Last Updated:March 04, 2025, 15:41 IST
दिल्ली समेत कई राज्यों में गर्मी बढ़ने से बिजली की खपत में उछाल आया है. फरवरी 2024 में बिजली खपत 131.54 अरब यूनिट तक पहुंची. 2025 में पीक पावर डिमांड 270 जीडब्ल्यू तक पहुंचने की उम्मीद है.

फरवरी 2025 में बढ़ गई बिजली की खपत
हाइलाइट्स
दिल्ली में गर्मी बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ी.फरवरी 2024 में बिजली खपत 131.54 अरब यूनिट पहुंची.2025 में पीक पावर डिमांड 270 जीडब्ल्यू तक पहुंचने की उम्मीद.नई दिल्ली. दिल्ली समेत कई राज्यों में गर्मी ने दस्तक दे दी है. कई जगह तो गर्मी इतनी बढ़ गई है कि लोगों ने फरवरी के आखिरी वीक कई लोगों ने रात के वक्त पंखे चलना शुरू कर दिए. फरवरी में तो एसी चलाना शुरू भी नहीं हुआ है और बिजली की खपत में उछाल आया है. बिजली की खपत को लेकर जो आंकड़े सामने आएं है वो चिंता बढ़ाने वाले हैं क्योंकि खपत बढ़ने से बिजली की कटौती में भी इजाफा हो सकता है. ऐसे में गर्मी के महीने में अगले 4 महीने मुश्किल भरे हो सकते हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल फरवरी में भारत की बिजली खपत 131.54 अरब यूनिट (बीयू) तक पहुंच गई, जो पिछले साल इसी महीने में 127.34 बीयू थी. फरवरी 2024 में पीक पावर डिमांड को पूरा करने के लिए एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति 238.14 गीगावाट (जीडब्ल्यू) तक पहुंच गई, जबकि पिछले साल फरवरी में यह 222 जीडब्ल्यू थी.
मई में पिछले साल कितनी थी डिमांड
मई 2024 में पीक पावर डिमांड ने अब तक का सबसे उच्चतम स्तर 250 जीडब्ल्यू छू लिया. इससे पहले सितंबर 2023 में 243.27 जीडब्ल्यू का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था. सरकारी अनुमानों के अनुसार, 2025 की गर्मियों में पीक पावर डिमांड 270 जीडब्ल्यू तक पहुंचने की उम्मीद है. ताजा आईएमडी अनुमानों के अनुसार, मार्च में बिजली की मांग बढ़ने की संभावना है, क्योंकि इस महीने का तापमान सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है. फरवरी में पहले ही 1901 के बाद से सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया है.
बिजली की खपत में वृद्धि हुई
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिससे बिजली की खपत में भी तेज वृद्धि हुई है. चुनौती यह है कि उच्च आर्थिक विकास और लगभग 1.3 अरब लोगों की बिजली खपत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाए. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार, 2026-27 के लिए अनुमानित ऑल-इंडिया पीक बिजली की मांग 277.2 जीडब्ल्यू और विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता 1907.8 बीयू है, जबकि 2031-32 के लिए ये आंकड़े क्रमशः 366.4 जीडब्ल्यू और 2473.8 बीयू हैं, जैसा कि 20वीं इलेक्ट्रिक पावर सर्वे (ईपीएस) मांग अनुमानों के अनुसार है.
परमाणु ऊर्जा उत्पादन की तरफ कदम
भारत में कोयला बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत है, जबकि देश सौर, पवन, जलविद्युत और बायोमास सहित नवीकरणीय ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है. इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. 2025 की शुरुआत के साथ, भारत 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधनों से 500 जीडब्ल्यू ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि 2024 के अंत में देश ने 214 जीडब्ल्यू स्थापित हरित ऊर्जा क्षमता हासिल की, जैसा कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है.
केवल अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच, भारत ने लगभग 15 जीडब्ल्यू नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी, जो पिछले साल इसी अवधि में जोड़ी गई 7.57 जीडब्ल्यू की तुलना में लगभग दोगुनी है. भारत ने सितंबर 2024 में कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का 200 जीडब्ल्यू का मील का पत्थर पार कर लिया. नवंबर 2024 में कुल स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता बढ़कर 214 जीडब्ल्यू हो गई, जो पिछले साल इसी अवधि में 187.05 जीडब्ल्यू की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है.
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Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
March 04, 2025, 15:41 IST