British Army Rejected 173 Soldiers: ब्रिटिश ऑर्मी ने अपनी सेना में भर्ती होने वाले 173 नए सैनिकों को नौकरी से निकाल दिया. इसके पीछे की वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे. इतनी बड़ी संख्या में सोल्जर्स को निकालने के पीछे की वजह बताते हुए ब्रिटिश ऑर्मी ने बताया कि इन सोल्जर्स के दांतों में खराबी थी. ब्रिटिश ऑर्मी ने कहा कि जो लोग अपने दांतों की ठीक से देखभाल नहीं कर पाते हैं वो ऑर्मी के जरूरी अभियानों की जिम्मेदारी कैसे निभा पाएंगे? डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश ऑर्मी ने नए सैनिक बनकर देश की सेवा की इच्छा रखने वाले ऐसे कुछ लोगों को नौकरी से निकाल दिया जिनके दांतों में खराबी थी. बीते 4 सालों में ब्रिटिश ऑर्मी ने ऐसे 173 नए सैनिकों को बाहर का रास्ता दिखाया है.
आपको बता दें कि अब ब्रिटिश सेना में भर्ती की प्रक्रिया में सिर्फ फिजिकल फिटनेस ही नहीं, बल्कि डेंटल हेल्थ भी एक महत्वपूर्ण मानदंड बनती जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, जिन अभ्यर्थियों के दांतों में गंभीर सड़न, संक्रमण या मसूड़ों की बीमारी पाई गई, उन्हें सेना में भर्ती के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. सेना का तर्क है कि जो 'सैनिक अपने दांतों की देखभाल नहीं कर सकते, वे हाई-प्रेशर और चुनौतीपूर्ण सैन्य अभियानों की जिम्मेदारी कैसे संभाल पाएंगे?' विशेषज्ञों के अनुसार, खराब डेंटल हेल्थ न केवल सैनिक की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है, बल्कि गंभीर मामलों में इमरजेंसी मेडिकल एवैक्यूएशन की जरूरत भी पड़ सकती है, जिससे मिशन पर असर पड़ सकता है.
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स्वास्थ्य की वजह से रद्द कर दी गई 47000 सैनिकों की भर्ती
ब्रिटिश डिफेंस मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक ये सभी सैनिक उन 47,000 सैनिकों में शामिल थे जिनकी भर्ती चिकित्सा आधार पर रद्द की गई थी. जून में आए आंकड़ों में बताया गया है कि 26 हजार सैनिकों के दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी की वजह से उन्हें दांतों के इलाज की जरूरत थी. ब्रिटिश डेंटल एसोसिएशन के मुताबिक इराक और अफगानिस्तान में युद्ध की तुलना में ज्यादा सैनिक दांतों की बीमारियों की वजह से अपना काम ठीक से नहीं कर पाए थे. एक रिसर्च में ये पाया गया कि सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों की तुलना में समाज के बाकी लोगों के मुकाबले दोगुनी दांतों की समस्याएं आती है इनमें से ज्यादातर गरीब पारिवारिक बैकग्राउंड से होते हैं.
मुहांसे भी बने सैनिकों के रिजेक्शन की वजह
सिर्फ दांतों की समस्या वाले सैनिकों का ही रिजेक्शन नहीं हुआ है इनके अलावा मुंहासों और स्किन से संबंधित बीमारियों को लेकर भी 1,800 सैनिकों को ब्रिटिश ऑर्मी ने नौकरी देने से मना कर दिया था. मौजूदा समय सेना में 71,000 सैनिक हैं जो सदी की शुरुआत में 1,00,000 थे. डिफेंस सेक्रेटरी ने इस बात को एक्सेप्ट किया है कि इस कमी को दूर करने में कुछ समय लगेगा. 2020 से 2024 के बीच के आंकड़े बताते हैं कि मेडिकल के आधार पर अस्वीकृत किए गए आधे जवानों को मानसिक समस्याएं थीं.
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