Last Updated:November 11, 2025, 20:45 IST
Bihar Election Journal Mirror Exit Poll Results : बिहार चुनाव को लेकर अनेकों एग्जिट पोल्स के बीच एक ऐसा सर्वे सामने आया है जिसने बिहार चुनाव के परिणाम को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है. जहां लगभग सभी प्रमुख एजेंसियों ने एनडीए को बढ़त दी है, वहीं ‘जर्नो मिरर’ नामक एजेंसी का अनुमान कुछ अलग कहानी कह रहा है. इसमें महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में आते हुए दिखाया गया है. आइए इसकी डिटेल आगे जानते हैं.
बिहार चुनाव 2025: जर्नो मिरर के एग्जिट पोल में महागठबंधन को बहुमत मिलापटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से पहले अनेकों एजेंसियों े एग्जिट पोल बीच एक आंकड़ा सबसे अलग है. अब तक आए 10 प्रमुख सर्वे एजेंसियों के बीच ‘जर्नो मिरर’ एकमात्र ऐसा पोल है जिसने बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती हुई दिखाई है. जबकि लगभग सभी अन्य एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बहुमत या बढ़त दिखाई जा रही है. ‘जर्नो मिरर’ के मुताबिक, महागठबंधन को 130 से 140 सीटें, एनडीए को 100 से 110 सीटें, AIMIM को 3 से 4 सीटें और अन्य को 0 से 3 सीटें मिलने का अनुमान है. यानी सर्वे के अनुसार आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन बहुमत के आंकड़े (122) को आराम से पार करता दिख रहा है.
‘जर्नो मिरर’ का दावा है कि यह सर्वे 38 जिलों के 150 विधानसभा क्षेत्रों में 15 हजार से अधिक मतदाताओं की राय के आधार पर तैयार किया गया है. इसमें ग्रामीण और शहरी इलाकों दोनों की नब्ज को शामिल किया गया है. सर्वे टीम से मिली जानकारी के अनुसार ‘जर्नो मिरर’ के दावे में बताया गया है कि महागठबंधन को बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई जैसे मुद्दों पर जनता का समर्थन मिला है, जबकि एनडीए को सत्ता विरोधी लहर का कुछ असर झेलना पड़ा है. इसके उलट, टीवी चैनलों और प्रमुख सर्वे एजेंसियों में एनडीए को 133 से 167 सीटें तक दी गई हैं. यानी इन पोल्स में मोदी-नीतीश की जोड़ी एक बार फिर सत्ता में लौटती दिख रही है.
‘जर्नो मिरर’ एग्जिट पोल में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन को 130-140 सीटें मिलती दिखीं, जबकि अन्य एजेंसियों ने एनडीए को बढ़त बताई है.
महागठबंधन को युवाओं का साथ
‘जर्नो मिरर’ सर्वे बताता है कि ग्रामीण इलाकों में युवाओं और मुस्लिम यादव समीकरण का झुकाव महागठबंधन की ओर रहा है. तेजस्वी यादव के रोजगार और आर्थिक सहायता के साथ हर घर नौकरी के वादों ने युवाओं में उम्मीद जगाई है. वहीं, महिला मतदाताओं के बीच एनडीए का प्रभाव मजबूत जरूर रहा, लेकिन नये मतदाता, यानी 18 से 25 वर्ष के बीच के आयु वर्ग में महागठबंधन को बढ़त मिली है. सीमांचल, तिरहुत और मगध क्षेत्रों में महागठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि चंपारण, पटना और नालंदा बेल्ट में एनडीए ने पकड़ बनाए रखी है. एआईएमआईएम सीमांचल की कुछ सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है.
स्थानीय फैक्टर का बड़ा असर
सर्वे के निष्कर्ष बताते हैं कि इस बार चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा केंद्रित रहा, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा एनडीए को अतिरिक्त लाभ नहीं दिला सका. नीतीश कुमार की छवि स्थिरता की रही, लेकिन महागठबंधन ने बेरोजगारी और शिक्षा के सवाल को ज्यादा प्रभावशाली ढंग से उठाया. ‘जर्नो मिरर’ के अनुसार, राजनीति की नब्ज ग्राउंड पर एनडीए से महागठबंधन की ओर झुकी हुई है जो अन्य सर्वे एजेंसियों के अनुमानों से बिल्कुल अलग ट्रेंड दिखाता है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
November 11, 2025, 20:45 IST

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