Last Updated:January 13, 2025, 10:19 IST
Purnia News: स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि जिस दिन रसोई घर से अस्पृश्यता समाप्त हो जाएगी उस दिन देश से छुआछूत मिट जाएगा. बिहार के पूर्णिया में ऐसी ही एक पहल की गई जहां संगत और पंगत का सकारात्मक उदाहरण सामने आया. यहां ब्राह्मण-बहुजन...और पढ़ें
हाइलाइट्स
विवेकानंद जयंती के मौके पर दिखी ब्राह्मण-बहुजन एकजुटता की मिसाल. एक पंक्ति में बैठकर खाया खाना, बहुजनों का पांव धोकर लिया आशीर्वाद.पूर्णिया. एक ओर जहां जातियों की दीवार खड़ी कर समाज में खाई बढ़ाने कुत्सित कोशिशें हो रही हैं तो वहीं दूसरी ओर एकजुटता के लिए भी सकारात्मक प्रयास किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार के पूर्णिया में सामाजिक समरस्ता के लिए एक ऐसा कार्यक्रम आयोजित किया गया जो उदाहरण बन गया. बिहार के पूर्णिया में ब्राह्मण-बहुजन एकता की मिसाल देखने को मिली. स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मौके पर बक्सा घाट के विषहरी स्थान मे ब्राह्मण और बहुजन समाज के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए, जहां ब्राह्मणों ने बहुजन समाज के बुजुर्ग लोगों का पैर धोया और उन्हें माला और अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया. इसके बाद दोनों समुदायों के लोग एक पंक्ति में बैठकर खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया.
लोकमंच के संयोजक आशीष कुमार बब्बू ने कहा कि प्राचीन काल से ही ब्राह्मण और बहुजन एक थे, लेकिन कुछ लोगों ने राजनीति के कारण इन दोनों में फूट डालने का प्रयास किया. मगर अब वे लोग स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर पूर्णिया से एक सामाजिक पहल की शुरुआत कर रहे हैं. इससे दोनों समुदाय के बीच दूरी समाप्त होगी.
वहीं, बहुजन समाज के आशीष कुमार पासवान ने कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए हमलोगों को बरगलाकर तोड़ना चाहते हैं. लेकिन, आज ब्राह्मण समाज के लोगों ने हम लोगों को बहुत बड़ा सम्मान दिया है. हमलोग फिर से एक साथ एक मंच पर एक दूसरे के सहयोगी के रूप में आ खड़े हुए हैं और साथ ही रहेंगे.
आशीष कुमार पासवान ने कहा कि इस पहल से से देश में जातिवाद समाप्त होगा. सभी ने स्वामी विवेकानंद के जयंती पर संकल्प लिया कि वे लोग इस अस्पृश्यता की प्रथा को समाप्त करेंगे और एक दूसरे को हमेशा सहयोग करते रहेंगे. स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर ब्राह्मण-बहुजन एकजुटता की इस पहल की चारों ओर सराहना की जा रही है.