Last Updated:August 27, 2025, 13:38 IST
Bihar Chunav 2025: राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के दरभंगा में दिये गए एक बयान ने बिहार की सियासत में 'आग' लगा दी है. हिंदुओं को सेकुलरिज्म समझाने और बीजेपी को 'थेथर पार्टी' बताने वाले उनके बयान ने विवाद खड़ा ...और पढ़ें

दरभंगा. राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की समीक्षा बैठक में सोमवार (25 अगस्त) को राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि हिंदुओं को सेकुलरिज्म, सोशलिज्म और संविधान की गहरी समझ चाहिए. उन्होंने बीजेपी को ‘थेथर पार्टी’ करार देते हुए इसे देश के लिए खतरा बताया और माफी मांगकर सत्ता छोड़ने की सलाह दी. सिद्दीकी ने यह भी कहा कि बड़े दुश्मन (बीजेपी) को हराने के लिए छोटे दुश्मनों से गठबंधन जरूरी है.सिद्दीकी के इस बयान पर बवाल बढ़ गया और बीजेपी ने अब्दुल बारी सिद्दीकी की मंशा पर सवाल उठाए हैं. वहीं, जानकार बता रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह राजद की रणनीति का हिस्सा हो सकती है.
दरअसल, विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष का आरोप है कि एनडीए गरीब और अल्पसंख्यक वोटरों को मतदाता सूची से हटा रहा है. अब्दुल बारी सिद्दीकी का बयान इस मुद्दे को भुनाने और महागठबंधन के समर्थकों, खासकर मुस्लिम और यादव वोटरों को एकजुट करने की कोशिश हो सकती है. लेकिन, सवाल यह है कि हिंदुओं को निशाना बनाकर क्या राजद वोट ध्रुवीकरण को बढ़ावा देना चाहता है? क्या सिद्दीकी बीजेपी विरोध के लिहाज से राजद को कांग्रेस से आगे दिखाना चाहते हैं?
हिंदू भावनाओं का सवाल, बीजेपी का पलटवार
अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी नेता दानिश इकबाल ने कहा कि हिंदुओं को सेकुलरिज्म सिखाने की जरूरत नहीं, क्योंकि भारतीय संस्कृति सभी को समाहित करती है. बीजेपी ने इसे हिंदू भावनाओं का अपमान करार दिया और सिद्दीकी से माफी की मांग की. कुछ नेताओं ने इसे राजद की ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ की नीति का हिस्सा बताया.जानकारों की नजर में भी यह विवाद बिहार में धार्मिक ध्रुवीकरण की आशंका को जन्म देने वाला है.
सिद्दीकी की सफाई, पर क्या थी मंशा?
विवाद बढ़ने पर अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सफाई दी कि उनके बयान को गलत समझा गया. उन्होंने कहा कि उनका इशारा एक संगठन की ओर था जो हिंदुओं को उन्मादी बना रहा है न कि पूरे हिंदू समुदाय की ओर. सिद्दीकी ने सभी धर्मों को समझाने की जरूरत बताई, लेकिन बीजेपी ने इसे वोट ध्रुवीकरण की रणनीति करार दिया. सवाल यह है कि क्या अब्दुल बारी सिद्दीकी व्यक्तिगत छवि चमकाने की कोशिश कर रहे थे या यह राजद की सुनियोजित रणनीति थी?
राजद बनाम कांग्रेस में अगुवाई की जंग?
बिहार में महागठबंधन में राजद और कांग्रेस के बीच नेतृत्व की होड़ साफ दिखती है. राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा को समर्थन देने के बावजूद, सिद्दीकी का बयान राजद को बीजेपी विरोध के केंद्र में लाने की कोशिश हो सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजद, खासकर लालू और तेजस्वी SIR के मुद्दे पर कांग्रेस से ज्यादा आक्रामक रुख अपनाकर अपने परंपरागत वोटरों (मुस्लिम-यादव) को मजबूत करना चाहता है. सिद्दीकी का बयान इस रणनीति का हिस्सा हो सकता है.
वोट ध्रुवीकरण और सियासी जोखिम
अब्दुल बारी सिद्दीकी का बयान हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है जो राजद के लिए जोखिम भरा हो सकता है. दरअसल, बिहार में 18% मुस्लिम आबादी और यादव समुदाय राजद का मजबूत आधार हैं, लेकिन हिंदू वोटरों को नाराज करना महागठबंधन को भारी पड़ सकता है. बीजेपी इस बयान को भुनाकर हिंदू वोटरों को एकजुट करने की कोशिश कर सकती है. बिहार में SIR को लेकर विपक्ष का अभियान तेज है और सिद्दीकी का बयान इस आग में घी डालने का काम कर सकता है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
August 27, 2025, 13:38 IST