Agency:Local18
Last Updated:February 25, 2025, 13:22 IST
Agriculture Exhibition: कोल्हापुर में भीमा कृषि प्रदर्शनी में 7 किलो के खरबूजे, 4 किलो की मूली और 2.5 फीट लंबे चने समेत अनोखी सब्जियां और उन्नत कृषि तकनीकें प्रदर्शित की गईं. 450 कंपनियां और 200 महिला समूह भाग ...और पढ़ें

कोल्हापुर कृषि मेला
कोल्हापुर में इस बार का भीमा कृषि प्रदर्शनी किसी उत्सव से कम नहीं लग रही. मेरी वेदर ग्राउंड में आयोजित इस भव्य कृषि मेले में महाराष्ट्र सरकार और कोल्हापुर जिला कृषि विभाग ने मिलकर अनोखे और उन्नत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन किया है. यहां आने वाले लोग न केवल खेती से जुड़ी नई तकनीकों को देख रहे हैं बल्कि ऐसी सब्जियां और फल भी देख रहे हैं, जिनका आकार आमतौर पर बहुत छोटा होता है, लेकिन यहां वे विशाल रूप में नजर आ रहे हैं.
किसानों के लिए नई तकनीकों की जानकारी
इस प्रदर्शनी का आयोजन राज्यसभा सांसद धनंजय महादिक के मार्गदर्शन में किया गया है. इसमें विशेष स्टॉल लगाए गए हैं, जहां किसान आधुनिक कृषि तकनीकों और नई विधियों को समझ सकते हैं. प्रदर्शनी में उन्नत सब्जियों और फलों की अनेक किस्में प्रदर्शित की जा रही हैं. कृषि सहायक शशिकांत चौगले के अनुसार, इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती में नए प्रयोगों से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी फसलों का अधिकतम उत्पादन कर सकें.
7 किलो के खरबूजे और 4 किलो की मूली
इस प्रदर्शनी में ऐसे कई कृषि उत्पाद दिखाए जा रहे हैं जो किसी को भी चौंका सकते हैं. 7 किलो का मेलोडी किस्म का खरबूजा, 4 किलो की मूली, 7 किलो का केला और 86032 किस्म का गन्ना लोगों को आकर्षित कर रहा है. इसके अलावा 13007 किस्म का गन्ना, 5 किलो की चकट गोभी, 2.5 फीट लंबा दिग्विजय चना और खूबसूरत आर्किड फूल भी यहां प्रदर्शित किए गए हैं. यह सभी कृषि उत्पाद दिखने में जितने खास हैं, उतने ही किसानों के लिए फायदेमंद भी हैं.
मक्का और हल्दी भी बनी आकर्षण
भड़गांव से लाई गई गन्ने के साथ उगाई जाने वाली मक्का और नृसिंहवाड़ी से लाई गई सलेम नामक हल्दी भी लोगों का ध्यान खींच रही है. इसके अलावा आधा किलो प्याज, 6.8 किलो की गोभी और 7.5 किलो केले का गुच्छा भी लोगों को चौंका रहा है. किसान इन नई किस्मों के बारे में जानकर उत्साहित हैं और इन्हें अपने खेतों में आजमाने की योजना बना रहे हैं.
450 से ज्यादा कंपनियों ने लिया भाग
इस प्रदर्शनी में 450 से अधिक कृषि कंपनियां भाग ले रही हैं. ये कंपनियां किसानों को आधुनिक बीज, उर्वरक, और खेती के नए तरीके दिखा रही हैं. इसके अलावा भागीरथी महिला संस्था की अरुंधति महादिक के नेतृत्व में 200 स्वयं सहायता समूहों को निःशुल्क स्टॉल दिए गए हैं. इन स्टॉलों पर महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद बेचे जा रहे हैं, जिनमें नाचनी, पापड़ और अन्य घरेलू उत्पाद शामिल हैं. यह आयोजन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित हो रहा है.
First Published :
February 25, 2025, 13:22 IST