नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के बाद अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि ‘बाईपास सर्जरी के लिए सब्जी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.’ इसकी प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. धनखड़ ने यह भी कहा कि पद से हटाने के लिए उन्हें दिया गया नोटिस वास्तव में ‘जंग लगा हुआ’ उपकरण था. धनखड़ ने कहा कि ‘आप चौंक जाएंगे. चंद्रशेखर ने एक बार कहा था कि बाईपास सर्जरी के लिए कभी भी सब्जी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल न करें. यह नोटिस सब्जी काटने वाला चाकू भी नहीं था; यह जंग लगा हुआ था. इसमें जल्दबाजी थी.’
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ‘जब मैंने इसे पढ़ा, तो मैं हैरान रह गया. लेकिन मुझे इससे भी ज्यादा आश्चर्य इस बात पर हुआ कि आप में से किसी ने भी इसे नहीं पढ़ा. अगर आपने पढ़ा होता, तो आप कई दिनों तक सो नहीं पाते.’ धनखड़ ने कहा कि किसी भी संवैधानिक पद को उत्कृष्टता, उत्कृष्ट गुणों और संवैधानिकता के प्रति प्रतिबद्धता से प्रमाणित किया जाना चाहिए.
धनखड़ ने कहा कि ‘अपनी आवाज़ का इस्तेमाल करने से पहले…अपने कानों को दूसरे के नजरिये को सुनने दें. इन दो तत्वों के बिना, लोकतंत्र न तो पोषित हो सकता है और न ही पनप सकता है.’ धनखड़ का यह बयान कांग्रेस द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद आया है. जिसमें दावा किया गया था कि राज्यसभा के सभापति ने भाजपा के लोगों के हमलों का जवाब देने के लिए अपने सांसदों को अनुमति देने से इनकार कर दिया है.
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने नोटिस को खारिज कर दिया और कहा कि धनखड़ के खिलाफ ‘कहानी’ बनाने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया है. नोटिस का जवाब देते हुए, धनखड़ ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह विपक्ष के कदम से ‘निजी रूप से दुखी’ हैं और उन्होंने कांग्रेस पर ‘अभियान’ चलाने के लिए हमला किया. उन्होंने कहा कि ‘उनके पास मेरे खिलाफ प्रस्ताव लाने का संवैधानिक अधिकार है…लेकिन दिन-प्रतिदिन, सभापति के खिलाफ अभियान चल रहा है.’
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FIRST PUBLISHED :
December 24, 2024, 21:49 IST