Last Updated:March 24, 2025, 09:23 IST
Sajid Rashidi on Shivaji Maharaj : साजिद रशीदी ने शिवाजी महाराज को सामान्य राजा बताया और हिंदू धर्म पर सवाल उठाए, जिससे विवाद बढ़ गया है. हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई और सोशल मीडिया पर विरोध हो रहा है.

साजिद रशीदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर कहा कि उनकी मराठाओं के लिए कोई बड़ी उपलब्धि नहीं थी.
हाइलाइट्स
मुस्लिम धर्मगुरु साजिद रशीदी ने शिवाजी महाराज को सामान्य राजा बताया.उन्होंने यह भी कहा कि शादी में पंडे 36 गुण मिलाते हैं, फिर तलाक हो जाता है.हिंदू संगठनों ने साजिद रशीदी के बयान पर आपत्ति जताई.मुस्लिम धर्मगुरु साजिद रशीदी ने एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर कहा कि उनकी मराठाओं के लिए कोई बड़ी उपलब्धि नहीं थी और वे भी एक सामान्य राजा थे. साथ ही, उन्होंने इतिहास को नकारने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोग औरंगजेब को गाली देते हैं, लेकिन इतिहास की सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
साजिद रशीदी ने हिंदू धर्म को लेकर भी कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘आपमें एक बड़ी कमी है कि आप लोगों को यह नहीं बता सकते कि हिंदू धर्म क्या है. यह सनातन है या हिंदू धर्म, कुछ भी नहीं. वैदिक धर्म में मूर्ति पूजा नहीं होती थी. यह प्रथा 150-200 साल में आई है. आप मुझे बता दीजिए कि राम किसे पूजते थे? कृष्ण किसे पूजते थे?’
पंडे गुण मिलाते और एक महीने में तलाक हो…
रशीदी ने हिंदू विवाह पद्धति को लेकर भी टिप्पणी की और कहा, ‘आज शादियों में कहा जाता है कि 36 गुण मिलने चाहिए, लेकिन ये गुण पंडे मिलाते हैं और फिर एक महीने में तलाक हो जाता है. पंडों ने हिंदू धर्म के साथ खिलवाड़ किया है.’
इतना ही नहीं, उन्होंने राजाओं को लेकर भी बयान दिया और कहा, ‘ऐसे ही राजाओं पर मत जाइए. उन्होंने न हिंदुओं के लिए कुछ किया और न ही मुसलमानों के लिए. वे सिर्फ अपनी सत्ता के लिए लड़े.’
रशीदी के बयान पर बवाल
साजिद रशीदी के इन बयानों के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. शिवाजी महाराज को सामान्य राजा बताने और हिंदू धर्म को लेकर की गई उनकी टिप्पणी पर कई संगठनों ने आपत्ति जताई है. हिंदू संगठनों का कहना है कि शिवाजी महाराज न केवल मराठाओं बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं. उनकी रणनीतियां और शासन शैली भारतीय इतिहास में अद्वितीय रही हैं.
सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर विरोध शुरू हो गया है. कई लोग इसे इतिहास की गलत व्याख्या बता रहे हैं और इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला करार दे रहे हैं. वहीं, साजिद रशीदी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं कही है. उन्होंने केवल ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर किया है और किसी की भावनाओं को आहत करने की मंशा नहीं थी.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 24, 2025, 09:23 IST