नई दिल्ली: बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर देश का सियासी पारा हाई है. दिल्ली हो या बिहार… हर जगह अंबेडकर के मुद्दे पर रार है. अंबेडकर के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में खींचतान है. कभी भाजपा विपक्ष पर हमलावर है तो कभी विपक्ष सत्ता पक्ष पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगा रहा है. अंबेडकर के नाम पर सियासी संग्राम के फ्रेम में अब नीतीश कुमार और अरविंद केजरीवाल आ गए हैं. अरदिंव केजरीवाल ने बीते दिनों नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी. इसके जवाब में जदयू ने केजरीवाल को दगाबाज और धोखेबाज का तमगा मिल गया. जदयू ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल को खूब सुनाया.
सबसे पहले जानते हैं कि आखिर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने केजरीवाल को क्या-क्या कहा है. जदयू नेता संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू ने अरविंद केजरीवाल पर खूब हमले किए और बिहारियों और पूर्वांचल के लोगों से धोखेबाजी और दगाबाजी करने का आरोप लगाया. ललन सिंह ने कहा, ‘अंबेडकर पर नीतीश कुमार को केजरीवाल ने पत्र लिखा है. केजरीवाल से नीतीश कुमार को नैतिकता सीखने की जरूरत है? अंबेडकर को कितना जानते हैं केजरीवाल? अन्ना हजारे को तो पहचाना नहीं, अंबेडकर जी को कितना जानेंगे? वहीं, संजय झा ने कहा, आज तक किसी एक दलित को केजरीवाल ने राज्यसभा में भेजा? केजरीवाल के सोशल मीडिया के नवरत्न में एक भी पिछड़ा और दलित नहीं है.’
अरविंद केजरीवाल पर बरसी जदयू
संजय कुमार झा ने कहा, ‘मैं ही नहीं, अब तो पूरी दिल्ली मानती है कि राजनीति को बदलने के नाम पर अरविंद केजरीवाल ने लोगों के साथ केवल धोखा किया है. दिल्ली के हालात बदतर हैं. इनकी राजनीति चमक रही है. उनके धोखों की फेहरिस्त इतनी लंबी हो चुकी है कि इस प्रेसवार्ता में उसे समेटना मुमकिन नहीं है. दिल्ली में बिहार और पूर्वांचल के लाखों साथी रहते हैं. दिल्ली को बनाने में, बढ़ाने में और चलाने में हमारे बिहार और पूर्वांचल के साथियों का योगदान अहम है. केजरीवाल जी ने हमारे बिहार और पूर्वांचल के साथियों को खूब ठगा है. आज दिल्ली में कोई अगर सबसे बदतर जिंदगी जी रहा है, तो वह हमारे बिहार और पूर्वांचल के साथी हैं. केजरीवाल जी बिहार और पूर्वांचल के लोगों से नफरत करते हैं.’
केजरीवाल को जदयू ने क्यों घेरा
अब सवाल है कि आखिर नीतीश की जदयू ने अरविंद केजरीवाल को लपेटा क्यों है. इसकी वजह है कि नीतीश कुमार को लिखा गया अरविंद केजरीवाल का वह खत. जी हां, पिछले सप्ताह अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार को एक चिट्ठी लिखी थी. यह चिट्ठी अंबेडकर विवाद पर था. अरविंद केजरीवाल चाहते थे कि गृहमंत्री अमित शाह के अंबेडकर वाले बयान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ बोलें. केजरीवाल चाहते थे कि विपक्ष के नेताओं की तरह वह भी अपनी राय रखें. कुल मिलाकर अरविंद केजरीवाल अंबेडकर मसले पर नीतीश को धर्मसंकट में डालना चाहते थे. तभी केजरीवाल ने अपने खत में लिखा था कि बाबा साहेब को चाहने वाले अब बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते. उसी खत का जवाब जदयू ने पीसी करके दिया.
नीतीश कुमार अंबेडकर के कितने करीब?
यहां यह जानना दिलचस्प है कि नीतीश कुमार वह शख्स हैं, जिन्होंने कोटा में कोटा बनाकर दलित और महादलित को अलग कैटेगरी में बांटा था. वह दलितों के हिमायती माने जाते हैं. उन्होंने दलितों में भी सबसे गरीब तबके को ऊपर उठाने के लिए महादलित का तमगा दिया. साथ ही महादलितों के लिए कई योजनाएं बनाईं और उन्हें अलग से सुविधाएं भी दीं. अरविंद केजरीवाल भी इस बात को अच्छे से जानते हैं. यही वजह है कि उन्होंने अमित शाह के बयान के बहाने गुगली फेंकी थी. मगर नीतीश कुमार सियासत के बड़े माहिर खिलाड़ी हैं. उन्होंने केजरीवाल की गुगली को पहचान लिया. उन्होंने कुछ बोला तो नहीं, मगर उनकी पार्टी ने केजरीवाल को अच्छे से सुना दिया. गौरतलब है कि बिहार और दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं.
कहां से शुरू हुआ अंबेडकर के नाम पर संग्राम
दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी समय में अंबेडकर का मुद्दा गरमाया था. केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं पर जमकर हमला बोलते हुए अंबेडकर का जिक्र किया था. उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेकर कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर…, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता. अमित शाह के इसी बयान के बाद से देश की सियासत गरमा गई. कांग्रेस ने तो माफी और इस्तीफे की मांग कर दी. बसपा ने भी देशव्यापी प्रदर्शन किया. वहीं अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से विचार करने को कहा.
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FIRST PUBLISHED :
December 25, 2024, 09:33 IST