Last Updated:February 26, 2025, 14:32 IST
Sadhvi Bhagwati Saraswati Story: महाशिवरात्रि पर महाकुंभ मेला संपन्न हुआ, जिसमें कैटरीना कैफ ने साध्वी भगवती सरस्वती के साथ पवित्र डुबकी लगाई. साध्वी भगवती, अमेरिका में जन्मी, हिंदू धर्म अपनाकर भारत में आध्यात्...और पढ़ें

कैटरीना के साथ दिख रही साध्वी कौन हैं. (File Photo)
हाइलाइट्स
आज महाशिवरात्रि पर महाकुंभ मेले का समापन हो रहा है.कैटरीना कैफ ने साध्वी भगवती सरस्वती संग पवित्र डुबकी लगाई.साध्वी भगवती सरस्वती अमेरिका में जन्मी हैं और हिंदू धर्म अपनाया.नई दिल्ली. आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक महाकुंभ मेले का आज महाशिवरात्रि के मौके पर समापन हो रहा है. लाखों भक्तों, संतों और आध्यात्मिक साधकों ने इस दौरान आस्था की डुबकी लगाई. बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने भी हाल ही में महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाई. इस दौरान उनके साथ एक साध्वी नजर आई, जो देखने में विदेशी लग रही थी. आखिर यह महिला कौन हैं और पवित्र महाकुंभ मेले के दौरान कैटरीना कैफ के साथ क्या कर रही हैं? चलिए हम आपको इनके बारे में बताते हैं. साध्वी का नाम साध्वी भगवती सरस्वती हैं और वो मूल रूप से अमेरिका की रहने वाली हैं.
यहूदी धर्म छोड़ बनी साध्वी
अमेरिका में एक यहूदी परिवार में जन्मी साध्वी भगवती सरस्वती के जीवन ने 1996 में एक बड़ा मोड़ आया. भारत यात्रा के दौरान वो हिन्दू धर्म से इस कदर प्रभावित हुई कि उन्होंने ना सिर्फ यह धर्म अपनाया बल्कि अपने जीवन के लिए आध्यात्म का रास्ता चुन लिया. तभी से साध्वी भगवती सरस्वती का जीवन आध्यात्मिक विकास और सेवा की खोज में समर्पित है. अपनी आत्मकथा “हॉलीवुड टू द हिमालयाज़” में उन्होंने अपने व्यक्तिगत सफर को खुलकर साझा किया है. उन्होंने बताया कि वो बचपन में यौन शोषण का शिकार हुई.
पति से तलाक लेकर बनी साध्वी
मूल रूप से अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया के लॉस एंजिल्स की रहने वाली साध्वी भगवती सरस्वतीस्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कर चुकी हैं. वो मनोविज्ञान में पीएचडी कर रही थी तभी वो अपने तत्कालीन पति जिम के साथ भारत यात्रा पर आई. यहां आकर उन्होंने शाकाहारी जीवन शैली को अपनाया और भारतीय व्यंजनों का आनंद लिया. भारत आने से पहले उनके पस हिंदू धर्म के बारे में सीमित जानकारी थी. हालांकि पवित्र गंगा नदी के तट पर एक गहन आध्यात्मिक अनुभव उनके लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बन गया. इसके बाद उन्होंने पति को तलाक देने और फिर भारत में बसने का निर्णय लिया. स्वामी चिदानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में साध्वी भगवती सरस्वती ने परमार्थ निकेतन आश्रम को अपना आध्यात्मिक घर पाया. यहां 25 सालों की मेहनत के बाद उन्होंने लोगों के बीच एक पूजनीय महिला रूप में अपनी पहचान बनाई.
वंचित समुदायों के लिए कर रही काम
आध्यात्मिक सेवा के प्रति अटूट समर्पण, ज्ञान प्रदान करने, पवित्र कार्यों में संलग्न होने और गहन आध्यात्मिक अभ्यासों में खुद को डुबोने का उदाहरण है. एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता, निपुण लेखिका और आकर्षक प्रेरक वक्ता के रूप में, उन्होंने अपनी शिक्षाओं और मानवीय प्रयासों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से अनगिनत लोगों के जीवन को छुआ है. दिव्य शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष के रूप में वह वंचित समुदायों के उत्थान के लिए डिज़ाइन किए गए निःशुल्क स्कूलों, व्यावसायिक प्रशिक्षण व सशक्तिकरण कार्यक्रमों की देखरेख करती हैं. इसके अलावा वह परमार्थ निकेतन आश्रम में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक के रूप में कार्य करती हैं.
First Published :
February 26, 2025, 14:32 IST