China Targets America: ऐसा लग रहा है कि अमेरिका-चीन के बीच ट्रंप के आने के बाद स्थिति और भी बिगड़ जाएंगी. इसी कड़ी में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को अमेरिका पर ‘अच्छाई का जवाब बुराई से देने’ का आरोप लगाया. उन्होंने देश के वार्षिक संसदीय सत्र के मौके पर संवाददाताओं से कहा कि चीन अमेरिका के ‘मनमाने शुल्क’ का जवाब देगा. वांग ने कहा कि अमेरिका को फेंटानिल संकट से निपटने में मदद करने के चीन के प्रयासों का जवाब दंडात्मक शुल्कों के रूप में दिया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो रहा है.
असल में वांग ने कहा कि किसी भी देश को यह कल्पना नहीं करनी चाहिए कि वह चीन को दबा सकता है और साथ ही साथ चीन के साथ अच्छे संबंध भी बनाए रख सकता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के दोहरे कृत्य द्विपक्षीय संबंधों की स्थिरता या आपसी विश्वास के निर्माण के लिए अच्छे नहीं हैं.
भारत भी बहुत अधिक शुल्क वसूलने वाला देश
उधर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत बहुत अधिक शुल्क वसूलने वाला देश है. ट्रंप ने दोहराया कि अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाने वाले देशों पर जवाबी शुल्क दो अप्रैल से लागू होंगे. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात दो अप्रैल को होगी जब जवाबी शुल्क लागू होंगे, फिर चाहे वह भारत हो या चीन या कोई भी देश. भारत बहुत अधिक शुल्क लगाने वाला देश है.
ट्रंप ने कहा कि मैं आपको बताता हूं कि उच्च शुल्क वाला देश कौन है. वह कनाडा है. कनाडा हमसे हमारे दूध उत्पाद और अन्य उत्पादों पर 250 प्रतिशत शुल्क लेता है और लकड़ी एवं ऐसी ही चीजों पर बहुत ज्यादा शुल्क लगाता है. हमें उनकी लकड़ी की जरूरत नहीं है. हमारे पास उनकी तुलना में ज्यादा लकड़ी है. हमें कनाडा की लकड़ी की जरूरत नहीं है.
ट्रंप ने यह भी कहा कि अभी शुल्क ‘‘अस्थायी’’ और ‘‘कम’’ हैं लेकिन जवाबी शुल्क दो अप्रैल से शुरू होंगे और वे हमारे देश के लिए ‘‘बड़े परिवर्तन लाने वाले’’ होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के हर देश ने हमें लूटा है. वे हमसे 150-200 प्रतिशत शुल्क वसूलते हैं (और) हम उनसे कुछ भी नहीं लेते हैं. इसलिए वे हमसे जो भी शुल्क वसूलेंगे, हम उनसे उतना ही शुल्क लेंगे और इससे कोई बच नहीं पाएगा. एजेंसी इनपुट