Last Updated:March 09, 2025, 01:59 IST
Devendra Fadnavis News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औरंगजेब की कब्र हटाने पर बयान दिया, कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया है और जल्दबाजी में निर्णय नहीं लिया जा सकता. हिंदू जनजागृति समिति ने खर्च पर स...और पढ़ें

मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए औरंगजेब की कब्र को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि यह सवाल केवल उनकी सरकार का नहीं, बल्कि सभी लोगों का है कि औरंगजेब की कब्र हटाई जानी चाहिए.
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में कुछ काम कानून के हिसाब से करना होता है, क्योंकि यह कब्र कांग्रेस के शासनकाल में संरक्षित की गई थी और उस समय से ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का संरक्षण प्राप्त है. फडणवीस ने यह भी कहा कि कब्र का संरक्षण एक कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ था, और इसे हटाने या उसमें बदलाव करने के लिए कानून का पालन करना जरूरी है. उनका कहना था कि इस विषय पर जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है.
दरअसल, सीएम फडणवीस मुंबई में ‘श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज’ के 350वें शहीदी वर्ष के अवसर पर आयोजित ‘गुरमत समागम’ कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने यह बयान दिया. उनका यह बयान राज्य में औरंगजेब की कब्र को लेकर बढ़ते विवाद के बीच आया है, जिसमें कई राजनीतिक और धार्मिक संगठन इस कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि दो दिन पहले हिंदू जनजागृति समिति की ओर से एक आरटीआई के तहत यह जानकारी सामने आई थी कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने 2011 से 2023 तक लगभग 6.5 लाख रुपये खर्च किए हैं. इस मामले को लेकर समिति ने सवाल उठाया था कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए इतना खर्च क्यों किया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर सिंधु दुर्ग किले पर स्थित राज राजेश्वर मंदिर के रखरखाव के लिए साल भर में केवल 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं.
हिंदू जनजागृति समिति ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय पुरातत्व विभाग औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर इतना पैसा खर्च कर रहा है, जबकि अन्य धार्मिक स्थलों के रखरखाव के लिए इस तरह की प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. समिति ने इसे भेदभावपूर्ण करार दिया और इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की.
Location :
Mumbai,Maharashtra
First Published :
March 09, 2025, 01:59 IST