Last Updated:January 13, 2025, 07:10 IST
Alwar News : अलवर जिले के फूलबाग थाना इलाके में सर्दी से बचाव के लिए अंगीठी जलाकर सोए पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की धुएं से दम घुट जाने के कारण दर्दनाक मौत हो गई. तीनों के शव कमरे में पड़े मिले हैं. घटना के बाद...और पढ़ें
नितिन शर्मा.
अलवर. सर्दी का बचाव या फिर गर्मी से राहत पाने की ललक. अगर दोनों में ही थोड़ी सी भी लापरवाही हो जाए तो वह जानलेवा हो सकती है. अलवर में सर्दी से बचने के प्रयास के चक्कर में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. ये लोग सर्दी से बचने के लिए रात को कमरे में अंगीठी जलाकर सो गए. बाद में सोते समय उसे बाहर नहीं रखा. इससे रातभर अंगीठी से निकले धुएं के कारण दम घुटने से पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. इस हादसे के बाद इलाके में मातम छाया हुआ है.
अलवर में यह दर्दनाक हादसा फूलबाग थाना इलाके में स्थित भिवाड़ी नगलिया गांव में हुआ है. वहां सिगड़ी जलाकर सो रहे तीन लोगों की मौत हो गई. सुबह परिवार का जब कोई भी सदस्य घर से बाहर नहीं निकला तो पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़कर देखा. वहां तीनों कमरे में मृत पाए गए. इस तुरंत पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. तीनों की मौत का कारण प्रथमदृष्टया सिगड़ी से निकले धुएं से दम घुटना बताया जा रहा है.
सर्दी से बचाव के लिए अंगीठी जलाई थी
फूलबाग थाने के सहायक उपनिरीक्षक नरेश ने बताया कि मूल रूप से बिहार का रहने वाला धनंजय (50) अपने बेटे अंकित के साथ नगलिया की मनीष कॉलोनी में रहता था. शनिवार रात के समय धनंजय अपने बेटे अंकित और उसके दोस्त पड़ोस के एक लड़के के साथ अपने घर में सो रहा था. सर्दी ज्यादा होने के कारण उन्होंने कमरे के अंदर सिगड़ी जलाई. बाद में रात को तीनों जलती हुई सिगड़ी को छोड़कर सो गए.
पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ा तब घटना का पता चला
रात के समय सुलगती सिगड़ी से बनी गैस से तीनों बेहोश हो गए. बेहोशी की हालत में ही तीनों का दम घुट जाने से देर रात मौत हो गई. रविवार को सुबह धनंजय के घर में कोई हलचल नहीं दिखी. इस पर पड़ोसियों को शक हुआ. उन्होंने वहां जाकर दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला. इस पर उन्होंने मकान का दरवाजा तोड़ा. अंदर जाकर देखा तो पड़ोसी सन्न रह गए. घर के अंदर तीनों के शव पड़े थे. पास में सिगड़ी पड़ी थी.
धनंजय डेली विजेज पर काम करता था
पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने स्थानीय लोगों से उनके बारे में पूछताछ की. बाद में शवों को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया. पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि धनंजय यहां पर डेली विजेज पर लोडिंग-अनलोडिंग का काम करता था. उसका बेटा अंकित दसवीं कक्षा में पढ़ता था. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से छानबीन करने में जुटी है.