Last Updated:May 22, 2025, 16:19 IST
Chocolate Worship Temple Kerala: केरल के मंच मुरुगन मंदिर में भगवान को मंच चॉकलेट चढ़ाई जाती है. भक्त यहां चॉकलेट तुलाभारम कर मन्नत मांगते हैं. परीक्षा, बीमारी या तनाव से राहत पाने के लिए लोग यहां चमत्कारी आस्थ...और पढ़ें

मंच मुरुगन मंदिर
हाइलाइट्स
केरल के मंच मुरुगन मंदिर में भगवान को मंच चॉकलेट चढ़ाई जाती है.यहां भक्त अपने वजन के बराबर मंच चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं.परीक्षा, बीमारी और तनाव से छुटकारे के लिए लोग यहां आते हैं.केरल के अलप्पुझा जिले में एक मंदिर है जो अपनी खास पूजा पद्धति की वजह से सोशल मीडिया से लेकर श्रद्धालुओं के दिल तक छा गया है. इस मंदिर का नाम है मंच मुरुगन मंदिर. यहां भगवान मुरुगन की पूजा किसी फूल या नारियल से नहीं, बल्कि नेस्ले की मंच चॉकलेट से की जाती है. सुनकर अजीब जरूर लगता है, लेकिन यहां चॉकलेट ही आस्था की असली मिठास बन चुकी है.
एक चॉकलेट से शुरू हुआ चमत्कारी किस्सा
मंदिर की ये मीठी परंपरा तब शुरू हुई जब एक छोटे बच्चे ने भगवान मुरुगन को मंच चॉकलेट चढ़ाई. इसके बाद उस बच्चे की तबीयत में चमत्कारी सुधार देखा गया. इस घटना ने मंदिर और आसपास के लोगों के बीच चर्चा छेड़ दी. धीरे-धीरे यह विश्वास बन गया कि भगवान मुरुगन को मंच चॉकलेट बेहद प्रिय है और इससे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
मंच तुलाभारम: वजन के बराबर चॉकलेट चढ़ाने की परंपरा
इस मंदिर की सबसे खास बात है मंच तुलाभारम. इसमें भक्त खुद को एक तराजू में बैठाकर अपने वजन के बराबर मंच चॉकलेट चढ़ाते हैं. यह परंपरा आमतौर पर किसी मन्नत के पूरी होने या किसी बड़ी इच्छा को लेकर निभाई जाती है. मंदिर में 8 किलो चॉकलेट से भरने वाला मंच पारा भी मौजूद है, जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
परीक्षा के समय उमड़ता है छात्रों का सैलाब
हर साल परीक्षा सीजन के दौरान यह मंदिर खासा व्यस्त हो जाता है. छात्र अपने बस्ते में किताबों के साथ-साथ मंच चॉकलेट भी लेकर पहुंचते हैं. उन्हें विश्वास होता है कि यहां की एक मिठास भरी आशीर्वाद से उनकी याददाश्त और एकाग्रता बढ़ जाती है. इस वजह से मंदिर में परीक्षा से पहले छात्रों की भारी भीड़ देखी जाती है.
तनाव, बीमारी और उलझनों का मीठा इलाज
यह मंदिर सिर्फ छात्रों के लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए खास है जो किसी बीमारी, तनाव या जीवन की उलझनों से जूझ रहा है. यहां चॉकलेट चढ़ाकर लोग मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और आत्मविश्वास पाने की उम्मीद लेकर आते हैं. भगवान मुरुगन के इस मीठे रूप ने मंदिर को ‘सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र’ बना दिया है.
प्रसाद भी मंच, आस्था भी मंच
मंच मुरुगन मंदिर में पूजा के बाद जो प्रसाद दिया जाता है, वह भी मंच चॉकलेट होती है. बच्चे, बड़े, बुजुर्ग – सभी इस अनोखे प्रसाद को बड़े प्रेम से ग्रहण करते हैं. यहां आस्था और स्वाद का ऐसा संगम देखने को मिलता है, जो शायद ही किसी और मंदिर में हो.
भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें