Last Updated:May 23, 2025, 05:38 IST
India-Bangladesh News: बांग्लादेश में जबसे चुनी हुई सरकार का पतन हुआ है, पड़ोसी देश में उथल-पुथल का दौर लगातार जारी है. मोहम्मद यूनुस की भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैये से हालात और भी बिगड़ गए हैं. इंडिया के...और पढ़ें

मोहम्मद यूनुस की नजर नॉर्थईस्ट इंडिया को कनेक्ट करने वाले चिकन नेक कॉरिडोर पर है. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
भारत ने बांग्लादेश को कड़ा संदेश देने के लिए सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैंदेशभर में अवैध बांग्लादेशियों की तलाश शुरू कर दी गई है, वापस भेजना भी जारीभारत ने अब द्विपक्षीय व्यापार के मोर्चे पर भी फैसले लिए हैं, बांग्लादेश को होगा नुकसाननई दिल्ली. मोहम्मद यूनुस ने जबसे बांग्लादेश की कमान संभाली है, भारत के खिलाफ अपनी खुन्नस निकालने में जुटे हैं. उनकी नजर पूर्वोत्तर भारत को जोड़ने वाले सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर टिकी है. इस कॉरिडोर को चिकन नेक कॉरिडोर भी कहा जाता है. यूनुस अब भारत रणनीतिक रूप से इसी चिकन नेक से महज 100 किलोमीटर दूर लालमोनिरहाट एक एयरपोर्ट को डेवलप करने में जुटे हैं. चिंता वाली बात यह है कि दूसरे विश्व युद्ध के समय के इस एयरबेस को विकसित करने में चीन बांग्लादेश की मदद कर रहा है. ऐतिहासिक रूप से चीन की नजर इस कॉरिडोर पर रही है. अब उसे बांग्लादेश का साथ मिला है, ऐसे में ड्रैगन इस मौके को छोड़ना नहीं चाहता है. बांग्लादेश के रवैये को देखते हुए अब भारत ने भी प्रहार करना शुरू कर दिया है. देशभर में रहने वाले अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है. उन्हें खासकर पश्चिम बंगाल की सीमा के जरिये वापस भेजा जा रहा है. दूसरी तरफ, ट्रेड रिस्ट्रिक्शन भी लगाया गया है. इससे बांग्लादेश के व्यापारियों-कारोबारियों में खलबली मची हुई है.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस कुछ दिनों पहले चीन की यात्रा पर गए थे. वहां उन्होंने चीन के टॉप लीडरशिप से मुलाकात की थी और पूर्वोत्तर के 7 रज्यों यानी सेवन सिस्टर्स का भी उल्लेख किया था. उन्होंने चीन को खुला निमंत्रण दिया था कि वह बांग्लादेश में निवेश कर विकास कार्यों को आगे बढ़ाए. भारत के लिए लगातार कांटे बो रहे मोहम्मद यूनुस ने सबसे पहला काम चिकन नेक कॉरिडोर के समीप करना शुरू किया. सिलीगुड़ी कॉरिडोर से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर लालमोनिरहाट जिले में स्थित सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय के एक एयरबेस को डेवलप करने में चीन के साथ साझेदारी की है. साल 1962 की लड़ाई के वक्त से ही चीन की नजर इस कॉरिडोर पर टिकी है. बीजिंग को लगता है कि यदि इसे तोड़ दिया जाए तो नॉर्थईस्ट का पूरा क्षेत्र भारत से अलग-थलग पड़ जाएगा. ऐसे में मोहम्मद यूनुस का यह कदम काफी संवेदनशील और सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरनाक भी है.
भारत का एक्शन
भारत ने पहले मोहम्मद यूनुस को वक्त दिया, ताकि वे नई दिल्ली और ढाका के बीच रिश्तों को मधुर और पटरी पर रखें. हालांकि, यूनुस के मन में कुछ और ही चल रहा है. ऐसे में अब भारत ने भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे बांग्लादेश को अब भारत से भेजे जा रहे अपने नागरिकों को संभालने की चिंता भी सताने लगी है. दरअसल, भारत ने देशभर में रहने वाले अवैध बांग्लादेशियों को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र और गुजरात तक में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है. इससे यूनुस के देश में खलबली मची हुई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ढाका ने दिल्ली को पत्र लिखकर इस मामले में तय मेकेनिज्म को अपनाने का आग्रह किया है. इसके साथ ही भारत ने ट्रेड रिस्ट्रिक्शन भी लगा दिया है. भारत ने बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़ों, प्रोसेस्ड फूड्स और दूसरी चीजों के इंपोर्ट के लिए पोर्ट रिस्ट्रिक्शन लगा दिया है. इससे बांग्लादेशी कारोबारियों खासकर गारमेंट इंडस्ट्री को काफी नुकसान पहुंचने के आसार हैं. बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार लगातार बढ़ रहा था, लेकिन इस कदम से ढाका को काफी नुकसान होगा.
चीन में मोहम्मद यूनुस के कड़वे बोल
मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन की चार दिन की यात्रा की थी. उन्होंने चीन को बांग्लादेश में अपनी आर्थिक मौजूदगी बढ़ाने का निमंत्रण दिया था. यूनुस ने यह भी कहा था कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य (जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है) लैंडलॉक्ड यानी समुद्र से कटे हुए हैं और बांग्लादेश इस क्षेत्र में समुद्र तक पहुंच का इकलौता रास्ता है. उनके इस बयान से भारत में इस बात की चर्चा होने लगी थी कि क्या यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश अब भारत के खिलाफ चीन के साथ मिलकर रणनीति बना रहा है. भारत में एक्सपर्ट के साथ ही पॉलिटिकल लीडरशिप ने भी इसपर चिंता जताई थी. अब बांग्लादेश को भारत के जवाबी एक्शन का सामना करना पड़ रहा है तो उसे नियमों और बढ़ते व्यापार की याद आने लगी है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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