहीं, आरटीआई आवेदनकर्ताओं की ओर से तर्क दिया गया था कि प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की शैक्षणिक योग्यता जानना जनहित में आता है. लेकिन हाईकोर्ट ने साफ किया कि महज जनहित के नाम पर किसी की निजी शैक्षणिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती. जस्टिस दत्ता ने कहा कि यह मामला न केवल प्रधानमंत्री की डिग्री बल्कि भविष्य में हर नागरिक की गोपनीयता को प्रभावित करेगा.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

August 25, 2025, 16:39 IST

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