भारत में जब भी वसंत आता है. मदनोत्सव होता है तो महर्षि वात्स्यायन को भी याद किया जाता है. उन्होंने सैकड़ों साल पहले प्राचीन भारत में "कामसूत्र" नामका ऐसा ग्रंथ लिखा जो पूरी दुनिया में फैला और हिट हो गया. हर भाषा में इसका अनुवाद किया गया.
News18 हिंदीLast Updated :February 18, 2025, 17:38 IST
Sanjay Srivastava
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ये महर्षि वात्स्यायन हैं. काशी में रहते थे. उन्होंने सैकड़ों साल पहले "कामसूत्र" नाम से ऐसा ग्रंथ लिखा, जो सुपर हिट है. दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में भी है. आमतौर पर इसे प्रेम और यौनशास्त्र से जुड़ा ग्रंथ माना जाता है. लेकिन "कामसूत्र" में बहुत कुछ और भी ऐसा है जो उसे एक कंपलीट किताब बना देता है. इसे लेकर बहुत गलतफहमियां हैं, क्योंकि इस ग्रंथ के कुछ चैप्टर यौन मुद्राओं, प्रेम मुंद्राओं की बात करते हैं. उन्हें वैज्ञानिक तरीके से समझाते हैं. (image generated by meta ai)
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वात्स्यायन के इस काम को मानवीय रिश्तों, अंतरंगता और आनंद पर एक मौलिक काम माना जाता है. ये संस्कृत में लिखा गया एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है. विद्वानों का मानना है कि इस ग्रंथ की रचना 400 ईसा पूर्व के आसपास हुई थी. "कामसूत्र" को अक्सर कामुकता से जोड़ा जाता है, यह वास्तव में एक संपूर्ण जीवन जीने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका है, जिसमें रिश्ते, विवाह, अंतरंगता और आनंद जैसे विषयों को शामिल किया गया है. (image generated by meta ai)
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"कामसूत्र" कुल 7 अध्यायों में है. इसमें विवाह के पूर्व और विवाह के दौरान प्रेम, आकर्षण, शारीरिक सौंदर्य और विवाह की तैयारी से जुड़े मुद्दों पर लिखा गया है. एक चैप्टर मानव संबंधों के आदर्श और शिष्टाचार पर फोकस है, ताकि सामाजिक जीवन बेहतर रहे. एक चैप्टर यौन सुख, शारीरिक संबंधों और आनंद के सिद्धांतों पर बात करता है. (image generated by meta ai)
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अन्य चैप्टर्स में समाज में महिलाओं की भूमिका के बारे में बताया गया है तो अगला चैप्टर जीवन साथी के सही चयन. प्रेम संबंधों और आकर्षण के कई पहलुओं के बारे में बताता है. छठा चैप्टर शारीरिक संबंधों की कला और उनकी परिपूर्णता की जानकारियां देता है. आखिरी अध्याय एक सफल और संतुलित यौन जीवन के लिए धैर्य, समझ और प्रेम की जरूरत के बारे में बताता है. (image generated by meta ai)
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"कामसूत्र" ग्रंथ लिखने के बाद महर्षि वात्स्यायन सही मायनों में प्राचीन भारत में लव गुरु की पदवी पा गए. हालांकि उनका ग्रंथ ये भी जाहिर करता है कि प्राचीन भारत में प्यार, रिश्तों और प्यार के बाद संबंधों को लेकर खुली चर्चा करता रहा होगा. "कामसूत्र" को वात्स्यायन का महान ग्रंथ कहना चाहिए. ये अपने कंटेंट को लेकर दुनियाभर में सदाबहार हिट बन गया.
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कहा जाता है कि ये किताब प्यार के बारे में बहुत सी ऐसी जानकारियां देती है, जो आज भी सदियों बाद प्रासंगिक है. बनारस में काफी वक्त गुज़ारने वाले वात्स्यायन ऋषि को बहुत ज्ञानी माना जाता था, जिन्हें वेदों की भी बहुत अच्छी समझ थी.
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महर्षि वात्स्यायन ने पहली बार वैज्ञानिक तौर पर बताया कि आकर्षण का विज्ञान आखिर क्या है. उनका मानना था कि जिस तरह हम जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं की बात करते हैं, उसी तरह हमें सेक्स की भी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए. वात्स्यायन धार्मिक शिक्षाओं से जुड़े हुए थे.
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कहा जाता है कि वात्स्यायन ने "कामसूत्र" को नगरवधुओं से बात करके लिखा. मशहूर लेखिका वेंडी डोनिगर ने अपनी किताब "रिडिमिंग द कामसूत्रा" में विस्तार से महर्षि वात्स्यायन के बारे में भी बताया है. "कामसूत्र" किताब को जीवन जीने की कला यानि आर्ट ऑफ लिविंग की तरह देखना चाहिए.
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इतिहासकारों के मुताबिक वात्स्यायन को लगा कि प्यार और सेक्स जैसे जरूरी विषय पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए. इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती. उन्होंने अपने किताब के माध्यम से इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश की कि लोग इस संबंध में बेहतर जानकारी हासिल कर सकें. आज भी दुनियाभर के लोग इस किताब को रेफर करते हैं. हज़ारों साल बाद भी ये प्रासंगिक है.
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वात्स्यायन महान दार्शनिक भी थे. उन्होंने न्याय सूत्र नामक किताब भी लिखी. ये किताब आमतौर पर आध्यात्मिक उदारवाद पर थी जो जन्म और जीवन पर आधारित है. ये मोक्ष की भी बात करती है. ये शानदार किताब है, जो ये बताती है कि वात्स्यायन कितनी विलक्षण बुद्धि के थे. हालांकि इस किताब पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई.