Turkey: 2 लाख लोगों को जिंदा जलवाया... रेप-मर्डर की खुली छूट, कुछ ऐसा था ऑटोमन साम्राज्य

6 hours ago

Ottoman Empire: इन दिनों भारत और दुनिया में तुर्की की खूब चर्चा है. आतंकियों का साथ दे रहे तुर्की के एर्दोगान इस्लामिक देशों के मुखिया बनने की कोशिश कर रहे हैं. आइए तुर्की का कुछ इतिहास भी समझ लेते हैं. तुर्की का ऑटोमन साम्राज्य करीब 600 साल तक दुनिया के बड़े हिस्से पर राज करता रहा लेकिन उसकी क्रूरता की कहानियां आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. भारत में मुगलों की कठोरता को अक्सर याद किया जाता है लेकिन ऑटोमन शासक उनसे भी आगे निकल गए. इस साम्राज्य की शुरुआत उस्मान प्रथम ने 1299 में की थी और इसका अंत 1922 में तुर्की गणराज्य की स्थापना के साथ हुआ.

भाइयों-भतीजों और रिश्तेदारों को मार देते..
असल में ऑटोमन सुल्तानों ने अपनी सत्ता बचाने के लिए कई अमानवीय फैसले लिए. वे अपने ही भाइयों-भतीजों और रिश्तेदारों को मार देते थे ताकि तख्त पर कोई और दावा न कर सके. सातवें सुल्तान मेहमेद द्वितीय ने तो सुल्तान बनते ही अपने नवजात भाई को डुबोकर मार डाला. सलीम प्रथम ने सत्ता में आते ही अपने दो भाइयों और पांच भतीजों की हत्या करवा दी थी. ऐसे घिनौने काम उस समय आम हुआ करते थे. सुलेमान प्रथम ने अपने दो बेटों को मरवा दिया जबकि मेहमेद तृतीय ने 19 भाइयों और 20 बहनों को मरवा डाला. यह सब उस समय कानूनी रूप से जायज माना जाता था.

कर्मचारियों को टुकड़ों में काट दिया..

इस साम्राज्य की क्रूरता केवल महल तक सीमित नहीं रही. साल 1453 में सुल्तान मेहमूद ने 21 साल की उम्र में कॉन्स्टेंटिनोपल पर कब्जा किया और सैनिकों को 3 दिन तक शहर को लूटने चर्चों को तोड़ने और महिलाओं के साथ बलात्कार की खुली छूट दे दी. यहां तक कि छोटे-छोटे अपराधों पर भी लोगों को काट दिया जाता था. पूरी तरह से खुली छूट मिली हुई थी. एक बार एक फल चोरी हुआ तो 14 कर्मचारियों को टुकड़ों में काट दिया गया.

मैदान में भी क्रूरता की सारी हदें पार

कई इतिहासकारों के दस्तावेजों में इस बात का भी जिक्र है कि ऑटोमन शासकों ने युद्ध के मैदान में भी क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. सलीम प्रथम ने यो हंगरी पर हमला कर दो लाख लोगों का कत्लेआम कराया. सैकड़ों लोगों को जिंदा अलाव में झोंक दिया गया. लड़कियों को पकड़कर हरम में डाल दिया गया. आर्मेनियाई लोगों के नरसंहार को आज भी 20वीं सदी का सबसे भयावह जनसंहार माना जाता है. जिसमें 15 लाख लोगों को 1915 से 1923 के बीच मौत के घाट उतार दिया गया.

ऑटोमन साम्राज्य का इतिहास केवल सत्ता विस्तार और युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस क्रूरता की मिसाल है जिसने अपने भाइयों के खून से सिंहासन को रंगा और लाखों निर्दोषों की जान लेकर इतिहास में डर और हैरानी के साथ अपनी जगह बनाई. एक इतिहासकार ने यह भी लिखा कि उस समय अघोषित नियम था कि रेप और कत्ल की खुली छूट मिली हुई थी.

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