असम से मिजोरम तक हाहाकार, ब्रह्मपुत्र-बराक समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर

1 day ago

नई दिल्ली: जब देश के अधिकांश हिस्से लू और हीटवेव से जूझ रहे हैं, तब पूर्वोत्तर भारत पानी में डूब रहा है. जून की शुरुआत से ही सिक्किम, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर के राज्य बाढ़, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण आपदा के हालात में पहुंच चुके हैं. ब्रह्मपुत्र और बराक समेत दस से ज्यादा नदियां उफान पर हैं, जिनका जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. अब तक 40 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, हजारों लोग बेघर हो चुके हैं और सैकड़ों गांव कटाव की चपेट में हैं.

सिक्किम: सेना का कैंप भूस्खलन की चपेट में

रविवार को सिक्किम के लाचेन क्षेत्र में सेना का एक कैंप भूस्खलन की चपेट में आ गया. हादसे में तीन जवानों की मौत हो चुकी है और छह अब भी लापता हैं. चार जवानों को सुरक्षित बचा लिया गया है. लगातार बारिश और दुर्गम इलाके के चलते राहत व बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं. लाचेन और लाचुंग में फंसे करीब 1,000 पर्यटकों को सेना और प्रशासन ने हेलिकॉप्टर व वाहनों की मदद से गंगटोक सुरक्षित पहुंचाया है.

असम: 132 साल का रिकॉर्ड टूटा, लाखों प्रभावित

असम के सिलचर में 1 जून को रिकॉर्ड 415.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 132 साल में एक दिन की सबसे अधिक बारिश है. इस तबाही ने 1893 का 290.3 मिमी का रिकॉर्ड तोड़ दिया. राज्य के 19 जिलों में 3.64 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं. ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के साथ-साथ कोपिली, सुभनसिरी, जिया-भोरोलि जैसी नदियां भी उफान पर हैं. गांवों में पानी घुस गया है, सड़कें कट चुकी हैं और ट्रेनों की आवाजाही रुक गई है.

मणिपुर: सड़कों पर नावें और कंधों पर इंसान

मणिपुर में बाढ़ की मार सबसे गरीब तबके पर पड़ी है. 19 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 3,365 मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है. राहत टीमों ने 1,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में अधिकारी पीठ पर लोगों को ढोते नजर आ रहे हैं.

त्रिपुरा: स्कूल बंद, 211 लैंडस्लाइड

त्रिपुरा में भी हालात बिगड़े हुए हैं. अब तक 10,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. राजधानी आइजोल के सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. सिर्फ चार दिनों में लैंडस्लाइड की 211 घटनाएं सामने आई हैं. कई ग्रामीण सड़कें अब मिट्टी और मलबे के नीचे दबी हुई हैं.

मिजोरम: हाइवे गायब, पुल बह गए

मिजोरम में पहाड़ दरक रहे हैं. भारी बारिश और मलबे की वजह से हाइवे बंद हो गए हैं. कई पुल ढह चुके हैं. नेशनल हाइवे-6 का एक हिस्सा पानी में बह गया है. कुछ इलाके तो पूरी तरह से मुख्य सड़कों से कट गए हैं, जहां राहत पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है.

अरुणाचल प्रदेश: बाढ़ और लैंडस्लाइड से 9 की मौत

अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन के चलते 9 लोगों की मौत हुई है. भारतीय वायुसेना ने दिबांग घाटी में फंसे 14 लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. एक कार बहने से 7 लोगों की मौत हो गई. कई गांवों का संपर्क कट चुका है और सड़कों पर सिर्फ मलबा बचा है.

अब भी खतरा टला नहीं – मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि पूर्वोत्तर में अगले 3–4 दिन भारी से बहुत भारी बारिश होने वाली है. गुवाहाटी स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (RMC) ने कहा है कि असम, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय के कई हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इससे पहले ही कई जगहों पर भूस्खलन ने स्थिति को और जटिल बना दिया है.

आइजोल में प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि 2 जून को जिले के सभी स्कूल बंद रहेंगे क्योंकि मलबे के बहाव और चट्टानों के गिरने का खतरा बना हुआ है.

एक आपदा, कई चेहरों वाली त्रासदी

पूर्वोत्तर की यह आपदा सिर्फ एक मौसमी घटना नहीं है, बल्कि ये बताती है कि भारत का एक हिस्सा हर साल मानसून के दौरान कैसे टूटता है. यहां बाढ़ कोई नई बात नहीं, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी, राहत कार्यों की धीमी गति और केंद्र की नजरअंदाजी इसे हर साल मौत और विस्थापन की त्रासदी में बदल देती है.

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