Last Updated:November 25, 2025, 18:55 IST
कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बयान से हंगामा मच गया है. (फाइल फोटो)बेंगलुरु. कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर गर्म है और इस बार आग लगी है कांग्रेस की सरकार के भीतर. उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने मंगलवार को ऐसा बयान दिया जिसने चल रही सत्ता-साझेदारी की चर्चाओं को नया ईंधन दे दिया. उन्होंने साफ कहा कि मुख्यमंत्री बदलने जैसे संवेदनशील मुद्दे पर वह खुलकर बात नहीं करना चाहते क्योंकि यह ‘पार्टी के चार-पांच लोगों के बीच का गुप्त समझौता’ है और उन्हें अपनी ‘अंतरात्मा पर भरोसा’ है.
शिवकुमार का यह बयान ऐसे समय आया है जब सिद्धारमैया सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल के मध्य बिंदु पर पहुंच चुकी है. और जैसे ही यह तारीख आई, 2023 में कथित रूप से हुए सिद्धारमैया-शिवकुमार सत्ता-साझेदारी समझौते की चर्चा फिर तेज हो गई, जिसके मुताबिक सरकार के आधे कार्यकाल बाद नेतृत्व परिवर्तन की बात कही जाती रही है. डी.के. शिवकुमार ने कहा कि वह पार्टी को किसी भी तरह की शर्मिंदगी में नहीं डालना चाहते और न ही ऐसा कोई कदम उठाना चाहते जिससे कांग्रेस कमजोर पड़े, लेकिन उनका यह संकेत साफ है कि अंदरखाने कुछ न कुछ बड़ा चल रहा है और यह सिर्फ ‘अटकलें’ नहीं हैं.
दिन में इससे पहले, राज्य में जारी सत्ता संघर्ष के बीच, शिवकुमार ने पिछले कुछ दिनों से शहर में मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात नहीं की थी. हालांकि, वह खरगे को राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होने पर उन्हें हवाई अड्डे तक छोड़ने के लिए साथ गए.
शिवकुमार से जब पूछा गया कि क्या उनका मुख्यमंत्री बनना तय है तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता. मैंने मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं कहा है. यह हम पांच-छह लोगों के बीच का एक गुप्त समझौता है. मैं इस पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहना चाहता. मैं अपनी अंतरात्मा पर विश्वास करता हूं और हमें उसी के अनुसार काम करना चाहिए. मैं किसी भी तरह से पार्टी को शर्मिंदा नहीं करना चाहता और न ही उसे कमजोर करना. पार्टी है तो हम हैं, कार्यकर्ता हैं तो हम हैं.”
अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र कनकपुरा में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री बोल चुके हैं. वह वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी के लिये मूल्यवान हैं. वह कुल 7.5 साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं (जिसमें 2013 से 2018 तक का उनका पांच वर्ष का पूर्व का कार्यकाल भी शामिल है).” सिद्धारमैया ने कहा है कि वह अगला बजट भी पेश करेंगे. उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं. उन्होंने पहले भी विपक्ष के नेता के तौर पर काम किया है. उन्होंने पार्टी के लिए भी काम किया है और उसे बनाया है. हम सभी को 2028 (विधानसभा चुनाव) और 2029 (लोकसभा चुनाव) के लक्ष्य के साथ मिलकर काम करना चाहिए.”
जब शिवकुमार को बताया गया कि बेंगलुरु साउथ (पहले रामनगर) के लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए जिले की चारों सीटें कांग्रेस को दे दी हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी से कुछ नहीं मांगा है. उन्होंने कहा, “चुनाव के समय मैं सभी निर्वाचन क्षेत्रों में गया था, जिनमें महादेवप्पा (जो सिद्धारमैया के करीबी मंत्री हैं) का क्षेत्र भी शामिल है, और वहां लोगों से मेरे चेहरे को देखकर वोट देने की अपील की थी. मैंने मांड्या में भी हर जगह यही कहा था. मैं इस पर विवाद नहीं करता. लोगों ने वोट दिया है. सभी 224 विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं ने हमसे कहीं अधिक मेहनत की है और इस सरकार को सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई है. विधायक और मंत्री तो सिर्फ इसके लाभार्थी हैं.”
अपने समर्थन में विधायकों के दिल्ली जाकर आलाकमान से मुलाकात करने और उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाने से जुड़े प्रश्न पर शिवकुमार ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है, और संभव है कि वे मंत्री बनने के प्रयास कर रहे हों. उन्होंने कहा, “मैंने उनमें (विधायकों में) से किसी भी विधायक को न तो फोन किया है और न ही बात की है. मैं उनसे यह भी नहीं पूछ रहा कि वे क्यों गए. मुझे इसकी जरूरत नहीं है.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Bangalore,Karnataka
First Published :
November 25, 2025, 18:55 IST

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