Last Updated:June 06, 2025, 11:29 IST
Repo Rate Impact on EMI: आरबीआई ने रेपो रेट में 0.5% की कटौती की है. इससे होम, कार और पर्सनल लोन की ब्याज दरें कम होंगी. यह कदम आर्थिक सुस्ती और महंगाई के बीच सस्ती क्रेडिट की मांग को पूरा करेगा.

आरबीआई ने रेपो रेट में 0.5% की कटौती कर आम आदमी को दी बड़ी राहत
हाइलाइट्स
आरबीआई ने रेपो रेट में 0.5% की कटौती की.होम, कार और पर्सनल लोन की ब्याज दरें कम होंगी.आर्थिक सुस्ती और महंगाई के बीच सस्ती क्रेडिट की मांग बढ़ेगी.RBI Repo Rate News: लोन के बोझ तले दबे आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है. अगर आपकी ईएमआई कटती है या फिर नए लोन लेने की सोच रहे हैं तो आरबीआई ने बड़ी राहत दी है. इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए आरबीआई ने बड़ा कदम उठाया है. आरबीआई ने शुक्रवार को सरप्राइज देते हुए रेपो रेट को 0.5 प्रतिशत यानी 50 बेसिस प्वाइंट घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया. आरबीआई ने ऐसे वक्त में यह कदम उठाया है, जब पूरी दुनिया में ट्रेड वॉर को लेकर अनिश्चितता के बादल छाए हुए हैं. अब सवाल है कि आखिर आरबीआई का यह फैसला कैसे अपने आप में सरप्राइजिंग है?
दरअसल, आरबीआई ने इससे पहले इस साल फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. पिछले कुछ सालों से आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की ही कमी करता आया है. पिछले पांच सालों में यह पहली बार है, जब आरबीआई ने 50 बेसिस प्वाइंट में कटौती की है. आखिरी बार आरबीआई ने 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती मई 2020 में की थी. उस समय रेपो रेट को 4.40% से घटाकर 4.00% किया गया था. यह कटौती कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभावों को कम करने के लिए की गई थी. अबकी बार यह कदम ऐसे समय में आया है, जब देश में आर्थिक सुस्ती और महंगाई के बीच सस्ती क्रेडिट की मांग बढ़ रही थी.
आरबीआई ने क्या ऐलान किया
आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज अपनी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा की. यह पिछले कुछ महीनों में तीसरी कटौती है, जो अर्थव्यवस्था को गति देने और आम आदमी को राहत देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इस फैसले से होम लोन, कार-ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें कम होने की उम्मीद है. इसका सीधा लाभ आम लोगों को मिलेगा. दरअसल, रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है. इस कटौती से बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता होगा, जिसका असर वे ग्राहकों को कम ब्याज दरों के रूप में दे सकते हैं.
फायदे को ऐसे समझें
इसे एक उदाहरण के जरिए समझने की कोशिश करते हैं. मान लीजिए कि 50 लाख रुपये के 20 साल के होम लोन पर 8.5% ब्याज दर से मासिक ईएमआई करीब 43,391 रुपये है. 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद अगर ब्याज दर 8% हो जाती है तो ईएमआई घटकर करीब 41,796 रुपये हो सकती है. यानी मासिक 1595 रुपये और पूरे लोन अवधि में करीब 3.8 लाख रुपये की बचत. यह न केवल होम लोन, बल्कि कार, एजुकेशन और कमर्शियल लोन लेने वालों के लिए भी राहत लाएगा. हालांकि, यह जरूर नहीं. पिछली बार कार और अन्य लोन पर ब्याज दर नहीं घटा था.
सरप्राइजिंग मोमेंट
रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कमी आरबीआई का चौंकाने वाला फैसला है. यह 2020 के बाद पहली बार है, जब इतनी कटौती हुई है. इससे पुराने लो वालों को तो फायदा होगा ही. साथ ही जिन लोगों को नया लोन लेना है, उनके लिए यह समय फायदेमंद होगा. ब्याज दरें कम होने के कारण लोन की योग्यता भी बढ़ेगी, यानी आप अधिक राशि तक लोन ले सकेंगे. कम ब्जाज दर पर सस्ती क्रेडिट मिलने से छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को राहत मिलेगी. यह निवेश बढ़ाने और रोजगार सृजन में मददगार हो सकता है. कुल मिलाकर आरबीआई के फैसले से आम आदमी की जेब पर EMI का बोझ कम होगा. इस फैसले से निवेश बढ़ेगा और बाजार में मांग को बढ़ावा मिलेगा.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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