आधी रात को सुनवाई, 3 बजे जमानत! क्या था मामला जिससे Jolly LLB की याद आ गई?

14 hours ago

Last Updated:March 19, 2025, 10:38 IST

Barasat Court Night Hearing: बारासात कोर्ट में रात 3 बजे तक सुनवाई चली और जज ने चेक बाउंस मामले में आरोपी को 1000 रुपये के निजी बांड पर जमानत दी.

आधी रात को सुनवाई, 3 बजे जमानत! क्या था मामला जिससे Jolly LLB की याद आ गई?

बारासात कोर्ट में आधी रात सुनवाई, 3 बजे जज ने दी जमानत.

हाइलाइट्स

बारासात कोर्ट में रात 3 बजे तक सुनवाई चली.आरोपी को 1000 रुपये के निजी बांड पर जमानत मिली.पुलिस की लापरवाही के कारण रात 3 बजे तक सुनवाई हुई.

उत्तर 24 परगना: हमारे देश में आमतौर पर अदालतों में शाम तक सुनवाई होती है, लेकिन अगर आपने Jolly LLB 2 फिल्म देखी होगी तो आपको याद होगा कि उस मूवी में जज ने आधी रात को फैसला सुनाया था. ऐसा ही कुछ असल जिंदगी में भी देखने को मिला, जब एक जिला अदालत रात 3 बजे तक खुली रही और जज साहब को आधी रात को जमानत देनी पड़ी. बता दें कि पश्चिम बंगाल में एक कोर्ट रात के 3 बजे तक खुली रही और जज की मौजूदगी में सुनवाई हुई.

दरअसल, बारासात जिला अदालत के इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ कि रात 3 बजे तक अदालत खुली रही और फैसला सुनाया गया. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि कोर्ट की कार्यवाही रात 3 बजे तक चलती रही, तो चलिए हम आपको इस पूरे मामले के बारे में बताते हैं…

जानिए पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, 12 मार्च 2025 को ज्योतिप्रकाश दास नामक व्यक्ति को (चेक बाउंस) एनआई एक्ट के तहत मध्यमग्राम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कानून के अनुसार, गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर आरोपी को कोर्ट में पेश करना होता है, लेकिन मध्यमग्राम थाने की पुलिस ने 17 तारीख को उसे पेश किया.

बता दें कि आरोपी को लाने के बाद चार्जशीट में लिखा गया कि बीमार होने के कारण पहले उसे बारासात मेडिकल कॉलेज और बाद में आरजीकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस कारण मध्यमग्राम थाने की पुलिस उसे पेश नहीं कर पाई, लेकिन इस बारे में कोर्ट को सूचित करने का नियम होते हुए भी ऐसा नहीं किया गया. 17 तारीख को पहले उसे एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया और वहां से मामला एसिजीएम कोर्ट में ट्रांसफर किया गया. रात आठ बजे से इस मामले की सुनवाई शुरू हुई. लंबे समय तक सुनवाई और निर्णय का काम चला. आखिरकार रात तीन बजे एसिजीएम बारासात जज ने इस मामले में आरोपित को 1000 रुपये के निजी बांड पर जमानत दी.

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ACJM जज को जागकर इस मामले की सुनवाई करनी पड़ी
इस मामले में बारासात कोर्ट के वकीलों का आरोप है कि मध्यमग्राम थाने की लापरवाही के कारण रात तीन बजे तक बारासात कोर्ट के ACJM जज को जागकर इस मामले की सुनवाई करनी पड़ी. बारासात कोर्ट के वकीलों का यह भी कहना है कि अगर मध्यमग्राम थाना सही तरीके से मामले की जांच कर सही समय पर आरोपित को कोर्ट में लाता, तो रात तीन बजे तक बारासात कोर्ट को खुला नहीं रखना पड़ता. मध्यमग्राम थाने की लापरवाही के कारण ही मामले का निर्णय आधी रात को किया गया. इस मामले को लेकर बारासात कोर्ट के वकीलों ने पुलिस अधिकारियों को भविष्य में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी है.

First Published :

March 19, 2025, 10:38 IST

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