Punjab Urban Body Elections: लोकसभा चुनाव में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस पार्टी बीते करीब छह माह में फिर से पटरी से उतर गई है. लोकसभा के बाद हुए सभी विधानसभा चुनावों में पार्टी की बुरी हार हुई है. लोकसभा में कांग्रेस पार्टी ने 99 सीटों पर जीत हासिल थी. उस वक्त उसे महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब में अच्छी सफलता मिली थी. महाराष्ट्र में कांग्रेस के 14 सांसद जीते थे, वहीं हरियाणा में उसे पांच लोकसभा सीटों पर जीत मिली थीं. पंजाब में भी उसे 13 में से सात लोकसभा सीटों पर जीत मिली. यानी इन तीनों राज्यों में उसे 26 सांसद मिले. बीते छह माह में इन तीनों राज्यों में चुनाव हुए हैं. लेकिन, इन तीनों राज्यों में कांग्रेस को बुरी हार झेलनी पड़ी है.
दरअसल, हम बात कर रहे पंजाब में हुए निकाय चुनावों की. इससे पहले हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बुरी हार झेलनी पड़ी. शनिवार को पंजाब के पांच शहरी नगर निकायों जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और फगवाड़ा में निकाय चुनाव हुए हैं. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के देशव्यापी उभार के बावजूद पंजाब ने कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ा था. 2014 के लोकसभा चुनाव में पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 8 पर कांग्रेस को जीत मिली थी. फिर 2019 के लोकसभा में कांग्रेस को यहां बड़ी जीत मिली. लेकिन, दिल्ली के बाद कांग्रेस के गढ़ रहे इस राज्य पर भी आम आदमी पार्टी ने कब्जा कर लिया. आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन में है लेकिन, अधिकतर राज्यों में वह कांग्रेस की जमीन पर खड़ी हुई है.
पटियाला में आप को मिली जीत
पंजाब के निकाय चुनावों में कांग्रेस को बुरी हार झेलनी पड़ी है. पटियाला के 60 वार्डों में से 43 पर आप को जीत मिली है, जबकि कांग्रेस और भाजपा को केवल 4-4 सीटें मिली हैं. पटियाला पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का क्षेत्र रहा है. सीएम पद से हटाए जाने के बाद वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे.
लुधियाना के 95 वार्डों में से 41 पर आप और 30 पर कांग्रेस को जीत मिली है. यहां भाजपा को 19 वार्डों में जीत मिली है. फगवाड़ा की 50 सीटों में 22 पर कांग्रेस और 12 पर भाजपा को जीत मिली है. यहां भाजपा को चार सीटें मिली हैं. अमृतसर में 85 वार्ड हैं. यहां कांग्रेस को 38 और आप को 24 सीटें मिली हैं. भाजपा को 10 सीटों पर जीत मिली है. जलंधर में 85 वार्ड हैं. यहां आप को 38 और कांग्रेस 25 सीटें मिली हैं. यहां भी भाजपा तीसरे नंबर पर है. उसे 19 सीटें मिली हैं.
कांग्रेस अपने दम पर किसी निकाय में विजयी नहीं हुई है. जबकि आप को पटियाला नगर निकाय में स्पष्ट बहुमत मिला है. सबसे अहम बात यह है कि हर जगह भाजपा तीसरे नंबर पर रही है. यह उसके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि रही है. क्योंकि वह शिरोमणि अकाली दल की सहयोगी रही है. लेकिन 2019 के बाद से वह अपने दम पर चुनाव लड़ रही है.
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FIRST PUBLISHED :
December 22, 2024, 10:36 IST