जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हिन्दुओं के नरसंहार ने न केवल भारत को झकझोर दिया, बल्कि दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को मजबूत किया. इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिसमें दो विदेशी पर्यटक शामिल थे. लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि अब उसने इससे अपना हाथ खींच लिया है. हमले के बाद भारत सरकार, सुरक्षा बल, और खुफिया एजेंसियां आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई में जुट गई हैं.
यहां पढ़ें पहलगाम हमले के बाद की स्थिति को दर्शाती दिन भर की 10 बड़ी खबरें…
1. एनआईए को सौंपी गई पहलगाम हमले की जांच : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है. सूत्रों के अनुसार, एनआईए जल्द ही जम्मू-कश्मीर पुलिस से केस की डायरी और सबूत लेगी. यह कदम हमले की साजिश, आतंकियों के नेटवर्क, और संभावित ISI कनेक्शन की गहराई से जांच के लिए उठाया गया है. एनआईए की टीमें श्रीनगर और अनंतनाग में तैनात की जा रही हैं.
2. आतंकी ठिकानों पर बड़ा एक्शन : पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. वहां अब तक 9 आतंकियों के घर ध्वस्त किए गए. कुपवाड़ा में लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर फारूक अहमद भट का घर बुलडोजर से गिराया गया. वहीं पुलवामा के खासीपोरा में जैश आतंकी अमिर नजीर वानी का घर धमाके से उड़ा दिया गया. यह कार्रवाई आतंकियों और उनके समर्थकों को कड़ा संदेश देने के लिए की गई. श्रीनगर और बारामूला में भी संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी जारी है.
3. सीमावर्ती गांवों में हाई अलर्ट : हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गाँवों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. BSF, पुलिस, और विलेज डिफेंस गार्ड (VDG) सदस्यों की बैठकें हुईं, जिसमें बंकरों की मरम्मत और गश्त बढ़ाने पर चर्चा हुई. न्यूज 18 इंडिया की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय लोग रात में गश्त कर रहे हैं. पुंछ, राजौरी, और कठुआ जैसे क्षेत्रों में ड्रोन निगरानी बढ़ा दी गई है.
4. पाकिस्तानियों को वापस भेजने की डेडलाइन : पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने की 27 अप्रैल की डेडलाइन दी थी. आज इसका आखिरी दिन है, और देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक अटारी बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. खुफिया एजेंसियां इनकी जांच कर रही हैं ताकि कोई संदिग्ध आतंकी गतिविधियों में शामिल न हो. यह कदम भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है.
5. खाड़ी देशों का पाकिस्तान को झटका : पहलगाम हमले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया है. ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान और UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ एकजुटता जताई. यह कदम खाड़ी देशों के बदलते रुख को दर्शाता है, जो पहले पाकिस्तान के करीबी सहयोगी थे.
6. कुलगाम में आतंकियों से मुठभेड़ : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में कल सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. सूत्रों के अनुसार, दो आतंकी एक मकान में छिपे हैं, जिन्हें सेना और CRPF ने चारों ओर से घेर लिया. यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ चल रही व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है. इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.
7. पाकिस्तान में सेना प्रमुख के खिलाफ गुस्सा : पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के नागरिकों में अपनी सेना के खिलाफ गुस्सा भड़क उठा है. एक्स पर ‘पाकिस्तान सेना प्रमुख इस्तीफा दो’ ट्रेंड कर रहा है, जिसमें यूजर्स ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को ISI और आतंकी संगठनों को संरक्षण देने का जिम्मेदार ठहराया. कुछ यूजर्स ने लिखा, ‘पाक सेना आतंकियों को पनाह देती है, और हमारी अर्थव्यवस्था बर्बाद हो रही है.’ यह जनाक्रोश पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता को उजागर करता है.
8. पाकिस्तान की कूटनीतिक कोशिशें : पहलगाम हमले के बाद वैश्विक अलगाव से बचने के लिए पाकिस्तान ने कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं. पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इसहाक डार ने अजरबैजान और मिस्र के विदेश मंत्रियों से फोन पर बात की. डार ने कश्मीर के ‘मौजूदा हालात’ पर चर्चा की और समर्थन की उम्मीद जताई. हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक समुदाय में पाकिस्तान की साख कमजोर होने से ये प्रयास विफल हो सकते हैं.
9. आतंकी मददगारों पर छापेमारी : जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के मददगारों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू हुई है. श्रीनगर में 64 ठिकानों पर UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम) के तहत छापेमारी की गई. कुलगाम से दो आतंकी मददगारों को गिरफ्तार किया गया, जो TRF आतंकियों को हथियार और रसद पहुँचाने में शामिल थे. खुफिया एजेंसियाँ स्थानीय नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी हैं.
10. 14 लोकल आतंकियों की लिस्ट तैयार : खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के 14 स्थानीय आतंकियों की एक लिस्ट तैयार की है, जो पाकिस्तानी आतंकियों को मदद पहुँचाने में शामिल हैं. इनमें TRF और लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध शामिल हैं. एजेंसियों ने इनके ठिकानों, बैंक खातों, और संपर्कों की जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार, इनका ‘हिसाब’ जल्द किया जाएगा.
पहलगाम आतंकी हमला कश्मीर की शांति और पर्यटन पर एक सुनियोजित हमला था, जिसके पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ है. भारत सरकार का कड़ा रुख, एनआईए की जांच, और सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ देश के संकल्प को दर्शाती है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन और पाकिस्तान का बढ़ता अलगाव इस घटना के वैश्विक प्रभाव को उजागर करता है. जैसे-जैसे अमरनाथ यात्रा नजदीक आ रही है, कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है. इस त्रासदी में जान गंवाने वालों के प्रति देश की संवेदनाएं हैं, और आतंकियों को सजा दिलाने के लिए हर कदम उठाया जा रहा है.