चेनाब ब्रिज से पूरा होगा कश्मीर का 127 साल पुराना ख्बाब, किसने देखा था सपना?

1 day ago

Last Updated:June 06, 2025, 09:59 IST

Chenab Bridge Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चेनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे, जिससे कश्मीर को भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ने का 127 साल पुराना सपना पूरा होगा. यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्क ब्रिज है.

चेनाब ब्रिज से पूरा होगा कश्मीर का 127 साल पुराना ख्बाब, किसने देखा था सपना?

प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे चेनाब ब्रिज का उद्घाटन.

हाइलाइट्स

प्रधानमंत्री मोदी ने चेनाब ब्रिज का उद्घाटन किया.यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्क ब्रिज है.ब्रिज से कटरा-श्रीनगर सफर 3 घंटे में होगा.

आज जम्मू-कश्मीर के लिए ऐतिहासिक दिन है. आज यानी 6 जून 2025 को कश्मीर का 127 साल पुराना ख्वाब पूरा होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चेनाब ब्रिज का आगाज करेंगे. चेनाब ब्रिज पर पहली बार ट्रेन दौड़ेगी. इसके साथ ही कश्मीर को भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ने का 127 साल पुराना सपना हकीकत में बदल जाएगा. यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्क ब्रिज है. यह जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चेनाब नदी पर 359 मीटर की ऊंचाई पर बना है. यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है. इसके तहत ही कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन शुरू हो रही है.

चेनाब ब्रिज पर ट्रेन का दौड़ना अपने आप में बड़ी बात है. यह बेहतरीन इंजीनियरिंग का कमाल है. यह पहली बार है, जब कश्मीर को ट्रेन के जरिए देश के बाकी हिस्सों से जोड़ा जा रहा है. हालांकि, कश्मीर तक ट्रेन चले, इसका ख्वाब 127 साल पहले ही एक शख्स ने देखा था. उसने इसके लिए अंग्रेजी हुकूमत के सामने गुहार भी लगाई थी. उस शख्स का नाम है महाराराज प्रताप सिंह.

किसने देखा था सपना

जी हां, इसका सपना सबसे पहले 1898 में डोगरा महाराजा प्रताप सिंह ने देखा था. उस समय उन्होंने कश्मीर को भारतयी रेल नेटवर्क से जोड़ने की कल्पना की थी. मकसद था इस क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास. साथ ही देश की मुख्य धारा से जोड़ना. 127 साल पहले महाराजा प्रताप सिंह ने ब्रिटिश सरकार से अनुरोध किया था कि जम्मू-कश्मीर को भी भारत की रेल नेटवर्क से जोड़ा जाए. उनका सपना था कि शेष भारत की तरह कश्मीर भी रेल से जुड़ा हो. इसके पीछे का उनका मकसद पहाड़ी इलाकों में यातायात सुगम बनाना, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना और देश के बाकी हिस्सों से कश्मीर को मजबूती से जोड़ना था. महाराजा प्रताप सिंह डोगरा राजवंश के सदस्य थे.

अंग्रेजों ने शुरू किया था काम मगर

कहते हैं कि महाराजात प्रताप सिंह की गुहार पर अंग्रेजों ने काम शुरू भी कर दिया था. इस सपने की नींव ब्रिटिश इंजीनियरों ने रखी थी, जिन्होंने 19वीं सदी के अंत में भारत के दुर्गम पहाड़ी इलाकों तक रेलवे लाइन पहुंचाने की योजना बनाई थी. 1898 में एक रेलवे सर्वेक्षण टीम ने जम्मू से लेकर बारामूला तक एक रेलवे रूट प्रस्तावित किया था, मगर भौगोलिक चुनौतियों, राजनीतिक परिस्थितियों और संसाधनों की कमी के चलते यह सपना अधूरा रह गया. आजादी के बाद भी इस प्रोजेक्ट पर कई बार चर्चा हुई, मगर अब जाकर यह प्रोजेक्ट हकीकत बन पाया है.

चेनाब ब्रिज की खासियत

चेनाब ब्रिज की लागत 14,86 करोड़ रुपये है. यह 1,315 मीटर लंबा है और इसमें 28,660 टन स्टील का उपयोग हुआ है. यह पुल 8 तीव्रता के भूकंप और 266 किमी/घंटा की हवा को झेल सकता है. इस ब्रिज के साथ कटरा से श्रीनगर का सफर मात्र 3 घंटे में पूरा होगा, जो सड़क मार्ग से 6-7 घंटे लेता था. यह कश्मीर के पर्यटन, सेब और हस्तशिल्प जैसे व्यवसायों को बढ़ावा देगा.

authorimg

Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...

और पढ़ें

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

homenation

चेनाब ब्रिज से पूरा होगा कश्मीर का 127 साल पुराना ख्बाब, किसने देखा था सपना?

Read Full Article at Source