Trump meloni meeting: मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर ब्रायन ट्रेसी (Brian Tracy) ने कहा था कि आप ऐसे लीडर बनिये जिसे लोग अपनी मर्जी से फॉलो करें. दुनिया में कुछ लीडर्स ऐसे ही हैं जो चाहे कहीं भी जायें, उनकी चर्चा शुरु हो जाती है. उनका स्टाइल, उनका लोगों से मिलने और बातें रखने का अंदाज ऐसा है कि लोग फैन बन जाते हैं. चाहे वो दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश का प्रेसिडेंट ही क्यों ना हो. हम बात कर रहे हैं इटली की प्राइम मिनिस्टर जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) की, जिनकी मुलाकात अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में हुई और इस मुलाकात के दौरान ही ट्रंप ने कह दिया कि दुनिया में मेलोनी के जैसा कोई नहीं है.
व्हाइट हाउस के दरवाजे पर खड़े होकर ट्रंप ने उनका स्वागत किया. कार से उतरते ही मेलोनी ने हाथ मिलाया. उसके बाद दोनों नेताओं की मीटिंग हुई और इस दौरान आई हर एक तस्वीर में ट्रंप मुस्कुराते और मेलोनी की बातों का समर्थन करते दिखाई दिये. मीटिंग के बाद ट्रंप ने कहा मेलोनी में गजब की प्रतिभा है. वो दुनिया के बेहतरीन नेताओं में एक हैं, उनका व्यक्तित्व करिश्माई है.
मेलोनी यूरोप की पहली नेता हैं जिन्होंने अमेरिका की तरफ से यूरोपीय संघ पर ट्रैरिफ का ऐलान होने के बाद ट्रंप से मुलाकात की है. मुलाकात का असली टॉपिक भले ही टैरिफ रहा हो. लेकिन मीटिंग की तस्वीरें आने के बाद से इनकी कैमिस्ट्री की चर्चा हो रही है. दोनों के बीच बातचीत हुई. कैमरे के सामने एक सवाल पूछा गया, जिसका जवाब देने में ट्रंप की जुबान लड़खड़ा गई और खुद को बचाने की कोशिश में ट्रंप एक बड़ा झूठ बोल गये.
मेलोनी ने बचा लिया!
एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि क्या ट्रंप ने कभी यूरोप के लोगों को पैरासाइट यानी परजीवी कहा है. सवाल का जवाब ट्रंप देते उससे पहले ही मेलोनी ने उनका बचाव करते हुए कहा कि ट्रंप ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया. इस दौरान ट्रंप सवाल को ठीक से समझ नहीं पाये फिर उन्होंने मेलोनी की मदद ली और इसके बाद कई कैमरों के सामने ऐसा बयान देने से साफ इनकार कर दिया. अब दुनिया कह रही है कि मेलोनी के सामने ट्रंप ने खुद को बचाने के चक्कर में बड़ा झूठ बोल दिया.
- अमेरिका में ऐसी रिपोर्ट्स चल रही हैं जिसमें दावा किया गया कि ट्रंप ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के एक बयान का समर्थन करते हुए यूरोप को परजीवी बताया था.
- एक अमेरिकन मैगजीन The Atlantic का दावा है कि मार्च 2025 में कुछ Chats लीक हुई थीं. जिसमें ट्रंप प्रशासन के कुछ अधिकारी यूरोप के देशों को परजीवी कहते हुए पाये गये थे.
#DNAWithRahulSinha | यूरोप की 'ट्रंप' Met यूएस प्रेसिडेंट 'ट्रंप'! ट्रंप ने क्यों कहा- 'मेलोनी जैसी कोई नहीं'?
अब ट्रंप भी मेलोनी के फैन बन गये?#DNA #DonaldTrump #GiorgiaMeloni #UnitedStates @RahulSinhaTV pic.twitter.com/YvaxkkTFmU
— Zee News (@ZeeNews) April 18, 2025
ट्रंप ने पहले तो मेलोनी के सामने यूरोप को परजीवी कहने से इनकार किया. हालांकि इस मुलाकात के दौरान भी उन्होंने एक बार फिर यूरोप की आलोचना की. ट्रंप ने कहा कि यूरोप को NATO पर अपने रक्षा खर्च को बढ़ाना चाहिए. यानी सामने बैठकर भी ट्रंप कटु बातें बोलने से नहीं चूके. मेलोनी और ट्रंप ये दोनों नेता अपनी बात को दूसरों से ऊपर रखने के लिये जाने जाते हैं. कई मुद्दों पर दोनों के विचार और बयान एक जैसे हैं. यानी कई मुद्दों पर ये बिल्कुल एक जैसे हैं.
- ट्रंप और मेलोनी में सबसे बड़ी समानता ये है कि दोनों राष्ट्रवादी हैं. दोनों अपने देश को बढ़ावा देते हैं. लिहाजा मेलोनी ने टैरिफ पर ट्रंप से बात की.
- अवैध घुसपैठ को लेकर ट्रंप और मेलोनी का रवैया एक जैसा है यानी दोनों ही इसके सख्त खिलाफ हैं.
- और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा भी इनके लिए किसी भी मुद्दे से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है.
ट्रंप और मेलोनी दोनों अपने-अपने देशों में हार्डलाइनर लीडर माने जाते हैं. इनकी समानता देखने के बाद आप ये भी कह सकते हैं कि व्हाइट हाउस में यूरोप के ट्रंप की मुलाकात, अमेरिका के ट्रंप से हुई.
दुनिया में जब भी ट्रंप किसी मीटिंग में शामिल होते हैं तो सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लेते हैं. हालांकि यहां उल्टा हो गया क्योंकि इस मुलाकात के बाद चर्चा सिर्फ और सिर्फ मेलोनी की हो रही है.
बात चाहे व्हाइट हाउस की हो या फिर जी-सेवेन की मीटिंग की, मेलोनी हर मंच पर बाकी नेताओं से अलग दिखती हैं. व्हाइट हाउस की मीटिंग के दौरान मेलोनी का सबसे बड़ा फोकस व्यापार और कूटनीति पर रहा. ट्रंप ने यूरोप पर 20 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है. यहां मेलोनी ने ट्रंप को अपने साथ कर लिया. यानी अगर यूरोपीय यूनियन तैयार नहीं हुआ तो इटली और अमेरिका आपस में डील कर लेंगे.
मेलोनी ने तो ट्रंप को इटली आने का न्योता भी दे दिया. इसके बाद ट्रंप ने ये भी दावा किया कि उनके और मेलोनी के संबंध बहुत अच्छे हैं और दोनों देश एकजुट होकर आगे बढ़ रहे हैं.
अमेरिका में खत्म होगा इनकम टैक्स?
दुनियाभर में हलचल मचाने के बाद ट्रंप ने अमेरिका के लोगों के सामने अपना रॉबिनहुड प्लान पेश कर दिया है. जिस तरह रॉबिनहुड अमीरों से पैसा लेकर गरीबों में बांटता था. ठीक उसी तरह डॉनल्ड ट्रंप दुनिया से टैरिफ लेंगे. लेकिन अमेरिका की जनता से इनकम टैक्स नहीं लेंगे यानी आने वाले दिनों में अमेरिका टैरिफ से इतनी कमाई करेगा कि इनकम टैक्स को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा.
- ट्रंप का दावा है कि 1870 से लेकर 1913 के बीच यानी 43 वर्षों तक अमेरिका की सरकार को टैरिफ से बहुत ज्यादा आमदनी हुई थी.
- टैरिफ से पैसा कमाकर अमेरिका दुनिया का सबसे अमीर मुल्क बन गया था.
-1913 से अमेरिका में इनकम टैक्स लगाने की शुरुआत हुई.
- ट्रंप ने अमेरिका में 112 वर्ष पुराने इनकम टैक्स सिस्टम को हटाने का दावा किया है.
- ट्रंप के मुताबिक ऐसा इसलिये क्योंकि अमेरिका इस समय टैरिफ से हर दिन 8500 करोड़ रुपये से लेकर 17000 करोड़ रुपये कमा रहा है.
ट्रंप का दावा है कि टैरिफ की कमाई से अमेरिका मालामाल हो रहा है और अगर अब उन्होंने इनकम टैक्स हटा दिया तो अमेरिका के करोड़ों लोगों की जेब में एकस्ट्रा पैसे आ जाएंगे. अमेरिका में इनकम टैक्स का मामला लगभग भारत की तरह है यानी अलग-अलग कमाई पर टैक्स की दरें अलग है.
अमेरिका का टैक्स सिस्टम
- अमेरिका में 9 लाख 39 हजार रुपये तक की कमाई पर लगभग 93 हजार रुपये का टैक्स लगता है
- इसी तरह 85 लाख की कमाई पर 17 लाख रुपये तक का टैक्स लगता है
- इनकम टैक्स कम से कम 10 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 37 फीसदी तक है
लेकिन ट्रंप कह रहे हैं कि वो इस इनकम टैक्स को जीरो कर देंगे. अगर ऐसा हुआ तो अमेरिका में रहने और काम करनेवालों के लिये ये बहुत बड़ी खबर होगी. इस समय बहरीन और कुवैत समेत दुनिया में 10 से भी कम देश ऐसे हैं जहां आपकी कमाई पर लगने वाला इनकम टैक्स नहीं लिया जाता है. ट्रंप की लीडरशिप में अमेरिका भी इसी लिस्ट में शामिल हो सकता है.