आंसुओं से भीग रही कोचिंग सिटी कोटा, दिल को चीर देती है परिजनों की सिसकियां

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Last Updated:January 20, 2025, 12:00 IST

Kota News : कोचिंग सिटी कोटा इन दिनों उदास है. आंसुओं में भिगी हुई है. पढ़ाई के तनाव में आकर सुसाइड करने वाले स्टूडेंट्स के परिजनों की सिसकियां कलेजे को चीर कर रख देती है. पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों के शव जब उनके...और पढ़ें

आंसुओं से भीग रही कोचिंग सिटी कोटा, दिल को चीर देती है परिजनों की सिसकियां

कोटा में इस महीने 11 दिनों के भीतर ने चार कोचिंग स्टूडेंट्स ने मौत को गले लगा लिया.

कोटा. कोटा में नए साल में फिर से कोचिंग स्टूडेंट्स की सुसाइड का सिलसिला शुरू हो गया है. जनवरी माह में महज 11 दिनों ने चार कोचिंग स्टूडेंट्स के मौत को गले लगाने की घटनाओं ने कोटा सिटी को झकझोर दिया है. इन घटनाओं से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. कोचिंग इंस्टीट्यूट चिंता में डूबे हैं. वहीं अपने बच्चों को खो चुके परिजनों की सिसकियों ने अस्पताल वालों को बेचैन कर दिया है. इन घटनाओं के बाद कोटा में अजीब सी खामोशी छाई हुई है.

आंकड़ों पर नजर डालें तो सामने आता है कि कोचिंग सिटी में बीते साल डेढ़ दर्जन से अधिक कोचिंग स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था. उससे पहले साल 2023 में 29 स्टूडेंट्स ने मौत को गले लगा लगा लिया था. उसके बाद अब इस साल की शुरुआत में ही महज 11 दिनों में चार स्टूडेंट्स की ओर से की गई सुसाइड ने कोटा का रुला दिया है.

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यहां घर-घर में बच्चे किराये पर रहते हैं
इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर आने वाले स्टूडेंट्स की ओर से उठाए जा रहे इस कदम से पुलिस और प्रशासन ही नहीं यहां का आम आदमी भी चिंता में है. कोटा की अर्थ व्यवस्था मोटे तौर पर कोचिंग स्टूडेंट्स पर ही टिकी है. कोटा में देशभर के विभिन्न राज्यों के करीब पौने दो लाख बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए आते हैं. यहां कोचिंग सेंटर्स के साथ ही हॉस्टल, मेस और पीजी की भरमार है. यहां के घर-घर में बच्चे किराये पर रहते हैं.

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प्रशासन की गाइडलाइन की पालना नहीं हो रही है
अधिकतर स्टूडेंट फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड करने के तरीके को अपनाते हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी प्राब्लम प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन की हॉस्टल संचालकों की ओर से पालना नहीं करना भी माना जा रहा है. कोचिंग स्टूडेंट्स सुसाइड करने के डरावने और भयानक आंकड़े सामने आने के बाद हॉस्टल के अलावा पीजी के कमरों के पंखों में भी एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाई जानी थी. लेकिन हॉस्टल संचालक उनकी पालना नहीं कर पा रहे हैं.

एंटी हैंगिंग डिवाइस की यह है खासियत
एंटी हैंगिंग डिवाइस की खासियत यह है पंखे से लटक कर कोई भी स्टूडेंट सुसाइड नहीं कर सकता. पंखे पर 20 किलो से अधिक वजन आते ही पंखा स्प्रिंग के साथ नीचे आ जाता है. हालांकि एंटी हैंगिंग डिवाइस होने के बाद भी कई छात्रों ने नए-नए तरीके से मौत को गले लगा रहे हैं. लेकिन पुलिस और प्रशासन पीजी तथा हॉस्टल संचालकों से गाइडलाइन की पालना करवाने में नाकाम साबित हो रहा है. इतना ही नहीं तनावग्रस्त स्टूडेंट्स को चिन्हित कर उनको तनाव मुक्त करना पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है.

Location :

Kota,Kota,Rajasthan

First Published :

January 20, 2025, 12:00 IST

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