Last Updated:May 09, 2025, 14:34 IST
Ground Report Punch Village Destroyed in Pakistan Attack: वीरान सड़कें-गलियां, टूटे घर और अंदर थाली में पड़े दाल-भात और सब्जी... युद्ध की बर्बादी की कहानी बता रहे हैं. चलिए हम आपको लिए चलते हैं भारत-पाकिस्तान क...और पढ़ें

पुंछ के गांव की कहानी.
हाइलाइट्स
पाकिस्तान के हमले का सबसे बड़ा शिकार पुंछ जिला हुआ.इस गांव में हमारी टीम पहुंची है.गांव में पसरा सन्नाटा बर्बादी की कहानी कह रहा है.Ground Report Punch Village Destroyed in Pakistan Attack: भारत-पाकिस्तान दोनों देशों की मिसाइल-गोलों के हमलों ने लाखों मासूमों का घर उजाड़ दिया है. लाखों लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं. जंग का मैदान तो ऐसा ही होता है ना? जंग दो देशों के बीच होती, लड़ती सेना है और भुगतती जनता है. नहीं भरोसा हो रहा है तो हमारे साथ एक सफर पर चलिए दिखाते हैं जंग का नजारा है. भाग- जम्मू-कश्मीर है, यहां का जिला पुंछ हैं. यह भारत पाक के बीच जंग (India-Pakistan War) का सबसे प्रभावित जगह है. युद्ध से प्रभावित घर, गलियां सड़कें सब वीरान पड़े हैं, घरों के छत हमले से उड़े हुए हैं और घरों के अंदर थालियों में दाल-भात(चावल) और सब्जी (अधपके) पड़े हुए हैं. हर ओर सिर्फ तबाही का नजारा है. चलिए हमारे साथ-
बर्बाद हुए घर का आंखों देखा मंजर
पुंछ की वीरान गलियों में न्यूज 18 इंडिया की टीम पहुंची चुकी है. सड़कों पर सन्नाटा है, दुकानों और ढाबों पर ताले. गलियां और सड़कें सब सूनी पड़ी हैं. इन बर्बाद हुए घर का आंखों देखा मंजर रुला देने वाला है. बीती रात को पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी ने पुंछ में रिहायशी और शहरी इलाके को निशाना बनाया था. भारी गोलीबारी के बीच जान बचाने के लिए लोगों के पास खाली पेट रातों रात घर छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं था.
कड़ाही में बासी पड़ी सब्जी.
दिन का समय है
यहां कभी औरत-मर्द और बच्चों का चहल पहल हुआ करता था. गाय-भेड़ बकरियां और कुछ कुत्ते भी दिख जाते थे. अभी वीरान सड़कों पर सिवाय पुलिस मूवमेंट और सुरक्षाबलों की बख्तरबंद गाड़ियों के कुछ दिखाई नहीं दे रहा. 1947, 1965 और 1971 की लड़ाई में भी पुंछ में ऐसा पसरा सन्नाटा नहीं था और ना ही पुंछ से लोगों ने पलायन किया था.
बर्बाद घर में बासी भात.
चलिए कुछ घरों में चलकर देखतें हैं, सड़कों पर न सही, घरों में तो कुछ लोग मिलेंगे. मगर, वीरान और सुने पड़े मोहल्ले में हर घर के दरवाजे पर ताले लगे थे. घरों से जरूरत का सामान लेकर लोग पुंछ छोड़ चले गए थे. ये तो और भी दुखद और भावुक करने वाली है. थोड़ा आगे बढ़ने पर एक पूरा बर्बाद हो चुका घर था. यही नहीं जिस वक्त पाकिस्तानी सेना ने गोलाबारी की थी, उससे कुछ देर पहले परिवार के लोग डिनर करने बैठने वाले थे. थालियों में पड़ी रोटी, चावल और सब्जियां तो यहां कहानी बयां करती हैं. मन तो भर गया कि जंग के परिणाम ऐसे होते हैं, तो हमें जंग नहीं चाहिए. उनके लिए ये कैसा मंजर रहा होगा. उनकी आंखों के सामने कुछ पलो में उनका आशियाना रेत की तरह बिखर गया.
गांव से ग्राउंड रिपोर्टिंग.
मंदिर-गुरुद्वारा सब तबाह
पाकिस्तान की नापाक हरकत ने मंदिर को भी नहीं बक्शा. पुंछ का गीता मंदिर पूरी तरह से शतिग्रस्त हो चुका था , मंदिर का ऊपरी भाग पर पीपल के पेड़ के तने भी टूट कर बिखर गए थे, छत सिर्फ छेद से भरी थी. पंडित जी ने कहा बड़ा डरावना मंजर था. जब मंदिर में गोले पड़े तो हम आरती कर रहे थे, माता रानी के आशीर्वाद से हमारी जान बच गई.
गुरुद्वारा में भी हो रहा था आरती
रमणीक सिंह बता रहे हैं- भारी गोलाबारी में कीर्तन कर रहे थे. अब वहीं गुरुद्वारा पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. रमणीक का तबला और जहां वो बैठ कर कीर्तन करते थे उनकी तस्वीरों में सिर्फ दर्द भरी हुई थी. मुझे बाबे की कृपा से गुरुद्वारे में कुछ नहीं हुआ, बल्कि मैंने गुरुद्वारे में अनाउंस किया कि सभी लोग गुरुद्वारे आ जाना. किसी के पता नहीं था कि गुरुद्वारा भी पाकिस्तान की नापाक हरकत का शिकार बन जाएगा. कीर्तन के बाद रमणीक अपने परिवार को सुरक्षित घर गए और गोलाबारी से अपने ही घर के बाहर उनको मौत हो गई. ओह ये बात तो गुरुद्वारे के सदस्यों कुछ सदस्य बता रहे थे, जिसे मैने रमणीक समझ लिया था.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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