खत्म, टाटा, बाय-बाय...पकड़-पकड़कर निकाले जाएंगे ये सैनिक, 30 दिन में हो जाएगी छुट्टी

1 month ago

American Army: अेमरिका में ट्रंप प्रशासन के बाद से वहां की सेना में ट्रांसजेंडरों के लिए संकट पैदा हो गया है. प्रशासन की ओर से मिलिट्री सर्विस को 30 दिनों के अंदर ट्रांसजेंडर सैनिकों का पता लगाने और उनको सेना से निकालने का आदेश दिया गया है. इसको लेकर पेंटागन की ओर से एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें रक्षा विभाग की ओर से 26 मार्च 2025 तक जेंडर डिस्फोरिया से पीड़ित या इसका इलाज करवा रहे लोगों की पहचान करने के लिए 26 मार्च तक सारी प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है.  एक सीनियर डिफेंस अधिकारी का कहना है कि सेना में फिलहाल सेना में जेंडर डिस्फोरिया से पीड़ित 4,200 लोग सक्रिय हैं.  

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सेना से निकाले जाएंगे ट्रांसजेंडर लोग 
यह आदेश राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से अपने कार्यकाल की शुरुआत में हस्ताक्षरित एक कार्यकारी निर्देश पर आधारित है, जिसमें ट्रांसजेंडर्स को सैन्य सेवा से प्रतिबंधित करने के लिए स्टेप्स बताए गए हैं. नीति को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. प्रारंभिक अनुमान के अनुसार सैकड़ों ट्रांसजेंडर सेवा सदस्यों की पहचान मेडिकल रिकॉर्ड के माध्यम से की जा सकती है, जो 2.1 मिलियन सक्रिय सैनिकों का एक छोटा सा हिस्सा है, हालांकि यह मुद्दा पेंटागन के लिए एक प्रमुख फोकस बन गया है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ उन्हें हटाने के लिए दबाव डाल रहे हैं कि उनकी चिकित्सा स्थिति सैन्य मानकों को पूरा नहीं करती है. 

ट्रांसजेंडरों के प्रति शत्रुता 
डिफेंस अंडर सेक्रेटरी डेरिन सेलनिक ने नए ज्ञापन में कहा,' जो व्यक्ति जेंडर डिस्फोरिया का इलाज करवा रहे हैं या जिनका इसका इतिहास रह चुके हैं उनमें सेना के लिए जरूरी उच्च मानसिक और शारीरिक मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं.' ट्रंप के कार्यकारी आदेश को चुनौती देने वाले 6 ट्रांसजेंडर सेवा सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने अदालती दस्तावेजों में तर्क दिया कि यह निर्देश ट्रांसजेंडर्स के प्रति शत्रुता दिखाता है और उन्हें असमान और अनावश्यक मानता है. यह साथी सेवा सदस्यों और जनता की नजर में उनकी गरिमा को कम करता है. 

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सैनिकों के लए मुसीबत 
मानवाधिकार अभियान में कानूनी मामलों की उपाध्यक्ष सारा वारबेलो ने कहा कि यह नीति सेवा सदस्यों को मुश्किल स्थिति में डालती है, जिससे ट्रांसजेंडर सैनिकों पर दबाव पड़ता है. वारबेलो ने कहा,' अचानक आपको अपनी पहचान को उजागर करने की आवश्यकता होगी. अन्य लोगों को बताना जरूरी हो जाएगा.' उन्होंने कहा अगर सेना में आपका कोई सबसे अच्छा दोस्त है जो जानता है कि आप ट्रांसजेंडर हैं, तो इस नए दिशानिर्देश के तहत अगर आप एक महिला ट्रांसजेंडर हैं तो आपको सर कहना शुरू करना होगा.' 

मेडिकल रिकॉर्ड से होगी जांच 
वारबेलो ने कहा कि सैनिकों को अपने दोस्तों की सुरक्षा और सीधे आदेशों का उल्लंघन करने के बीच में से एक को चुनना होगा. ट्रांसजेंडर को अपनी पहचान को लेकर दबाव महसूस हो सकता है, क्योंकि उन्हें पता है कि आगे न आने पर उन्हें दंडित किया जा सकता है. अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुवार को अनुमान लगाया कि नौसेना में लगभग 600 ट्रांसजेंडर कर्मियों और सेना में 300 से 500 के बीच की पहचान मेडिकल रिकॉर्ड के जरिए की जा सकती है. ( इनपुट- IANS)

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