Last Updated:May 01, 2025, 18:48 IST
India Pakistan And US: अमेरिका लगातार भारत और पाकिस्तान को बातचीत की मेज तक लाने में जुटा है. हालांकि, पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक कह दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत नि...और पढ़ें

जयशंकर के बाद राजनाथ से भी अमेरिका ने किया संपर्क. (File Photos)
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की हालत इस समय ‘ना घर का, ना घाट का’ जैसी हो गई है. एक तरफ अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत से सीधे बातचीत कर सख्त संदेश दिया. तो दूसरी तरफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेकसेथ से बात कर पूरी दुनिया को बता दिया कि पाकिस्तान आतंक का जनक है, और उसके खिलाफ अब चुप बैठने का कोई सवाल नहीं.
डिप्लोमैटिक फ्रंट पर भारत का ‘डबल पंच’
सबसे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बातचीत में पहलगाम हमले के दोषियों, योजनाकारों और मददगारों को सज़ा दिलाने की बात कही. इसके बाद राजनाथ सिंह ने एक कदम आगे बढ़ते हुए सीधे-सीधे पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया. उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्री को बताया कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकियों को पालता-पोसता आ रहा है. न सिर्फ उन्हें ट्रेनिंग देता है, बल्कि हथियार और पैसा भी मुहैया कराता है.
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, अमेरिकी रक्षा मंत्री ने इस आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया और कहा कि अमेरिका भारत के साथ आतंक के खिलाफ खड़ा है. उन्होंने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को पूरी तरह समर्थन देने की बात भी दोहराई.
शहबाज शरीफ की दोहरी चालें उजागर
इधर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी पीछे नहीं रहे. उन्होंने भी अमेरिका से संपर्क साधा और खुद को ‘पीड़ित’ बताने की कोशिश की. सिंधु जल समझौते की दुहाई दी और दावा किया कि भारत का रुख दक्षिण एशिया की शांति के लिए खतरा है. लेकिन इस बार अमेरिका ने कोई ढील नहीं दी. रुबियो ने साफ कहा कि पाकिस्तान को इस हमले की सार्वजनिक तौर पर निंदा करनी होगी और जांच में सहयोग देना होगा. उन्होंने इस्लामाबाद को तनाव कम करने और सीधे संपर्क बहाल करने की भी नसीहत दे डाली.
सीमा पर तनाव, लेकिन भारत का स्पष्ट संदेश
इसी बीच खबर है कि पाकिस्तान ने सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिक और एंटी-एयरक्राफ्ट गन तैनात कर दी हैं. भारतीय सेना के मुताबिक पाकिस्तान द्वारा एकतरफा सीजफायर तोड़ा गया है. दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें भारत ने दो टूक कहा कि LOC और इंटरनेशनल बॉर्डर पर किसी भी तरह की उकसावे वाली हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
अमेरिका की लाइन साफ: आतंक के खिलाफ भारत के साथ
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने दोनों देशों के साथ हुई बातचीत का सार बताया. उनके मुताबिक अमेरिका आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं को गंभीरता से ले रहा है और चाहता है कि इस हमले के गुनहगारों को सज़ा मिले. उन्होंने पाकिस्तान से जांच में सहयोग करने और शांति की दिशा में ठोस कदम उठाने को कहा.
नतीजा: पाकिस्तान पर बन गया चौतरफा दबाव
पहले जयशंकर की सख्त भाषा, फिर राजनाथ का खुला आरोप, और अब अमेरिका की ओर से मिल रहा सीधा समर्थन, इससे पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर घेरा जा चुका है. भारत ने इस बार सिर्फ बयानबाज़ी नहीं की, बल्कि कूटनीति, रक्षा और अंतरराष्ट्रीय दबाव तीनों ओर से पाकिस्तान की पोल-पट्टी खोल दी है. अब शहबाज शरीफ किस मुंह से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं के सामने जाकर खुद को पीड़ित बताएंगे? क्योंकि अब पूरी दुनिया देख रही है कि असली गुनहगार कौन है.
Location :
New Delhi,Delhi