झुंझुनूं. झुंझुनूं में एक बार फिर एक निजी अस्पताल और उसके डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा है. झुंझुनूं में पिछले दिनों हुए किडनी कांड और पोस्टमार्टम कांड के बाद अब लीवर कांड सामने आया है. चिड़ावा की एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. उसके बाद उसके परिजन बिफर गए. परिजनों ने महिला की मौत का आरोप चिड़ावा के प्राइवेट जयपुर अस्पताल पर लगाया है. उनका कहना है लीवर में कट और पित की थैली को खुला छोड़ देने के कारण महिला की मौत हुई है. परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर डॉ. नरेंद्र गिल से बातचीत का वीडियो जारी किया है. उसमें डॉ. गिल खुद बोल रहे हैं कि केस बिगड़ गया तभी तो जयपुर भेजा था.
दरअसल सुलताना गांव की छोटी बानो (55) को करीब दो महीने पहले इलाज के लिए चिड़ावा कस्बे के जयपुर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. परिजनों का आरोप है कि उस वक्त इलाज के दौरान डॉक्टर्स की लापरवाही से छोटी बानो के लीवर में कट लग गया था और उसकी पित्त की थैली को भी खुला छोड़ दिया गया था. इससे वहां मवाद भरने लग गया. उसके बाद छोटी बानो की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई.
तबीयत ज्यादा बिगड़ी जयपुर रेफर कर दिया
परिजनों का आरोप है कि जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी तब अस्पताल के डॉक्टर्स ने उसे जयपुर रेफर कर दिया. वहां इलाज के दौरान छोटी बानो की मौत हो गई. उसके बाद आज परिजन शव को लेकर चिड़ावा के जयपुर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. हंगामा बढ़ा तो चिड़ावा थानाधिकारी विनोद सामरिया और बस स्टैंड चौकी प्रभारी बलबीर चावला वहां पहुंचे.
मृतका के परिजनों ने जारी किया डॉक्टर से बातचीत का वीडियो
उन्होंने छोटी बानो के परिजनों से समझाइश की. उसके बाद परिजन महिला के शव के पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए. मृतका के परिजनों ने मीडिया को अस्पताल के संचालक डॉ. नरेंद्र गिल का एक वीडियो भी उपलब्ध करवाया है. उसमें दोनों पक्षों की इलाज को लेकर बहस हो रही है. डॉ. गिल इस वीडियो के शुरुआत में यह कह रहे कि उन्होंने इलाज पूरा किया है. जब उनके संभलने में नहीं आया तो उन्होंने जयपुर भेज दिया. इस बीच डॉ. गिल बातों ही बातों में यह तक कहते हुए नजर आ रहे हैं कि बिगड़ गया तभी तो जयपुर भेजा था. (न्यूज 18 इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता)
लापरवाही का यह कोई नया मामला नहीं है
पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. उल्लेखनीय है कि झुंझुनूं में डॉक्टर्स की लापरवाही का यह कोई नया मामला नहीं है. इससे पहले डॉ. संजय धनखड़ का किडनी कांड और बीडीके अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से जिंदा व्यक्ति का फर्जी पोस्टमार्टम कांड काफी चर्चा में रह चुका है. डॉक्टर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
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FIRST PUBLISHED :
December 22, 2024, 16:15 IST