'इतने लोगों को मारा, पर कोई फांसी नहीं...' ये आंसू बता रहे सिख दंगों का दर्द

1 month ago

Agency:News18Hindi

Last Updated:February 25, 2025, 17:58 IST

Sajjan Kumar Sikh Riot Case: 1984 सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. सज्जन कुमार पर जसवंत सिंह और तरुणदीप सिंह को जिंदा जलाने का आरोप था. पीड़ित परिवार फांसी की मांग क...और पढ़ें

'इतने लोगों को मारा, पर कोई फांसी नहीं...' ये आंसू बता रहे सिख दंगों का दर्द

सिख विरोध दंगा मामले में दोषी सज्जन कुमार के लिए पीड़ित परिवार फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं.

हाइलाइट्स

सज्जन कुमार को 1984 सिख दंगों में उम्रकैद की सजा मिली.पीड़ित परिवार सज्जन कुमार के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं.सज्जन कुमार पर जसवंत सिंह और तरुणदीप सिंह को जलाने का आरोप था.

नई दिल्ली. साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. यह मामला 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में दो सिख नागरिक जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह को जिंदा जलाने का है. इस दौरान सिखों का नरसंहार हुआ था और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया था.

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के बाहर न्याय की आस लगाए दंगा पीड़ित परिवारों को मंगलवार सुबह से ही तांता लगा हुआ था. जज ने जब सज्जन कुमार को उम्र कैद की सुनाई तो उनके आंसू छलक आए हैं. उनमें से कई लोग सज्जन कुमार को फांसी की सजा की मांग कर रहे थे.

‘आधा न्याय मिला’
इन्हीं में से एक महिला ने News18 इंडिया से बातचीत में कहा कि सज्जन कुमार को फांसी होनी चाहिए.. ये हमें आधा न्याय मिला है. इसके साथ ही उन्होंने अपने परिजनों के बारे में बताई कि कैसे उनके परिजनों की बेहरमी से हत्या कर दी गई थी.

वह कहती हैं, ‘हमारे सामने हमारे बच्चे मरे… 11 साल का बच्चा, मेरी भाई की लड़की हाथ की मेहंदी नहीं, मेरा देवर को मेरे सामने मारा… ये क्या हुआ है? हमारे इतने बंदे मार डाले और एक बंदे को फांसी नहीं हुई. ये कौन सा न्याय है, कौन सा न्याय है ये? हमारे लाखों आदमी को मार दिए गए. सरकार ने एक बंदे को फांसी में नहीं लगाई? हमको अब तक न्याय कोई मिला ही नहीं, कोई न्याय नहीं मिला हमको?

क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 1984 के सिख दंगे से जुड़े मामले में सज्जन कुमार को अब तक कुल तीन मामलों में उम्रकैद की सजा हो चुकी है. आज दिल्ली के ही सरस्वती विहार इलाके में हुए दंगे से जुड़े दो मामलों में सजा का ऐलान किया गया है. इस मामले को लेकर शुरुआत में पंजाबी बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में जस्टिस जीपी माथुर कमेटी की सिफारिश पर गठित विशेष जांच दल ने आरोप पत्र दाखिल किया. समिति ने 114 मामलों को फिर से खोलने की सिफारिश की थी, जिनमें यह मामला भी शामिल था.

अदालत ने 16 दिसंबर 2021 को सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 148 और 149 के तहत दंडनीय अपराधों के साथ-साथ धारा 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436 और 440 के साथ धारा 149 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आरोप तय किए. एसआईटी ने आरोप लगाया कि सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुणदीप सिंह को जिंदा जला दिया और उनके घर के सामान लूट लिए. इस दौरान उनका घर भी जला दिया गया था. इस हमले में घर के कई लोग घायल भी हुए थे.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 25, 2025, 17:56 IST

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