‘अग्नि-5’ मिसाइल क्‍या भारत के लिए गेमचेंजर साबित होगी? आप भी दें जवाब

2 hours ago

Last Updated:August 20, 2025, 23:33 IST

भारत ने ओडिशा के चांदीपुर से अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया. इसकी 5,000 किमी मारक क्षमता है. यह परमाणु और पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है. चीन और पाकिस्तान पर असर पड़ेगा.

‘अग्नि-5’ मिसाइल क्‍या भारत के लिए गेमचेंजर साबित होगी? आप भी दें जवाबअग्नि-5 (फोटो: पीटीआई)

भारत ने बुधवार को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से अपनी अत्याधुनिक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का सफल परीक्षण किया. यह उपलब्धि सिर्फ तकनीकी या रक्षा क्षेत्र की जीत नहीं है, बल्कि सामरिक और कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत की ताकत को नई ऊंचाई देने वाली मानी जा रही है. अब बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या यह मिसाइल भारत के लिए असली गेमचेंजर साबित होगी?

‘अग्नि-5’ की खासियत है इसकी 5,000 किलोमीटर से अधिक मारक क्षमता. यानी एशिया के अधिकांश हिस्सों और यूरोप के कुछ हिस्सों तक यह मिसाइल पहुंच सकती है. इसकी सटीकता, मार्गदर्शन और स्टेज सेपरेशन तकनीक को परीक्षण में परखा गया और सभी मानकों पर यह खरी उतरी. विशेषज्ञों के मुताबिक इस क्षमता ने भारत की रणनीतिक पहुंच को अभूतपूर्व मजबूती दी है.

परमाणु और पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम
यह मिसाइल परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के वारहेड ले जाने में सक्षम है. यानी ज़रूरत पड़ने पर भारत न केवल प्रतिरोध दिखा सकता है, बल्कि निर्णायक जवाब भी दे सकता है. इसके अलावा, यह मिसाइल सड़क-गतिशील लॉन्चर से छोड़ी जा सकती है, जिससे इसकी तैनाती और भी लचीली और तेज हो जाती है.

भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति पर सवाल नहीं
सरकार ने साफ किया है कि यह परीक्षण भारत की घोषित परमाणु नीति-“विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध” और “पहले इस्तेमाल नहीं” की पुष्टि करता है. यानी ‘अग्नि-5’ के आने से भारत की आक्रामक नीति नहीं बदली है, बल्कि उसकी सुरक्षा ढाल और मजबूत हुई है.

चीन और पाकिस्तान पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल की पहुंच सीधे तौर पर चीन तक है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन भारत के पक्ष में झुकता है. पाकिस्तान के खिलाफ भारत पहले से ही पर्याप्त मिसाइल क्षमता रखता है. अब ‘अग्नि-5’ से भारत के लिए बड़ी चुनौती चीन की मिसाइल रेंज का संतुलन साधना थी, जो अब काफी हद तक पूरी हो चुकी है.

कूटनीतिक संदेश
सैन्य ताकत के अलावा इस परीक्षण का कूटनीतिक महत्व भी है. यह दुनिया को यह संदेश देता है कि भारत न केवल अपनी रक्षा ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम है, बल्कि तकनीकी आत्मनिर्भरता के रास्ते पर भी मजबूती से आगे बढ़ रहा है.

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Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

August 20, 2025, 23:26 IST

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