इस्लामपुर सीट पर शुरुआती रुझान में JDU आगे, महागठबंधन पीछे

14 hours ago

Last Updated:November 14, 2025, 09:01 IST

Islampur Chunav Result 2025: बिहार चुनाव 2025 का आज परिणाम आने वाला है. इस्लामपुर सीट पर वोटों की गिनती शुरू हो गई है. सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले की एक और सीट इस्लामपपुर पर सबकी नजर है. जेडीयू के रुहैल रंजन का मुकाबला आरजेडी के राकेश कुमार रौशन से है. इस्लामपुर सीट पर काउंटिग की पल-पल की रिपोर्ट आपको NEWS18 इंडिया के साथ मिलता रहेगा.

इस्लामपुर सीट पर शुरुआती रुझान में JDU आगे, महागठबंधन पीछेइस्लामपुर सीट से शुरुआती रुझान में कौन आगे कौन पीछे?

पटना. नालंदा जिले की इस्लामपुर विधानसभा सीट पर इस बार एनडीए और महागठबंधन के बीच आर-पार की लड़ाई है. एनडीए से जेडीयू के रुहैल रंजन मैदान में उतारे हैं, जबकि महागठबंधन से आरजेडीके राकेश कुमार रौशन उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं. यह सीट 1990 से जनता दल के कब्जे में रही है. इस बार यह देखना रोचक होगा कि क्या रुहेल रंजन जीतकर नया इतिहास रचते हैं या आरजेडी एक बार फिर से लालटेन जलाएगी?

इस्लामपुर सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में स्थित होने के कारण जेडीयू के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है. इस सीट की खासियत यह है कि यह पिछले 30 सालों से जेडीयू के कब्जे में रही है. नालंदा जिले के मुख्यालय बिहार शरीफ से 42 किमी दूरी पर इस्लामपुर कई मायने में सीएम नीतीश कुमार के करीब है. इस्लामपुर का इतिहास नालंदा से गहराई से जुड़ा हुआ है, हालांकि इसके स्थानीय इतिहास पर दस्तावेज बहुत कम उपलब्ध हैं. आज का इस्लामपुर सड़क और रेलवे नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. यहां कई लंबी दूरी की ट्रेनें रुकती हैं और यह कुछ इंटरसिटी ट्रेनों का आरंभिक और अंतिम स्टेशन भी है.

राजनीतिक रूप से इस्लामपुर 1951 में एक विधानसभा क्षेत्र के रूप में स्थापित हुआ और यह नालंदा लोकसभा सीट के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. पिछले 17 चुनावों में इस क्षेत्र के मतदाताओं ने समाजवादी विचारधारा वाली पार्टियों को 11 बार चुना है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने तीन बार इस सीट से जीत हासिल की है, जो कि कांग्रेस की चार जीतों से बस एक कम है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण, इस्लामपुर पर उनकी राजनीतिक पकड़ हमेशा मजबूत रही है. जेडीयू लगातार छह बार इस सीट पर जीत दर्ज की. लेकिन 2020 में यह सिलसिला टूट गया जब राष्ट्रीय जनता दल ने यह सीट 3,698 वोटों से जीत ली. इसका एक बड़ा कारण लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) द्वारा एनडीए से अलग होकर जद(यू) के अनुसूचित जाति वोट बैंक में सेंध लगाना था.

2020 के विधानसभा चुनावों में इस्लामपुर में 2,93,139 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 तक बढ़कर 3,10,086 हो गए. 2020 में यहां अनुसूचित जाति के मतदाता 17.28 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता 6.9 प्रतिशत थे. यह इलाका अभी भी मुख्यतः ग्रामीण है, जहां केवल 10.49 प्रतिशत मतदाता शहरी माने जाते हैं. नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही यह देखना रोचक होगा कि क्या इस्लामपुर की जनता एक बार फिर उन्हें समर्थन देने के लिए एकजुट होती है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

November 14, 2025, 08:01 IST

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