क्या होती है FDR तकनीक, जिससे हिमाचल में पहली बार बन रही सड़क, कितना फायदा?

1 month ago
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सड़क निर्माण में तकनीक का इस्तेमाल.हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सड़क निर्माण में तकनीक का इस्तेमाल.

मंडी. हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पहली बार फुल डेफ्थ रेक्लामेशन तकनीक (एफडीआर) से सड़कों का निर्माण शुरू हुआ है. मंडी में जिले में सबसे पहले इस तकनीक को ट्रायल के आधार पर इस्तेमाल किया जा रहा है और  मंडी शहर के साथ गणपति मंदिर से लेकर कून का तर तक 20 किमी सड़क को इस तकनीक से बनाया जाएगा.

जानकारी के अनुसार, एफडीआर तकनीक के तहत सड़क पर तारकोल के साथ बिछाई कंकरीट को मशीनों की मदद से उखाड़ा जाता है और उसी मेटिरियल को फिर से रिसाइकिल करके उसमें सीमेंट और केमिकल मिलाकर उसका दोबारा से इस्तेमाल किया जाता है. इसे ही एफडीआर तकनीक कहते हैं. यह तकनीक विदेशों के बाद देश के दूसरे राज्यों में तो इस्तेमाल हो रही है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में इसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है.

हिमाचल प्रदेश में इसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है.

ट्रायल बेस पर शुरू किया है-विभाग

लोक निर्माण विभाग मंडी जोन के चीफ इंजीयिनर एनपीएस चौहान ने बताया कि इस तकनीक को अभी ट्रायल बेस पर शुरू किया गया है. एक सप्ताह बाद इसकी गुणवत्ता की जांच की जाएगी और उसके बाद ही इसमें आगामी निर्णय लिया जाएगा, लेकिन देश के बाकी राज्यों से जो फीडबैक मिली है उसके अनुसार यह तकनीक काफी पर्यावरण प्रिय है और क्योंकि इसमें पुराने मेटिरियल का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो जाता है. भविष्य में मंडी और कुल्लू जिला में इस तकनीक से 20 सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

पैसों के साथ साथ समय की भी बचत

इस तकनीक के साथ पहली बार काम करने वाले डीकेएस कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी नीतिश शर्मा ने बताया कि इस तकनीक से जहां काम जल्दी हो रहा है, वहीं इसमें सरकार का खर्च भी कम हो रहा है. उन्होंने उदाहरण स्वरूप बताया कि यदि जहां पर सरकार 100 रुपये खर्च करती थी, वहां अब सिर्फ 60 या 64 रुपये में काम हो रहा है. इससे जहां सरकार के पैसों की बचत हो रही है. वहीं, समय पर काम भी हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि इस तकनीक के लिए वे कुछ मशीनों को किराए पर लेकर आए हैं, जबकि भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम आने पर इनका और अधिक इस्तेमाल किया जाएगा.

Tags: Himachal pradesh, Shimla News Today

FIRST PUBLISHED :

December 25, 2024, 13:06 IST

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