Last Updated:August 27, 2025, 14:29 IST
Bird's eggs and nature's wrath: गांव में आज भी इस चिड़िया के अंडों से मानसून में होने वाली बारिश का अंदाजा लगाया जाता है. हैरानी वाली बात यह है कि ग्रामीणों की यह विश्वास साल दर साल सही साबित हुआ है.

Bird’s eggs and nature’s wrath: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में पहले बादल फटे, फिर प्रलय जैसी बाढ़ ने तमाम इलाकों को अपने आगोश में ले लिया. इसके बाद, बाढ़ का यह सिलसिला उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, हरियाणा तक पहुंच गया. इन राज्यों के कई शहर पूरी तरह से बाढ़ के पानी से सराबोर हो गए. अब बाढ़ का कहर जम्मू और कश्मीर में जारी है. कुदरत के इस कहर को लेकर मौसम विभाग ने जैसे भी पूर्वानुमान दिए हो, लेकिन कोई ऐसा है, जिसने इस कहर का संकेत महीनों पहले दे दिया था. संकेतों में यह बता दिया गया था कि इस बार की मानसून न केवल कई महीनों तक चलेगा, बल्कि हालात तबाही से बन जाएंगे.
दरअसल, यहां पर हम एक खास चिड़िया की बात कर रहे हैं. गांव-देहातों में इस चिड़िया को मौसम वैज्ञानिकों से बढ़कर माना जाता है. लोगों के बीच ऐसी लोक मान्यता हैं कि एक बार मौसम विभाग का पूर्वानुमान गलत हो सकता है, लेकिन इस चिड़िया के संकेत कभी भी गलत नहीं होते हैं. यही वजह है कि आज भी किसान इस चिड़िया से मिले संकेतों के आधार पर अपनी खेती की तैयारी करते हैं. जी हां, यहां पर हम टिटिहरी (Lapwing bird) नामक चिड़िया की बात कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग यह मानते हैं कि मानूसन से पहले टिटिहरी जितने अंडे देगी, उस साल उतनी ही बारिश होगी. हैरानी की बात यह है कि किसानों की यह मान्यता हर साल सही साबित होती है.
थोड़ा अलग है मौसम का हाल बताने वाली टिटिहरी
किसानों को अपने अंडों से मौसम का पूर्वानुमान देने वाली टिटिहरी ज्यादातर खेतों, खुले इलाकों और जलस्रोतों के आसपास नजर आती हैं. टिटिहरी दूसरे पक्षियों से कई मायनों में अलग है. यह चिड़िया कभी अपना घोसला पेड़ पर नहीं बनाती है, बल्कि जमीन पर बनाती है और अपने अंडे भी वहीं पर देती है. टिटिहरी को कभी पेड़ पर बैठा हुआ नहीं देखा जाता है, यह हमेशा जमीन पर ही बैठी नजर आती है. जहां तक बात टिटिहरी के अंडों और मानूसन की बारिश के पूर्वानुमान की है, तो आइए आपको बताते हैं ग्रामीण इलाकों की इस मान्यता के अनुसार कितने अंडे पर कितनी बारिश का होता है पूर्वानुमान.
कितने अंडे पर कितनी बारिश का होता है पूर्वानुमान
बुंदेलखंड के बांदा जिले के अंतर्गत आने वाले औगासी गांव के किसान दयाशंकर मिश्र बताते हैं कि यदि टिटिहरी एक अंडा देती है तो उस साल हल्की बारिश होगी या सूखे जैसे हालात हो सकते हैं. लिहाजा, किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए वैकल्पिक साधनों का इंतजाम करना शुरू कर देते हैं. टिटिहरी के इन्हीं संकेतों के हिसाब से बीजों की खरीद और बुआई भी होती है. यदि टिटिहरी दो अंडे दे तो यह माना जाता है कि बारिश सामान्य और संतुलित होगी. वहीं, टिटिहरी तीन अंडे दे तो अच्छी और झमाझम बारिश के संकेत होते हैं. यदि टिटिहरी चार अंडे दे तो उस साल मूसलाधार बारिश के साथ भीषण बाढ़ जैसे हालात हालात पैदा होने की आशंका रहती है.
गांव वाले टिटिहरी को मानते हैं भगवान का दूत
औगासी गांव के ही गोरेलाल तिवारी बताते हैं कि हमारे बुजुर्ग टिटिहरी को भगवान का भेजा हुआ दूत मानते थे. टिटिहरी जो भी करती है, उसका सीधा संबंध प्रकृति से होता है. इस बार टिटिहरी ने चार अंडे दिए थे. हम सभी देख रहे हैं कि बीते तीन महीनों से बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है. लगभग सभी नदियां उफान पर है. कई राज्यों में बाढ़ की वजह से हालात तबाही जैसे बन गए हैं. उन्होंने बताया कि जब टीवी, रेडियो जैसी चीजें नहीं थी और मौसम विभाग से जुड़ी सूचनाएं हम तक नहीं पहुंच पाती थीं, तब टिटिहरी के अंडों से हमें मानसून का अंदाजा लगता था और उसी के हिसाब से किसान अपनी खेती की तैयारी करते थे. उनका दावा है कि यह अंदाजा साल दर साल सही ही साबित हुआ है.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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Location :
Banda,Uttar Pradesh
First Published :
August 27, 2025, 14:29 IST