Investment @ 2025 : अगर आपको मुश्किल समय में पैसों की तंगी से बचना है तो आज ही निवेश की आदत डालें. इसके अलावा भी साल 2025 के लिए निवेश के कई ऐसे सबक हैं, जो आपको जल्द से जल्द समझ लेने चाहिए. आप यह 6 गुरु ज्ञान लेते हैं तो वित्तीय रूप से कभी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा.
Last Updated :December 22, 2024, 17:44 ISTWritten byPramod Kumar Tiwari
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आज निवेश तो हर कोई करता है लेकिन अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग के साथ कई तरह की चूक भी कर जाते हैं. यही वजह है कि उन्हें इसका न तो पूरा लाभ मिलता है और न ही सही से अपने प्लान पर लागू कर पाते हैं. इसके अलावा वित्तीय साक्षरता की कमी की वजह से भी ज्यादातर लोग भूल कर जाते हैं. फाइनेंशियल प्लानिंग को लेकर आज भी लोगों को कई तरह की भ्रांतियां हैं.
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सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि इनवेस्टमेंट प्लानिंग और फाइनेंशियल प्लानिंग दोनों अलग चीजें हैं. इनवेस्टमेंट प्लानिंग का मकसद रिटर्न पैदा करना होता है, जिसमें आपको पैसे लगाने होते हैं एक तय लक्ष्य को पूरा करने के लिए. इनवेस्टमेंट प्लानिंग एक तरह से फाइनेंशियल प्लानिंग का छोटा सा हिस्सा होता है, जबकि फाइनेंशियल प्लानिंग में इमरजेंसी फंड, एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट, कैश फ्लो और, टैक्स बचत और प्रॉपर्टी की प्लानिंग भी शामिल होती है.
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इनवेस्टमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग में अंतर को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी निवेशक ने ज्यादा रिटर्न के लिए शेयर बाजार में पैसे लगाए लेकिन इमरजेंसी फंड नहीं बनाया. लिहाजा मेडिकल इमरजेंसी या फिर जॉब लॉस के समय उनके सामने कई मुश्किल आ जाएगी. तब वे स्टॉक मार्केट से तत्काल पैसे नहीं निकाल सकेंगे और उनके काम इमरजेंसी फंड ही आएगा.
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2025 के लिए सबसे बड़ा यह सबक भी लीजिए कि कर्ज लेकर कभी भी जोखिम वाले प्रोडक्ट में निवेश मत कीजिए. अगर रिटर्न सही नहीं मिला तो यह विकल्प आपको कर्ज में डाल सकता है ओर फाइनेंशियली मुश्किल में फंस जाएंगे. जैसे आपने 12 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज लिया और डेट फंड में निवेश कर दिया, जहां 7 फीसदी रिटर्न मिल रहा है. आप पहले ही 5 फीसदी नुकसान में आ गए. इसके बाद आपको टैक्स भी चुकाना होगा. इसी तरह, शेयर बाजार में ज्यादा रिटर्न के लिए निवेश किया तो भी गिरावट पर बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा.
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एक निवेशक के तौर पर आपको यह बात भी समझनी होगी कि बीमा कोई निवेश नहीं है. यह सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से डिजाइन किया गया है, पैसा बनाने के लिए नहीं. अगर आप बीमा और निवेश को मिक्स करेंगे तो दोनों ही लक्ष्यों को पूरा करने से पीछे रह जाएंगे. बीमा का मकसद जीवन की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए एक सुरक्षा कवच बनाना है. बीमा के ज्यादातर उत्पादों पर एफडी या उसे कम रिटर्न मिलता है. इसे बेहतर तरीके से अंजाम देने के लिए टर्म इंश्योरेंस का इस्तेमाल करें और पैसा बनाने के लिए म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स और उेट फंड में निवेश करना चाहिए.
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हर व्यक्ति की फाइनेंशियल पर्सनॉलिटी उसके डीएनए की तरह अलग होती है. पैसों का प्रबंधन करना, इसके लिए सही अप्रोच, व्यवहार, जोखिम प्रबंधन, बचत, निवेश और निवेश की प्राथमिकताओं को अलग-अलग तरीके से हैंडल करते हैं. जैसे दो लोगों की फिंगरप्रिंट अलग होती है, उसी तरह फाइनेंशियल अप्रोच भी अलग होती है. लिहाजा आपको भी यह समझना होगा कि किसी दूसरे की नकल करके अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को अंजाम नहीं दिया जा सकता है.
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यह बात ध्यान रखें कि फाइनेंशियल प्लानिंग सिर्फ सफल निवेशकों की सलाह को फॉलो करना ही नहीं होता और न ही ज्यादा रिटर्न कमाना. इसके बजाय आपको अपनी जरूरतों के हिसाब से अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बनानी चाहिए. आपके लक्ष्य और जरूरतें दूसरों से अलग होती हैं, यही वजह है कि आपको अपने परिवार और भविष्य की प्लानिंग के हिसाब से ही अपना फाइनेंशियल पोर्टफोलियो तैयार करना चाहिए.