अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से राहत

8 hours ago

Last Updated:May 21, 2025, 13:22 IST

Ali Khan Mahmudabad News: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. उन्हें ऑपरेशन सिंदूर पर फेसबुक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने मामले की गहराई से जांच का ...और पढ़ें

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से राहत

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को जमानत मिल गई है.

हाइलाइट्स

प्रोफेसर अली खान महमुदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली.अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं अली खान महमुदाबाद.मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी.

Ali Khan Mahmudabad News: पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर कॉमेंट करने वाले अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई की. प्रोफेसर खान को ऑपरेशन सिंदूर पर एक फेसबुक पोस्ट के लिए 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. उन पर देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोपों के तहत दो एफआईआर दर्ज की गई थीं.

मंगलवार को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया. इसके खिलाफ खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एनके सिंह की बेंच ने की. खान के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में उनकी विवादास्पद फेसबुक पोस्ट पढ़ी. सिब्बल ने कहा कि यह एक देशभक्ति भरा बयान है. पोस्ट में खान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युद्ध के प्रभावों पर अपनी राय दी थी. उन्होंने लिखा था कि कुछ लोग बिना सोचे-समझे युद्ध की वकालत कर रहे हैं और युद्ध का आम लोगों और सैनिकों पर बुरा असर पड़ता है.

एसआईटी करेगी जांच

जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर टिप्पणी की कि वह युद्ध के प्रभावों पर अपनी राय दे रहे हैं, लेकिन अब वह राजनीति की ओर मुड़ रहे हैं. कृपया इसे फिर से पढ़ें. कोर्ट ने मामले की गहराई से जांच करने का संकेत दिया और कहा कि हम इसे और देखेंगे. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश दिया.

ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू हुआ था, जब भारतीय सेना ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था. इस ऑपरेशन ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया था, हालांकि दोनों देशों के बीच 10 मई को सीजफायर हो गया. खान ने अपनी पोस्ट में युद्ध को बढ़ावा देने वालों की आलोचना की थी, जिसे हरियाणा पुलिस ने देश के खिलाफ माना और उनके खिलाफ सख्त धाराओं में केस दर्ज किया.

सिब्बल ने कोर्ट में तर्क दिया कि खान की पोस्ट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आती है और यह देश के खिलाफ नहीं थी. उन्होंने कहा कि एक अकादमिक के तौर पर खान ने सिर्फ युद्ध के सामाजिक और मानवीय प्रभावों पर अपनी राय रखी थी. लेकिन पुलिस का दावा है कि पोस्ट ने लोगों में भय और असुरक्षा पैदा की. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और याचिका पर जल्द सुनवाई का भरोसा दिया.

authorimg

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

और पढ़ें

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें

homenation

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से राहत

Read Full Article at Source