चीन के साथ रिश्तों में हो रहा सुधार, सेना प्रचंड प्रहार को है तैयार

3 days ago

Last Updated:March 27, 2025, 14:35 IST

PRACHAND PRAHAR EXERCISE: भारत चीन के बीच जमी बर्फ अब तेजी से पिघल रही है. इसकी शुरूआत पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच कजान में वार्ता से हुई. इसके बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार हो रहा है. सबसे महत...और पढ़ें

चीन के साथ रिश्तों में हो रहा सुधार, सेना प्रचंड प्रहार को है तैयार

सेना की तैयारी का नजारा है प्रचंड प्रहार अभ्यास

हाइलाइट्स

भारत-चीन के रिश्तों में सुधार हो रहा है.भारतीय सेना ने प्रचंड प्रहार अभ्यास किया.अरुणाचल में सेना ने युद्ध अभ्यास किया.

PRACHAND PRAHAR EXERCISE: भारत-चीन के बीच रिश्तों में लबें समय कड़वाट थी. पिछले एक साल में यह कड़वाहट थोड़ी कम हो रही है. कूटनीति के जरिए बातचीत का रास्ता खुल रहा है. चीन की फितरत से पूरी दुनिया वाकिफ है. लेहाजा भारत ने रणनीतिक तौर पर अपनी तैयारी को भी धार देने में जुटी है.पिछले एक महीने से भारतीय सेना पूर्वोत्तर के इलाकों में अपने सैन्य अभ्यास को अंजाम दे रही है.इसी तरह का अभ्यास को अरुणाचल प्रदेश में अंजाम दिया गया. इस अभ्यास का नाम दिया गया प्रचंड प्रहार. नाम से ही साफ हो रहा है कि अगर चीन ने कभी कोई गुस्ताखी अरुणाचल प्रदेश में करने को कोशिश की तो प्रहार प्रचंड होगा.

अरुणाचल में बना दिया जंग का मैदान
सेना के इस्टर्न कमॉंड ने ट्राई सर्विसेज इंट्रिग्रेटेड मल्टी डोमेन वॉरफेयर अभ्यास को अंजाम दिया. 25 मार्च को शुरू हुआ जो 3 दिन चला. इस अभ्यास में एडवांस सर्वेलांस, सटीक स्ट्राइक करने की क्षमता, आधुनिक तकनीक और उपकरण के जरिए ऑपरेशन के प्लान को दर्शाना था. तीनों सेना के अंगों ने मिलकर इस अभ्यास में शामिल किया गया. नेवी के लंबी दूरी तक टोह लेने विमान, आर्मड हेलिकॉप्टर, यूएवी, लॉयटरिंग म्युनिशन और सैटेलाईट के जरिए हालातों की सही आंकलन और रैपिड टार्गेट एंगेजमेंट की तैयारियों को धार दिया है. पहले टार्गेट सेट किया गया और फिर शुरू हुआ फाइनल असॉल्ट. अत्याधुनिक उपकरणों से लैस सेना के कमांडो हेलिकाप्टर से वॉर जोन में उतारा और रीयरल वॉर सिचुएशन में अपने टार्गेट पर धावा बोल दिया. एक के बाद एक मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर स्मर्च और पिनाका अपने निशाने को साध रहे थे. साथ ही उस इलाके में तैनात आर्टिलरी गन भी एक के बाद राउंड फायर कर रही थी. भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट ने आसमान से मोर्चा संभाल रखा था. सटीक बमबारी से अपने टार्गेट को नष्ट कर रहे थे. सेना में शामिल किए गए स्वार्म ड्रोन, कामिकाजी ड्रोन का भी खूब इस्तमाल किया गया.

पूर्वी प्रहार का एक्सटेंशन था प्रचंड प्रहार
पिछले साल नवंबर में ट्राई सर्विस अभ्यास पूर्वी प्रहार को अंजाम दिया गया था. इस साल प्रचंड प्रहार के तौर पर उसे आगे बढाया गया. पहाड़ी इलाके में LAC के पास किसी भी ऑपेरशन को अंजाम देने के लिए खूब पसीना बहाया गया. इस ट्राई सर्विस अभ्यास पूर्वी प्रहार में तीनों सेना के अंग यानी थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बीच पहाड़ी इलाके में समन्वय, तालमेल से लड़ाई लड़ने और जीतने की प्रैक्टिस की गई थी. पूर्वी लद्दाख में भले ही भारत और चीन के बीच सहमति बन गई हो, डेपसांग और डेमचोक में पेट्रोलिंग शिरू हो गई है. ऐसा नहीं  कि इसके बाद पूरी LAC के विवाद ही खत्म हो गए. सबसे ज्यादा विवाद तो पूर्वोत्तर के इलाके में है. चीन अपने इलाका की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से भारत से आगे है. वह तिब्बत के पठार की समतल जमीन की वजह से थोड़ा मजबूत है तो भारत के पास उंचे पहाड़ और बरसात के बावजूद अपनी मजबूती बढ़ा रहा है. चीन हमेशा से ही अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता है. कोई भी भारत  के राजनेता का दौरा अरुणाचल में होता है तो उर पर विरोध जताता रहा है. उसने तो दो कदम आगे बढ़ाते हुए उसने अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और उसके जगहो के नाम भी बदल डाले थे.

First Published :

March 27, 2025, 14:35 IST

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