Japanese Government Birth Rate Policy: इस समय दुनिया के कई देशों में जन्मदर में आई गिरावट चिंता का विषय बनी हुई है. जिसमें जापान भी टॉप पर है. यहां पिछले कुछ सालों में जन्मदन में भारी गिरावट आई है, जिससे यहां बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है. आने वाले समय में तो देश पर जनसंख्या संबंधी भारी संकट खड़ा हो सकता है. इससे निपटने के लिए जापान की सरकार कई तरह की योजनाएं ला रही है. हाल ही में जापानी सरकार ने जो योजना लाई है, उसकी भारत में भी खूब चर्चा हो रही है क्योंकि इसका संबंध काम के घंटों से जुड़ा है. एलएनटी के चेयरमेन एस एन सुब्रह्मण्यन द्वारा कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करने के बयान के बाद से देश में काम के घंटों का मुद्दा गर्माया हुआ है. सोशल मीडिया पर सुब्रह्मण्यन की खासी आलोचना हो रही है, लोग वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर सवाल पूछ रहे हैं.
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जापान बच्चे पैदा करने दे रहे ज्यादा छुट्टी
कम जन्मदर से जूझ रहे जापान की सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक नई स्कीम की घोषणा की है. टोक्यो के गवर्नर युरिको कोइके ने बताया है कि अप्रैल 2025 से कर्मचारियों को सप्ताह में 3 दिन की छुट्टी लेने का विकल्प मिलेगा, ताकि वे बच्चे पैदा करने, उनका पालन-पोषण करने में अधिक समय दे सकें और परिवार जीवन को बेहतर बना सकें.
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करियर को प्राथमिकता देने पर परिवार की अनदेखी
दरअसल, करियर और काम के तनाव के कारण जापान में लोग फैमिली लाइफ पर अच्छे से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. जिसके चलते बीते कुछ सालों में जापान में लोग बच्चे पैदा करने में कम रुचि ले रहे हैं. कई बार लोग अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए अक्सर अपनी नौकरी छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं, जिससे देश का प्रजनन दर और भी खराब हो गया है.
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महिलाएं फैमिली-करियर में बना पाएंगी बैलेंस
गवर्नर कोइके के मुताबिक हफ्ते में 4 दिन काम करने और 3 दिन छुट्टी मिलने से कार्यस्थल पर लचीलापन आएगा. साथ ही महिलाओं को करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाने में आसानी होगी. इससे यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि कोई भी कर्मचारी बच्चों के पालन-पोषण के कारण अपना करियर न छोड़ने के लिए मजबूर हो. वहीं जिन माता-पिता के बच्चे प्राइमरी स्कूल में पढ़ रहे हैं, उन्हें काम के घंटों को कम करने का विकल्प दिया जाएगा, जिससे उनके वेतन में संतुलित कटौती की जाएगी.
बता दें कि जापान में पिछले साल सिर्फ 727,277 बच्चों ने जन्म लिया जो कि बीते सालों की तुलना में बहुत कम था. वहीं जहां तक बात काम के घंटों और दिनों की है तो कई देश हफ्ते में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी के विकल्प पर काम कर रहे हैं.