Last Updated:July 04, 2025, 09:09 IST
Indian Railway compensation News- अगर आप समय से रेलवे स्टेशन पहुंच जाते हैं, इसके बावजूद रेलवे द्वारा दी जाने वाली सेवा में कमी की वजह से ट्रेन छूट जाती है तो आपको मुआवजा मिल सकता है.

मामला पिछले साल फरवरी का है.एआई फोटो
हाइलाइट्स
उत्तर रेलवे के गाजियाबाद कोर्ट का मामलाप्लेटफार्म बदलने का नहीं हुआ अनाउंसमेंटकंज्यूमर फोरम में सेवा में कमी मानकर दिया फैसलाRailway compensation News.अगर आप स्टेशन समय पर पहुंच गए हैं और आपकी ट्रेन छूट जाती है तो आपको मुआवजा मिल सकता है. उत्तर रेलवे के गाजियाबाद स्टेशन में ऐसे ही एक मामले में डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कोर्ट ने यात्री के पक्ष में फैसला दिया है. फोरम ने ट्रेन का अनाउंसमेंट न करने को सेवा में कमी माना है, इसी आधार पर फैसला दिया गया है.
मामला 29 फरवरी 2024 का है. मुरादनगर, गाजियाबाद के रहने वाले अनुभव प्रजापति पत्नी प्रियंका और बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से झांसी जाने के लिए गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचे. उनकी ट्रेन तड़के 3.20 बजे प्लेटफार्म नंबर 3 से थी. वो समय से स्टेशन पहुंच गए और वेटिंग रूम में इंतजार कर रहे थे. बाद में ट्रेन के 40 मिनट की देरी से आने का अनाउंसमेंट हुआ. वे 3:25 बजे प्लेटफॉर्म 3 पर गए. लेकिन वहां अयोध्या एक्सप्रेस खड़ी थी, जो 45 मिनट से अधिक समय तक रुकी रही.
इस दौरान छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के बारे में कोई अनाउंसमेंट नहीं हुआ. प्रजापति ने स्टेशन मास्टर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका कमरा लॉक था. परेशान होकर सुबह 5:21 बजे उन्होंने रेलवे अधिकारियों को टैग करते हुए एक्स किया, इसके बावजूद कोई जवाब नहीं मिला. सुबह 6 बजे उन्हें पता चला कि जब वे प्लेटफॉर्म 3 पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तब छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 2 से चली गयी.
जवाब नहीं मिला
फोरम में सुनवाई के दौरान रेलवे अधिकारियों ने लिखित जवाब नहीं दिया.रेलवे के वकील ने मौखिक रूप बताया कि अगर ट्रेन तीन घंटे से ज्यादा लेट होती, तो टिकट रिफंड हो सकता था, लेकिन यह ट्रेन इतनी लेट नहीं थी. हालांकि फोरम ने माना कि रिफंड के लिए तकनीकी आधार नहीं थे, लेकिन ट्रेन के आने और जाने की सही अनाउंसमेंट न होने की वजह से ट्रेन छूटी और परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ा है.
45 दिन में देना है मुआवजा
वहीं फोरम ने कहा, “रेलवे की ओर से अनाउंसमेंट किए जाने के कोई सबूत नहीं दिए, जो सेवा में कमी है, जिसके कारण ट्रेन छूटी और यात्रियों को मानसिक परेशानी हुई.” 23 जून के आदेश में स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर, मंडल रेल प्रबंधक और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को 45 दिनों के भीतर मुआवजा देने का निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में उत्तर रेलवे का कहना है कि पहले मामले की जांच कराई जाएगी कि अनाउंसमेंट हुआ या नहीं. अगर नहीं हुआ तो इसकी वजह क्या रही. इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
Sharad Pandeyविशेष संवाददाता
करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...और पढ़ें
करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...
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Location :
Ghaziabad,Uttar Pradesh