Last Updated:August 08, 2025, 16:06 IST
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र में 1 लाख से अधिक वोट चोरी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पर बीजेपी से मिलीभगत का दावा किया है. वहीं, चुनाव आयोग ने जवाब में उन्हें शपथ पत्र पर हस्ताक्षर...और पढ़ें

Karnataka Voter Dispute: कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक में वोटर फ्रॉड के आरोप लगाए जाने के बाद, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को उन पर सीधा वार करते हुए कहा कि वे या तो अपने दावों पर हस्ताक्षरित औपचारिक घोषणा पत्र दें या फिर देश से माफी मांगें.
राहुल गांधी के आरोप
एक दिन पहले, राहुल गांधी ने दिल्ली में एक प्रेजेंटेशन दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग (ECI) बीजेपी के साथ मिलकर बैंगलोर सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में पिछले साल हुए आम चुनाव में 1 लाख से ज्यादा वोट “चुराने“ की साजिश में शामिल था.
राहुल गांधी का कहना है कि कांग्रेस की 40 सदस्यीय टीम ने गहन विश्लेषण किया, जिसमें वोटरों के नाम में डुप्लीकेसी, फर्जी पते, गलत तस्वीरें और संदिग्ध फॉर्म-6 आवेदन पाए गए. उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग बीजेपी के साथ मिलकर वोट चुरा रहा है. इसीलिए वे हमें मशीन-रीडेबल डेटा नहीं देते.“
राहुल के मुताबिक, बैंगलोर सेंट्रल के बाकी सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस आगे थी, लेकिन महादेवपुरा में बीजेपी को 1.14 लाख वोटों की बढ़त मिली, जिसकी वजह से वह यह सीट 32,707 वोटों से जीत गई.
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा है कि अगर उन्हें अपने विश्लेषण और आरोपों पर भरोसा है, तो वे बिना हिचकिचाहट उस पर हस्ताक्षर करें. अगर वे हस्ताक्षर नहीं करते, तो इसका मतलब होगा कि वे खुद अपने दावों को सही नहीं मानते और ऐसे में उन्हें देश से “बेतुके आरोप“ लगाने के लिए माफी मांगनी चाहिए. वहीं, चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा, “राहुल गांधी के पास दो विकल्प हैं – या तो घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या फिर देश से माफी मांगें.”
खुद हस्ताक्षर क्यों जरूरी?
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने पहले कभी खुद के हस्ताक्षर वाले पत्र नहीं भेजे. जो भी पत्र आते हैं, वे किसी और संस्था या व्यक्ति के नाम से होते हैं और बाद में राहुल गांधी जवाब को अपना मानने से इनकार कर देते हैं. उदाहरण के तौर पर, दिसंबर 2024 में उन्होंने महाराष्ट्र का मुद्दा उठाया था. उस समय ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की ओर से एक वकील ने आयोग को पत्र लिखा था. आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को जवाब भी दिया, जो उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है, लेकिन राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें कभी कोई जवाब नहीं मिला.
राज्य चुनाव अधिकारियों की चिट्ठी
राहुल गांधी के ताजा आरोपों के बाद कई राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (Chief Electoral Officers) ने, जिनमें महाराष्ट्र और कर्नाटक के CEO भी शामिल हैं, उन्हें पत्र लिखकर वोटरों के नाम और पूरी सूची मांगी है. साथ ही, उन्होंने नियम 20(3)(b) (रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स, 1960) के तहत हस्ताक्षरित घोषणा पत्र देने को कहा है, ताकि आगे कार्रवाई शुरू की जा सके. कर्नाटक के CEO की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया, “आपसे निवेदन है कि संलग्न घोषणा/शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करके लौटाएं, ताकि आवश्यक कार्यवाही की जा सके.”
प्रियंका गांधी का बयान
आज मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उनके भाई द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने इतना बड़ा खुलासा किया है… अगर इसमें कोई गलती या अनजाने में हुई त्रुटि है, तो उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन जांच करने के बजाय वे (बीजेपी) शपथ पत्र मांग रहे हैं. मेरे भाई ने जो कहा है, एक दिन आएगा जब जनता को ताकत मिलेगी और फिर जो लोग इस लोकतंत्र को खत्म करने में मिले हुए हैं, उन्हें जवाब देना पड़ेगा.”
First Published :
August 08, 2025, 16:06 IST