कटरा-श्रीनगर वंदेभारत:पहले ट्रायल में सर्वधर्म प्रार्थना सभा क्‍यों करनी पड़ी?

14 hours ago

Last Updated:June 06, 2025, 10:43 IST

Katra Srinagar Vande Bharat- 2008 में बडगाम से काकापोरा तक पहला ट्रायल रन हुआ. इसकी सफलता के लिए हिंदू, मुस्लिम और सिख धर्मगुरुओं ने प्रार्थना की. ट्रेन देखने के लिए लोग उमड़ पड़े और बच्चे स्कूल छोड़कर आए.

पहले ट्रायल में सर्वधर्म प्रार्थना सभा क्‍यों करनी पड़ी?

आज पहली बार दौड़ेगी वंदेभारत एक्‍सप्रेस.

हाइलाइट्स

पहले ट्रायल की सफलता के लिए हिंदू, मुस्लिम और सिख धर्मगुरुओं ने प्रार्थना कीलोगों की उमड़ पड़ी थी भीड़स्‍कूल छोड़कर बच्‍चे आए थे

नई दिल्‍ली. उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना ने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का सपना आज साकार हो रहा है. यह 272 किलोमीटर लंबी रेल लाइन 1994-95 में स्वीकृत हुई और 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने यूएसबीआरएल की नींव रखी. इस परियोजना ने आतंकवाद, भूस्खलन और सर्दियों की बर्फबारी जैसी कई मुश्किलों को पार किया. पहले ट्रायल की सफलता के लिए हिंदू, मुस्लिम और सिख धर्मगुरुओं ने प्रार्थना की. लोग ट्रेन देखने के लिए उमड़ पड़े और बच्चे स्कूल छोड़कर आए.

1997 में नीतू सप्रा अपने पति सुरेश कुमार सप्रा के साथ कश्‍मीर तक थी, वो उत्तरी रेलवे के कार्यकारी इंजीनियर थे. उनके अनुसार 2004 में इरकॉन के इंजीनियर आर एन पंधीर और उनके भाई की आतंकवादियों ने अपहरण कर हत्या कर दी. इस घटना से काम रुक गया, लेकिन स्थानीय लोगों और पुलिस के समर्थन से रेलवे कर्मचारियों ने हिम्मत नहीं हारी.

पहले ट्रायल रन की सफलता के लिए सर्वधर्म प्रार्थना सभा

44,000 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस रेल लाइन में 36 सुरंगें और 943 पुल हैं, जिनमें दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज शामिल है. भविष्‍य में यह रेल लाइन दिल्ली से श्रीनगर की 800 किमी की यात्रा को 13 घंटे से कम समय में पूरा करेगी. 2008 में बडगाम से काकापोरा तक पहला ट्रायल रन हुआ. इसकी सफलता के लिए हिंदू, मुस्लिम और सिख धर्मगुरुओं ने प्रार्थना की. ट्रेन देखने के लिए लोग उमड़ पड़े और बच्चे स्कूल छोड़कर आए.

केवल दो खूंटे जमीन में गाड़कर हुई शुरुआत

1997 में नौगाम (अब श्रीनगर रेलवे स्टेशन) में सर्वे के दौरान स्थानीय लोगों ने रेलवे टीम को पुलिस समझ लिया, जिससे तनाव बढ़ गया. मामले समझने के बाद दो लकड़ी के खूंटे जमीन में गाड़कर परियोजना शुरू की. सर्दियों में बर्फबारी के कारण काम रुक गया, लेकिन अप्रैल में फिर शुरू हुआ.

सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

पर्यटन में बढ़ोतरी: यह रेल लाइन पर्यटकों को कश्मीर घाटी तक आसानी से लाएगी.

शिक्षा के अवसर: कश्मीर के छात्रों को देश के बड़े शिक्षण संस्थानों तक पहुंच मिलेगी.

हर मौसम में संपर्क: यह रेल लाइन कश्मीर को पूरे साल देश से जोड़े रखेगी, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों का आर्थिक विकास होगा.

सड़कों का निर्माण: परियोजना के लिए 172 किमी सड़कों का निर्माण हुआ, जिससे कई गांव मुख्यधारा से जुड़े.

Location :

Jammu and Kashmir

homenation

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