Last Updated:July 28, 2025, 12:59 IST
UPSC Exam: संघ लोक सेवा आयोग की किसी भी परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने पर उम्मीदवार के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाता है. एक उम्मीदवार को 3 सालों के लिए बैन तक कर दिया गया.

नई दिल्ली (UPSC Exam). यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है. आईएएस, आईपीएस, आईएफएस जैसे टॉप पदों तक पहुंचने का यही सबसे जरूरी माध्यम है. हर साल लाखों अभ्यर्थी कड़ी मेहनत और सालों की तैयारी के बाद इस परीक्षा में शामिल होते हैं. यूपीएससी अपने सख्त नियमों, निगरानी की मॉडर्न टेक्नीक्स और पारदर्शिता के लिए जाना जाता है. लेकिन इसके बावजूद हर साल कुछ लोग शॉर्टकट अपनाकर नकल करने की कोशिश करते हैं.
नकल की कोशिश न सिर्फ उम्मीदवार का करियर बर्बाद कर देती है, बल्कि उनकी सालों की मेहनत पर भी पानी फेर देती है. यूपीएससी में नकल करते हुए पकड़े जाने का मतलब है – परीक्षा केंद्र से तुरंत बाहर, आजीवन प्रतिबंध और कई मामलों में पुलिस केस भी. हाल के वर्षों में UPSC और अन्य सरकारी आयोगों ने नकल रोकने के लिए हाईटेक जैमर, CCTV निगरानी, बॉयोमेट्रिक पहचान जैसे कड़े इंतजाम किए हैं. इसके बावजूद कुछ लोग ब्लूटूथ डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक चिप, नकली ID जैसे तरीकों से नियम तोड़ने की कोशिश करते हैं.
यूपीएससी परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने पर क्या होता है?
यूपीएससी की किसी भी परीक्षा में नकल, फर्जी डॉक्यूमेंट्स या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का गैरकानूनी इस्तेमाल अब Bharatiya Nyaya Sanhita (BNS) 2023 के तहत अपराध माना जाता है. अगर कोई उम्मीदवार ब्लूटूथ डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक चिप या नकली पहचान पत्र से नकल करता हुआ पकड़ा जाता है तो उस पर BNS की धारा 316 (Cheating) और धारा 317 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी) लागू होती है. अगर संगठित गिरोह या एजेंट शामिल पाए जाते हैं तो धारा 109 (साजिश) और धारा 71 (अभियोजन में सहायता) भी लग सकती है.
इन धाराओं के तहत सजा क्या हो सकती है?
BNS की धारा 316 के अनुसार, धोखाधड़ी के अपराध में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है. अगर फर्जी दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिलते हैं तो सजा और सख्त हो सकती है. परीक्षा में नकल करना संगठित अपराध श्रेणी में आता है. इसलिए अदालत इसे गंभीर अपराध मानती है. हाल ही में यूपीएससी कंबाइंड मेडिकल सर्विसेस एग्जाम में एक उम्मीदवार को नकल करते हुए पकड़े जाने पर उसे 3 सालों के लिए परीक्षा से बैन कर दिया गया.
2024 में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल कर रहा था उम्मीदवार
2024 में UPSC प्रीलिम्स के दौरान राजस्थान के अजमेर में एक कैंडिडेट को ब्लूटूथ डिवाइस और माइक्रो ईयरफोन की मदद से नकल करते हुए पकड़ा गया था. परीक्षा केंद्र पर संदिग्ध व्यवहार देखकर फ्लाइंग स्क्वॉड ने उसकी तलाशी ली तो उसके कान में माइक्रो ईयरफोन और कमर पर सिम कार्ड फिट डिवाइस मिला. तुरंत पुलिस बुलाई गई और युवक को गिरफ्तार किया गया. बाद में उस पर धोखाधड़ी और परीक्षा में फर्जीवाड़े की धाराओं में केस दर्ज हुआ और यूपीएससी ने उसे तुरंत परीक्षा से बाहर कर दिया.
नकल की सजा कितनी गंभीर हो सकती है?
कई मामलों में कोर्ट ने ऐसे आरोपियों को जेल की सजा भी सुनाई है. इस मामले में अगर कोई गिरोह शामिल हो तो Organized Crime एक्ट के तहत भी केस चल सकता है. इसके अलावा भविष्य में सरकारी नौकरी में डिबार होना तय है. नकल सिर्फ परीक्षा के नियम तोड़ना नहीं, बल्कि नैतिक अपराध भी माना जाता है. प्रशासनिक पदों पर बैठे व्यक्ति से ईमानदारी और चरित्र की सबसे ज्यादा उम्मीद की जाती है. UPSC जैसी संस्थाएं सख्त कदम उठाकर अच्छा उदाहरण पेश करती हैं.
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें
Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...
और पढ़ें