Last Updated:June 02, 2025, 20:42 IST
IAS Dr V S Alagu Varshini Toilet Remark: डॉ. वी. एस. अलगु वर्षिनी पर गुरुकुल छात्रों से हॉस्टल और टॉयलेट साफ कराने के बयान पर विवाद शुरू हो गया है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नोटिस जारी किया. विपक्ष ने भेद...और पढ़ें

तेलंगाना में इस मुद्दे पर खूब राजनीति हो रही है. (File Photo)
हाइलाइट्स
IAS अधिकारी वर्षिनी के बयान पर विवादSC आयोग ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कियाविपक्ष ने भेदभाव और मनुवादी मानसिकता का आरोप लगायानई दिल्ली. तेलंगाना की IAS अधिकारी डॉ. वी. एस. अलगु वर्षिनी पर गुरुकुल छात्रों को अपने हॉस्टल के कमरों और टॉयलेट को साफ करने के लिए कहने वाला बयान भारी पड़ता नजर आ रहा है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले में तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में विभाग से कहा गया है कि IAS अधिकारी डॉ. वी. एस. अलगु वर्षिनी ने कथित तौर पर गुरुकुल के अनुसूचित जाति (SC) छात्रों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी का प्रयोग किया है. लिहाजा इस मामले में 15 दिनों के अंदर एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की जाए. वर्षिनी तेलंगाना सामाजिक कल्याण आवासीय शैक्षिक संस्थान सोसाइटी (TGSWREIS) की सचिव हैं.
वर्षिनी एक एक ऑडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो गुरुकुल छात्रों को शौचालय और हॉस्टल कमरे साफ करने जैसे कार्यों को उनकी दिनचर्या में शामिल करने का निर्देश दे रही हैं. इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया. वर्षिनी ने ऑडियो में कहा कि गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले इन छात्रों को आत्मनिर्भर बनना चाहिए और अपने कमरे व शौचालय साफ करने में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने इसे बच्चों के विकास का हिस्सा बताया ताकि वे भविष्य में स्वतंत्र जीवन जी सकें. हालांकि इस बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया. भारत राष्ट्र समिति (BRS) की एमएलसी कलवकुंटला कविता ने ऑडियो साझा कर कांग्रेस सरकार पर गरीब और दलित विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
दावा किया गया कि BRS शासनकाल में प्रत्येक सामाजिक कल्याण स्कूल को सफाई के लिए चार अस्थायी कर्मचारियों के लिए 40,000 रुपये मासिक दिए जाते थे, लेकिन मई 2025 से कांग्रेस सरकार ने इसे बंद कर दिया. कविता ने यह भी आरोप लगाया कि 240 स्कूलों में सहायक देखभालकर्ताओं को हटा दिया गया, जिसके कारण छात्रों को वार्डन और रसोई का काम करना पड़ रहा है. BRS नेता और TGSWREIS के पूर्व सचिव डॉ. आर. एस. प्रवीण कुमार ने वर्षिनी की टिप्पणियों को “मनुवादी मानसिकता” करार देते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग की. उन्होंने कहा कि यह आदेश दलित छात्रों के खिलाफ भेदभावपूर्ण है. कविता ने भी इसे बच्चों के अधिकारों और गरिमा का उल्लंघन बताया, जो गुरुकुलों के उद्देश्य को नकारता है.
वर्षिनी ने बाद में दी सफाई
वर्षिनी ने एक अन्य ऑडियो में सफाई दी कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया. उन्होंने कहा कि घर में माता-पिता की मदद करना सामान्य है और यह बच्चों को जागरूक व्यक्ति बनाता है. उन्होंने सफाई कर्मचारियों की कमी के आरोपों को भी खारिज किया. इस मामले में वर्षिनी से संपर्क नहीं हो सका. यह विवाद तेलंगाना में दलित समुदाय के प्रति संवेदनशीलता और प्रशासनिक नीतियों पर सवाल उठाता है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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