Last Updated:April 09, 2025, 06:33 IST
Tahawwur Rana: मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा भारत आ रहा है. एनआईए की हिरासत में रहेगा. राणा ने हेडली को हमले की योजना में मदद की थी. अजमल कसाब को फांसी दी गई थी. राणा अब सजा भुगतेगा.

तहव्वुर राणा के लिए दो जेलों में विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.
हाइलाइट्स
मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा भारत आ रहा है.राणा को एनआईए की हिरासत में रखा जाएगा.दिल्ली और मुंबई की जेलों में खास इंतजाम किए गए हैं.मुंबई पर 26/11 हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा बुधवार को भारत पहुंचने वाला है. इसके लिए दिल्ली और मुंबई की दो जेलों में खास इंतजाम किए गए हैं. ये इंतजाम अमेरिकी अदालत की सलाह के मुताबिक किए जा रहे हैं. राणा को पहले कुछ हफ्तों तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में रखा जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह मंत्रालय के अधिकारी कर रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की है.
तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय सदस्य रहा है. उसने अपने साथी डेविड कोलमैन हेडली (जिसे दाऊद गिलानी भी कहा जाता है) को हमले की योजना बनाने के लिए भारत में जगहों की जानकारी जुटाने में मदद की थी. राणा ने हेडली को पासपोर्ट दिलवाया ताकि वह भारत आ सके और हमले के लिए ठिकानों का पता लगा सके. यह हमला लश्कर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर तैयार किया था. 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों में राणा ने मरने वालों की संख्या पर खुशी जताई थी और कहा था कि इसमें शामिल आतंकवादियों को पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य सम्मान मिलना चाहिए.
अजमल कसाब को जीवित पकड़ा गया था
इस हमले में शामिल केवल एक आतंकी अजमल कसाब को जीवित पकड़ा गया था. फिर उसे अदालत में सुनवाई के बाद फांसी की सजा दी गई. फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राणा को भारत भेजने की पुष्टि की थी और कहा था कि वह राणा को भारत में न्याय के लिए भेजकर खुश हैं. यह प्रत्यर्पण 2019 से मोदी सरकार की कोशिशों का नतीजा है. दिसंबर 2019 में भारत ने अमेरिका से राणा को सौंपने की मांग की थी. 10 जून 2020 को भारत ने राणा की गिरफ्तारी के लिए अमेरिका में शिकायत दर्ज की थी.
राणा आईएसआई के मेजर इकबाल का करीबी था, जिसने मुंबई हमलों की योजना बनाई थी. जांचकर्ताओं के मुताबिक राणा खुद हमले से पहले 11 से 21 नवंबर 2008 तक मुंबई आया था. वह दुबई के रास्ते आया और पवई के रेनेसां होटल में रुका था. हमला उसके जाने के पांच दिन बाद हुआ. अमेरिकी न्याय विभाग के दस्तावेजों के अनुसार राणा और हेडली को 2009 में एफबीआई ने पकड़ा था, जब वे डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की योजना बना रहे थे.
हेडली ने अमेरिकी अदालत में बताया कि 2006 में उसने राणा के साथ मिलकर मुंबई में एक इमिग्रेशन ऑफिस खोलने की योजना बनाई थी, जो हमले की जासूसी के लिए एक बहाना था. राणा की कंपनी ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ ने हेडली को मुंबई में ऑफिस खोलने और वीजा दिलवाने में मदद की. हेडली 2007 से 2008 के बीच पांच बार भारत आया और हमले की तैयारी की. राणा ने उसे हर कदम पर सहारा दिया. मुंबई पुलिस को हेडली और राणा के बीच मेजर इकबाल को लेकर ईमेल भी मिले थे. अब राणा भारत में अपने किए की सजा भुगतेगा.
First Published :
April 09, 2025, 06:33 IST